बिना लाईसेंस केमिस्ट शॉप पर जिला औषधि निरीक्षक का छापा, जिला ड्ग विभाग की कार्यप्रणाली कटघरे में, एक कर्मचारी से डेढ़ लाख रूपये में सेटिंग होने का खुलासा



डबवाली - बिना लाईसेंस के दो माह से अवैध तौर पर चल रही केमिस्ट शॉप पर जिला औषधि निरीक्षक ने छापा मार कर दुकान पर बेची जा ही सभी दवाईयों को कब्जे में लेकर सील करने के उपरांत पुलिस के हवाले कर दिया। छापे के दौरान पुलिस ने एक जैन कार और दुकान पर मौजूद हरजिंद्र सिंह को भी हिरासत में ले लिया है। दुकान का संचालक तरसेम सिंह निवासी मलिक पुरा मौके पर से फरार हो गया। मिली जानकारी के अनुसार जिला औषधि निरीक्षक विजय राजे ने आज सिरसा रोड़ पर स्थित बराड़ मेडिकोज पर छापा मार कर दुकान पर बेची जा रही सभी दवाईयों को कब्जे में ले कर सील कर पुलिस के हवाले कर दिया। जिला औषधि निरीक्षक विजय राजे ने बताया कि दो माह पूर्व इस दुकान का लाईसेंस रद्द कर दिया गया था इसके बावजूद दुकान संचालक दुकान को खोल दवाईयां बेचने का कार्य जारी रखे हुए था। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी बराड़ मेडिकोज पर दो मामलों पर कार्यवाही चल रही है। उन्होंने बताया कि दुकान के मालिक को दुकान खाली करवाने के भी निर्देश दिये गये है।
 वही दूसरी और जिला ड्ग विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर से कटघरे में आ गई है जब बराड़ मेडिकोज के हिस्सेदार हरजिंद्र सिंह ने जिला औषधि निरीक्षक की मौजूदगी में विभाग के एक कर्मचारी से डेढ़ लाख रूपये में सेटिंग होने का खुलासा किया है। जिला औषधि निरीक्षक को दिये लिखित ब्यान में हरजिंद्र सिंह ने बताया कि दुकान का लाईसेंस बहाल रखने और सभी दवाईयों के बिल पेश कर मामला निपटाने की ऐवज में डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी। सेंटिंग के बाद वह पचास हजार रुपये नगद ले गया और शेष एक लाख रुपये काम होने के उपरांत देने की बात हुई थी। हरजिंद्र सिंह ने बताया कि ड्रग विभाग के कर्मचारी ने यह रुपये तीन अधिकारियों को देने की बात कही थी। वहीं जिला ड्रग अधिकारी विजय राजे ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि पूरे मामले की जांच की जायेगी और उपरोक्त शिकायत को आला अधिकारियों के पास अगामी कार्यवाही के लिए भेज कर कार्यवाही के लिए लिखा जायेगा।
स्टेट ड्रग कंट्रोलर जी एस सिंघल ने उपरोक्त मामले की जांच करवाने और कार्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किये जाने की बात कही है।

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