डबवाली--डबवाली में वर्ष 2008 के दौरान नामचर्चा को लेकर हुए डेरा सिख विवाद के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह ने सात आरोपियों को दोषी साबित होने पर सोमवार को सात सात साल की कैद की सजा सुनाई।
जिन सात लोगों को सजा दी है उनमें बलकरण सिंह डबवाली, अमरजीत सिंह अलीकां, निर्मल सिंह डबवाली, ज्ञानी उर्फ राजू गुनियाना मंडी, सोनू उर्फ गुरविंद्र डबवाली, गुरप्रीत सिंह डबवाली और शिवराज सिंह अलीकां शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार 18 जुलाई 2010 डबवाली में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के बीच झगड़ा हुआ था जिसमें सिख समुदाय के एक व्यक्ति हरमंदर सिंह की मौत हो गई थी। उससे विवाद और तूल पकड़ गया था। सिख समाज के कई लोग गुस्सा गए थे। विभिन्न दुकानों व मकानों में आग लगा दी गई थी। प्रशासन को आखिरकार कफ्र्यू लगाना पड़ा था। तब से लेकर अब तक यह मामला अदालत में विचाराधीन चल रहा था। इसके अलावा दोनों पक्षों के करीब दर्जनों लोग घायल हो गए थे। उस समय पुलिस ने सिख समुदाय के शिवराज सिंह, बलकरण सिंह, अमरजीत सिंह, निर्मल सिंह, गुरप्रीत सिंह, राजू, सोनू, पप्पू पर धारा 307, 452, 436, 427 के तहत मामला दर्ज किया था जबकि डेरा अनुयायियों में पाच लोगों के खिलाफ धारा 302 के मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह ने सिख समुदाय के सात लोगों को दोषी करार देते हुए सात-सात की कैद की सजा सुनाई है। सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया है। बता दें कि उक्त आठ आरोपियों में से पप्पू की मौत हो गई है। कोर्ट द्वारा डेरा के पाच अनुयायियों के खिलाफ अभी कार्रवाई जारी है उनके मामले में फैसला नहीं सुनाई गई है। उल्लेखनीय है कि गाव मल्लेवाला में भी वर्ष 2007 में डेरा अनुयायियों व सिख समुदाय के लोगों के बीच झड़प हुई थी उस दौरान दर्जनों लोग घायल हुए थे। इस मामले में भी सिख समुदाय के 11 लोगो को कई माह पूर्व तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। अभी इस मामले में हरमंदर सिंह की हुई मौत के मामले में अभी फैसला आनी बाकी है।
फैसला भेदभावपूर्ण, जाएंगे हाई कोर्ट: खालसा
श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार सभा के प्रधान सुखविंद्र सिंह खालसा ने कहा कि सोमवार को कोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के एक व्यक्ति की इस विवाद में मौत हो गई थी और सिख समुदाय के लोगों को ही सजा सुनाई गई है। उन्होंने कोर्ट के इस फैसले को सिख समुदाय की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। ताकि उन्हे न्याय मिल सके। खालसा ने कहा कि शीघ्र ही सीख समुदाय के लोगों की बैठक कर इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। सोमवार को फैसला सुनाए जाने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुखविंद्र खालसा ने बताया कि जो धाराएं सिख समुदाय के लोगों पर लगाई गई थी वे बनती ही नहीं थी। वे माग करते है कि हरमंदर सिंह के हत्या आरोपियों को शीघ्र कड़ी सजा सुनाई जाए।
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