झोलाछाप की छत्रछाया में चल रहा था धंधा, लिंग जांच व गर्भपात भी करवाती थीं गिरोह की महिलाएं


निजी अस्पतालों के कर्मचारियों ने बनाया था गिरोह,
अदालत में पेशी के बाद आरोपी गुरविंद्र तथा लखवीर को गाड़ी में बैठाती पुलिस।
डबवाली - मोबाइल अल्ट्रासाउंंड सेंटर में बेटी होने का पता चलने पर गिरोह की महिला सदस्य उसका कोख में कत्ल करवा देती थी। सीआईए डबवाली ने खुलासा किया है कि गिरोह डबवाली के निजी अस्पतालों में कार्य कर चुके मुलाजिमों ने तैयार किया था। झोलाछाप डॉक्टरों की छत्रछाया में धंधा खूब फलफूल रहा था। सीआईए ने महिला सदस्य को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।
यूं बना गिरोह
लिंग जांच के लिए मोबाइल अल्ट्रासाउंंड सेंटर चलाने वाले गिरोह का गठन डबवाली में हुआ था। पुलिस ने खुलासा किया है कि महिला आरोपी आशा रानी और गांव घुकांवाली निवासी जगदीश इक्ट्ठे एक निजी अस्पताल में कार्य करते थे। अस्पताल से हटने के बाद दोनों ने लखवीर उर्फ लक्खा को अपने गिरोह में शामिल कर लिया। जगदीश ने लिंग जांच करने वाली पोर्टेबल मशीन खरीदने के बाद लिंग जांच के लिए चिकित्सक की खोज शुरू कर दी। बठिंडा निवासी गुरमीत सिंह ने एक साल पहले उनकी मुलाकात जितेंद्र सिंह से करवाई। उसके बाद लिंग जांच का धंधा शुरू कर दिया।
कैसे इकट्ठे होते थे ग्राहक
लिंग जांच करने जितेंद्र माह में दो-तीन बार डबवाली आता था। लिंग जांच को महिलाओं को ढूंढने की जिम्मेवारी आशा, जगदीश तथा लखवीर की थी। इन लोगों के लिए ऐसी महिलाओं की व्यवस्था झोलाछाप डॉक्टर करते थे। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने ऐसे 12-13 झोलाछाप डॉक्टरों के नाम उगले हैं। फेहरिस्त और लंबी होने का अनुमान है।
गर्भपात करती थी आरोपी
पुलिस के समक्ष महिला आरोपी ने खुलासा किया कि लिंग जांच में लड़की की रिपोर्ट होने पर वह गर्भपात करने का उपाय बता देती थी। पुलिस के अनुसार महिला ने स्वीकार किया है कि वह गर्भपात के लिए गोली भी दिया करती थी। गर्भपात करने के बदले ढाई से तीन हजार रुपये की अतिरिक्त फीस वसूल करती थी।
ऑपरेशन थियेटर का जानकार है जीतेंद्र
सीआईए प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि पुलिस पूछताछ में जीतेंद्र ने बताया कि उसने ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का कोर्स कर रखा है। वह मोगा के एक गांव में बने अस्पताल में ओटी इंचार्ज है। पुलिस आरोपियों का नेटवर्क खंगालने में लगी है। उम्मीद है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, ठीक वैसे ही परत दर परत राज खुलते जाएंगे।
एक जगह होती थी सबकी लिंग जांच
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूला है कि ग्राहक मिलने के बाद सभी की लिंग जांच एक ही जगह पर होती थी। सभी महिलाओं को एक निश्चित दिन एक जगह पर बुलाया जाता था। लिंग जांच से पूर्व पैसे एड़वांस में लिये जाते थे। एक महिला से तकरीबन 10 से 20 हजार रुपये लिये जाते थे। जिसमें से जितेंद्र एक फेरे के बदले 35 से 40 हजार रुपये कमाता था। जबकि शेष हिस्से को अन्य आरोपी आपस में बांट लेते थे।
आरोपियों के वकील बोले पुलिस तफ्तीश नहीं कर सकती
पोते के लिए बहू की जांच करवाने आई सास गई जेल
रिमांड देने में लगे ढाई घंटे
पुलिस ने दोपहर बाद करीब ढाई बजे आरोपियों को अदालत में पेश किया था। पुलिस ने पूछताछ के लिए अदालत से आरोपियों का पांच दिन का पुलिस रिमांड मांगा। इस दौरान आरोपी पक्ष की ओर से प्रस्तुत हुए वकीलों ने मामला दर्ज करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए जमानत मांगी। अदालत में वकीलों की लंबी चली बहस के बाद आखिरकार ढाई घंटे बाद अदालत ने एक दिन के रिमांड पर आरोपियों को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस शुक्रवार को आरोपियों को पुन: अदालत में पेश करेगी।
पुन: करेंगे रिमांड की अपील
सीआईए प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि एक दिन की रिमांड अवधि के दौरान पुलिस आरोपियों से अहम तथ्य जुटाने का प्रयास करेगी। शुक्रवार को वे पुन: अदालत से रिमांड अवधि बढ़ाने की अपील करेंगे।
महिलाओं को प्यारा था बेटा
लिंग जांच करवाने आई महिलाओं ने अपने बयानों में कहा है कि उनके एक-एक बेटी है। दूसरी दफा वे बेटी नहीं चाहती थीं। पति, सास के कहने पर ही पुत्र मोह में वे लिंग जांच करवाने पहुंची थी। उन्होंने लिंग जांच करने की एवज में दस-दस हजार रुपये दिए थे।

