शहीद अमृता देवी बिश्रोई का 281वां बलिदान दिवस श्रद्धा से मनाया
डबवाली(आर्य) उपमण्डल के गांव सकता खेड़ा में आज बिश्रोई समाज के लोगों द्वारा शहीद अमृता देवी बिश्रोई का 281वां बलिदान दिवस श्रद्धा से मनाया गया। जिसमें सर्वप्रथम प्रात:कालीन अमृतमयी वेला में हरिद्वार से पहुंचे स्वामी श्रद्धेय श्री राजेन्द्र नन्द जी महन्त द्वारा हवन यज्ञ सम्पन्न करवाया गया। जिसमें बिश्रोई समाज के पुरूषों व महिलाओं सहित बच्चों ने भारी संख्या में भाग लिया तथा खेजड़ली गांव के शहीदों को श्रद्धांजलि अॢपत की। 281वें बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विशेष तौर पर शिरकत करने जोधपुर से पहुंचे पर्यावरण प्रेमी खम्भु राम बिश्रोई ने उपस्थिति को सम्बोधित करते हुए कहा कि किस प्रकार शहीद अमृता देवी बिश्रोई ने हरे वृक्षों की रक्षा के लिए अपने पूरे परिवार को बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा कि इस परिवार के अलावा बिश्रोई समाज के 363 अन्य महिला पुरूष भी शहीद हुए। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि जोधपुर के समीप खेजड़ी गांव में आज से 281 वर्ष पूर्व अपने राजा के आदेश पर महामन्त्री गिरधर ने हरे पेड़ों को काटने पहुंचा तो अमृता देवी बिश्रोई हरे पेड़ से लिपट गई और अपनी गर्दन कटवा दी, उसके बाद उसकी पुत्रियों फिर पति ने भी हरे पेड़ों को बचाने के लिए अपना बलिदान दे दिया। उसी तरह 363 बिश्रोई समुदाय के लोगों ने अपना बलिदान दे दिया। लेकिन हरे पेड़ों को नहीं कटने दिया। इस समारोह में पहुंचे वृक्षमित्र राष्ट्रीय संगठन मन्त्री साहब राम गोदारा ने बिश्रोई समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पेड़ - पौधे लगाऐं तथा अपने बच्चों की भान्ति पालन-पोषण कर बड़ा करें। इस अवसर पर सुरेश कुमार गोदारा, सही राम धारणीया, सुल्तान धारणीया, राधे राम गोदारा, खेम चन्द बेनिवाल सहित बिश्रोई समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। यह जानकारी देते हुए बिश्रोई सभा के प्रधान इन्द्रजीत बिश्रोई ने बताया कि कार्यक्रम के अन्त में प्रसाद वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व बीते दिवस गांव में सभा द्वारा पर्यावरण दिवस रैली निकाली गई तथा ग्रामीणों को वृक्षारोपण के लिए जागरूक किया गया।
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