मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम पाती
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आदरणीय श्री मनोहर लाल जी खट्टर
मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार
महोदय
प्रांत ने एक हफ्ता नंगा नाच देखा। और सरकार से कुछ हो नहीं पाया। अफसरों ने आपकी बात मानी या नहीं हमे नहीं पता लेकिन रिपोर्ट बता रही हैं कि अफसर खुद आगजनी और लूटपाट को बढ़ावा देने में लगे रहे। प्रदेश में जितनी निजी संपत्तियां जली है उनमे से 70 प्रतिशत पंजाबियों की हैं। हमें नहीं पता की इन्हें जाटो ने जलाया या किसी और ने लेकिन पंजाबी आरक्षण नहीं चाहते लड़ते नहीं गलत नहीं बोलते चोरी चकारी नहीं करते लूटपाट नही करते भ्रस्टाचार नहीं करते नशा नही बेचते। फिर भी क्यों चुभ रहे हैं किसी की आँख में। पंजाबी आज़ादी के वक्त भी लुटा। मेहनत की फिर से खड़ा हुआ। आज फिर उसे लूट लिया गया। बेशक वह मेहनत से फिर खड़ा होगा लेकिन क्या उसकी यही नियति है।
मुख्यमंत्री जी। पंजाबी कभी जाति आरक्षण और भेदभाव में नहीं पड़ा। लेकिन मौजूदा हालात क्या बया करते हैं कि जो जाति की बात करेगा सरकार उसी की सुनेगी?
बहुत ही गंभीर हालात बन गए हैं प्रांत के। देश में सहिष्णुता है या नहीं हमे नहीं मालूम लेकिन हरियाणा प्रांत में सहिष्णुता नहीं बची। हम तो पाकिस्तान समर्थक भी नहीं हैं फिर रहने के लिए हमे सुरक्षा की गारेंटी क्यों नहीं।
रोहतक में अरोरा क्लॉथ हाउस हांसी में भाई जी का ढाबा और उनके व्यापारिक संस्थान और भ्याना जी की बयां की गयी कहानी। कहाँ ले गयी है आपके प्रांत को। क्या हरियाणा में सिर्फ एक ही जाति रहेगी। दलित बोलेगा तो पिटेगा। उनका कुत्ता भी भौकेंगा तो बस्ती फूंक दी जायेगी। पंजाबी चुपचाप मेहनत भी करेगा तो उन्हें बर्दाश्त नहीं होगी?।
आप बताये मुख्यमंत्री जी । जिन जिन के संस्थान जलाये गए उनका दोष क्या है। जाटो को तो मुआवजा भी देंगे सरकारीनौकरी भी देंगे और आरक्षणभी। जिनके संस्थान जलेहैं उनकी दिहाड़ी भी गयी। bussiness भी गया और भविष्य भी।
रोहतक में स्कूल जला दिए गए।
आपने हरियाणा बोर्ड के पेपर आगे करती है अब cbse वाले बच्चों का क्या होगा क्या उनकी पढ़ाई खराब नहीं हुई क्या बे अंकों की दौड़ में पीछे नहीं रह जाएंगे कौन भरपाई करेगा उनकी क्या करोगे आप उनके लिए। कुछ नहीं क्योंकि आप को भी वोट चाहिए थोड़ी देर के लिए वोटों से ऊपर उठो हम सब आपके साथ हैं
बस एक बात तो सिद्ध हो गई कि यहां ठोक तंत्र है।
आप से निवेदन है मुख्यमंत्री जी। या तो आप पद छोड़ दे और सत्ता इन्ही को वापिस लौटा दें अगर ये हमे आज़ादी की गारेंटी देते हैं तो।
नहीं तो आप मुख्यमंत्री होने की ताकत दिखाए।
चूल तो आपको कसनी पड़ेगी सर।
हम हर बार उजड़ कर बसने की नियति को प्राप्त नहीं होना चाहते।
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Dr Sukhpal
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