पोते के लिए बहू की जाँच करवाने आई सास गई जेल 

डबवाली (सिरसा)। पोर्टेबल मशीन के जरिए चलता-फिरता लिंग जांच केंद्र चला रहे गिरोह के खिलाफ तथ्य जुटाने के लिए पुलिस ने बुधवार रात्रि महिला सदस्य के घर पर छापामारी की। वहीं लिंग जांच को आई तीन महिलाओं का मेडिकल करवाया गया। अल्ट्रासाउंंड करवाने पर तीनों ही महिलाएं गर्भवती पाई गई। जिसके बाद पुलिस ने डयूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष महिलाओं के बयान कलमबद्ध करवाए।
रात करीब 12.30 बजे सीआईए ने मोबाइल अल्ट्रासाउंंड केंद्र चलाने वाली महिला सदस्य आशा रानी को डयूटी मजिस्ट्रेट तथा उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी परवेश सिंगला की अदालत ने उसे दो दिन के रिमांड पर पुलिस के हवाले कर दिया। अपनी सास बलवीर कौर के साथ लिंग जांच करवाने पहुंची ऐलनाबाद की मनदीप कौर, चरणजीत कौर तथा किरण को अदालत 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया।
अदालत ने सास बलवीर कौर को चौदह दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। सीआईए ने मनदीप, किरण तथा चरणजीत कौर के दफा 164 के तहत बयान दर्ज करवाए। जबकि गिरोह के शेष सदस्यों जितेंद्र कुमार, लखवीर उर्फ लक्खा, जगदीश तथा गुरविंद्र उर्फ गुरजिंद्र सिंह को सीआईए ने वीरवार को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी परवेश सिंगला की अदालत में पेश किया। 

