चुटकियां बजाता रहा बाबा जीवित नहीं हो पाई महिला
13 घंटों तक महिला के मृत शरीर में आत्मा डालने का खेल करता रहा तांत्रिक
- अंधविश्वास की हद
- डबवाली क्षेत्र की महिला की बुखार के चलते शुक्रवार रात को हो गई थी मौत
- करीब 24 घंटे बाद रविवार सुबह महिला का किया गया अंतिम संस्कार
- तथाकथित बाबा के दरबार में 50 लोगों की थी भीड़
सुबह से शाम हो गई। न तो महिला जीवित हुई और न ही परिवार दरबार से बाहर आ सका। कुछ लोगों ने शव उठाने का प्रयास किया। बाबा ने उन्हें रोक दिया, बोले ट्राई करने में क्या जाता है। यहां बैठे लोगों की उम्मीद थोड़ा तोड़नी है। बीड़ी के धुएं के छल्लों में बाबा ने खूब चुटकियां बजाईं, मगर महिला जीवित नहीं हुई। शरीर पूरी तरह से काला होने लगा। बाबा ने अपना गरूर नहीं तोड़ा। रात करीब नौ बजे करीबी रिश्तेदारों ने एक आरएमपी को मौके पर बुलाया। उसने भी महिला को मृत करार दिया। बाबा और अंधविश्वासी परिवार को बात हजम नहीं हुई। परिवार बाबा बचा लो, बाबा मुर्दे खड़ा हो जा कहता रहा। बाबा का कहना था कि औरत मरी नहीं है, इसे किसी ने पकड़ रखा है। यह आधी रात को जरूर बोलेगी।
कैमरा देख उतरा बाबा का भूत
मौके पर पहुंची पत्रकारों की टीम देखकर बाबा ने अपने तेवर बदल दिए। करीब 13 घंटों तक महिला को जीवित करने का दावा करने वाला शव उठा ले जाने की बात करने लगा। ऐसे में अंधविश्वासी परिवार की आंखों से भी पट्टी हट गई। मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। लोगों ने पुलिस कार्रवाई होने का भय दिखाया, जिस पर परिवार ने झट से शव को उठा लिया और अपने गांव की ओर चल दिए। करीब 24 घंटे बाद रविवार सुबह करीब आठ बजे महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
गांव जोगेवाला की एक महिला बेहोशी की हालत में उपचार के लिए सिविल अस्पताल में लाई गई थी। उसे मलेरिया था। लूज मोशन की शिकायत भी थी। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद सिरसा रेफर कर दिया था।
-डॉ. गगनदीप, सिविल अस्पताल डबवाली
शनिवार सुबह कुछ लोग महिला को लेकर आए थे। अस्पताल के बाहर ही मैंने महिला का चेकअप किया। वह मृत थी।
-पीके अग्रवाल, हृदय रोग विशेषज्ञ डबवाली
दाह संस्कार की तैयारी थी। शव को नहलाने के बाद गर्म पाकर वैद्य ने गरीब परिवार को उलझा दिया, जिसके बाद परिजन शव को वापस डबवाली ले गए और बाबा के चक्कर में फंस गए।
-हरबंस सिंह, सरपंच गांव जोगेवाला
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