सफेद मच्छर ने उड़ाई किसानों की नींद नरमें की फसल के लिए काल है सफेद मच्छर
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ओढ़ां। बरसात के साथ ही किसानों को जहां राहत मिली है तो वहीं नरमें की फसल पर तेजी से उत्पन्न हो रहे सफेद मच्छर ने उनकी नींद उड़ा दी है जिसके चलते किसान अंधाधुंध दवाओं का छिड़काव कर फसल को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। लेकिन उन्हें इससे राहत मिलती प्रतीत नहीं हो रही। उधर, कृषि विभाग ने किसानों को सचेत किया है कि वे इस संबंध में कृषि अधिकारियों की उचित राय के बिना अंधाधुंध छिड़काव से परहेज करें व सही दवाओं का ही प्रयोग करें। क्षेत्र के गांव नुरियांवाली के किसान आशाराम नेहरा, भागीरथ वर्मा, रवीेंद्र कुमार, जगदीश सहारण, कालूराम, लालचंद सरस्वां आदि ने बताया कि इस समय नरमे की फसल पर सफेद मच्छर का प्रकोप चल रहा है जिससे फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने किसानों को सचेत करते हुए कहा कि सफेद मच्छर के लिए किसान प्राइड व एसीफेट का प्रयोग हरगिज न करें क्योंकि इससे एक बारगी तो राहत मिलेगी लेकिन पुन: न केवल मच्छरों की संख्या बढ़ेगी बल्कि पौधे पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि सफेद मच्छर के लिए एक लीटर निमीसिडीन (नीम की दवा) व 300 एमएल रोगोर का 150 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ में छिड़काव करें तथा दूसरा छिड़काव जिंक (21) आधा किलो व दो किलो यूरिया को सौ लीटर पानी में मिलाकर करें। उन्होंने कहा कि किसान उक्त छिड़काव सांयकालीन में ही करें क्योंकि इस समय छिड़काव का असर पूरा रहेगा।
एक लीटर निमीसिडीन और 300 एमएल रोगोर का करें छिड़काव : कृषि अधिकारी
कृषि विभाग ने चलाया जागरूकता अभियान
कॉटन की फसल में व्हाइट फ्लाई के प्रकोप के बाद कृषि विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग ने अभियान चलाकर किसानों को इस बीमारी पर काबू पाने के टिप्स बताए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को सिरसा खंड के कई गांवों में जाकर विभाग की टीम ने किसानों को जागरूक किया। बरसाती मौसम के कारण कॉटन की फसल में व्हाइट फ्लाई का प्रकोप आ गया है। हालांकि सिरसा जिले में अभी तक यह रोग ने गंभीर स्थिति में नहीं है पर विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
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