अदालत ने आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए।

डबवाली (सिरसा)। अदालत में वीरवार को लिंग जांच करने के आरोपियों को पेश करने के समय वकीलों में जबरदस्त बहस हुई। आरोपी पक्ष के वकीलों ने कहा कि पुलिस पीएनडीटी मामले में जांच नहीं कर सकती। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को अदालत में इस्तगासा दायर करना पड़ता है। वकीलों ने तथ्य पेश करते हुए कहा कि पिछले दिनों डबवाली में एक अल्ट्रासाउंड केंद्र पर छापा पड़ा था। केंद्र प्रभारी पर एफआईआर दर्ज होने के बाद उसे अदालत में पेश किया गया। लेकिन अदालत में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई अर्जी दाखिल नहीं की गई थी। जिसके चलते अदालत ने एफआईआर क्रॉस इग्जामिन करते हुए संबंधित केंद्र प्रभारी को डिस्चार्ज कर दिया था। इस मामले में भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने अर्जी दाखिल नहीं की। जिससे पीएनडीटी मामले में पुलिस तफ्तीश बनती ही नहीं। हालांकि लंबी चली बहस के बाद पुलिस एक दिन का रिमांड लेने में कामयाब हो गई। किंतु स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने आरोपियों को बच निकलने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
मैं मानता हूं कि डबवाली में एक निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र प्रभारी को अदालत ने डिस्चार्ज कर दिया था। वह रजिस्टर्ड केंद्र था। अब विभाग ने इस्तगासा दायर किया है, मामला अभी भी विचाराधीन है। बुधवार को सामने आया मामला इससे बहुत अलग है। पहले हमने गिरोह में संलिप्त लोगों को पकड़ा, फिर पीएनडीटी के तहत एफआईआर करवाई। जो बिना किसी रजिस्टर्ड मशीन के लिंग जांच करके लोगों के साथ धोखा कर रहे थे। ऐसे लोगों पीएनडीटी के साथ-साथ धोखादेही का मामला भी दर्ज किया गया है। आरोपियों का पूरा नेटवर्क खंगाले जाने के बाद अदालत में इस्तगासा दायर किया जाएगा।
-सुरेंद्र नैन, सीएमओ, सिरसा

इस से पहले ऐसे किया गिया भंडाफोड़ 
मोबाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर से लिंग जांच का भंडाफोड़
 प्रदेश में एक तरफ जहां सरकार 22 जनवरी से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना लागू करने जा रही है वहीं बुधवार को डबवाली में मोबाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर से लिंग जांच कर बेटियों को धरती पर आने से रोकने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ।
पुलिस की पकड़ में आए आरोपी ने कबूल किया कि प्रदेश में ऐसे सैकड़ों सेंटर चल रहे हैं, जहां कोख में ही बेटियों का कत्ल किया जा रहा है। चलती वैन में पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन लगाकर लिंग जांच करने का यह धंधा हरियाणा और पंजाब में एक साल से चल रहा था। बताया जा रहा है कि प्रदेश में इस तरह लिंग जांच के खुलासे का यह पहला मामला है।
गुप्तचर विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से सीआईए की मदद से गांव मांगेआना में भ्रूण जांच करने वाली गैंग को गिरफ्तार कर मशीन को जब्त कर लिया।
वैन में पोर्टेबल मशीन रख घूम-घूमकर की जा रही थी जांच
 हरियाणा और पंजाब में सक्रिय है गिरोह
 सीआईडी की सक्रियता से पकड़ा गया
पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन से अल्ट्रासाउंड करते हुए रंगे हाथ पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ डबवाली थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। जानकारी के आधार पर डबवाली में एक अन्य अस्पताल के रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है। -
डॉ. सुरेंद्र नैन, सीएमओ
यूं बनाई गई खुलासे की योजना
छह माह से सीआईडी को सूचना मिल रही थी कि जिले में मोबाइल सेंटर से लिंग जांच की जा रही है। गैंग को पकड़ने में सीआईडी को दो बार सफलता नहीं मिली। तीसरी दफा सीआईडी ने प्लान बनाकर एक फर्जी ग्राहक तैयार किया। ग्राहक को गिरोह में शामिल डबवाली निवासी लखवीर से मिलाया गया। सेटिंग होेने के बाद 31 दिसंबर 2014 का दिन निर्धारित किया गया। तय कार्यक्रम अनुसार बुधवार सुबह करीब 11 बजे डॉ. जितेंद्र अपनी इनोवा गाड़ी के चालक गुरविंद्र सिंह के साथ डबवाली पहुंचा और डबवाली में पहले से गाड़ी में सोनोग्राफी मशीन लेकर तैयार खड़े घुकांवाली निवासी जगदीश के साथ सवार हो गया। वहीं दूसरी गाड़ी में सवार डबवाली निवासी लखवीर उर्फ लक्खा कालांवाली टी प्वाइंट पर इकट्ठी हुई ऐलनाबाद, संगरिया तथा डबवाली निवासी चार महिलाओं को लेने के लिए पहुंच गया। उसके साथ आशा रानी भी मौजूद थी। जैसे ही डॉ. जितेंद्र की गाड़ी पास पहुंची तो लक्खा ने गाड़ी आगे लगा ली। दोनों गाड़ियां गांव मांगेआना पहुंची।

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