तेज आंधी के कारण जल रहे फसल के अवशेषों की चिगांरी से 13 एकड़ गेहूं जली




लापरवाही से तीसरे दिन भी लगी आग, 13 एकड़ गेहूं जली
किसानों को झेलना पड़ रहा है हजारों रुपये का नुकसान
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उपमंडल मेंं मंगलवार रात चली आंधी के दौरान कई जगह फसलों में आग लग गई इससे करीब 15 एकड़ में गेहूं भूसा जलकर राख हो गया। रबी सीजन के दौरान गेहूं फसलों की कटाई शुरू होने मौसम में बदलाव के चलते मंगलवार रात के समय एक ही समय पर करीब 4 जगह आग लगी। जिसमें करीब 4 से 5 एकड़ गेहूं ओर 8 से 10 एकड़ में गेहूं का भूसा जलकर राख हो गया। वहीं फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया। गेहूं की फसले पूरी तरह से तैयार होने पर किसानों ने कंबाइन से फसलों की कटाई शुरू कर दी है ऐसे में किसान अपनी फसले निकालकर उसके बचे अवशेषों को जलाने लगते है। जिसके चलते मंगलवर रात को मौसम खराब होने से तेज आंधी चलने लगी जिसके कारण आसपास के खेतों के अवशेषों की चिंगारी उड़कर खेतों की खड़ी फसलों में जा लगी ओर किसानों को हजारों रुपये का नुकसान हो गया।
इस दौरान लोहगढ़ के फत्ताकेरा में बुधवार सुबह किसान करतार सिंह, जगसीर सिंह, पिरथी सिंह के खेतों में बिजली र्स्पाकिंग के चलते खड़ी गेहूं में आग लग गई। जिसकी सूचना मिलने पर जिसे नगर परिषद के फायर बिग्रेड एएफएसओ कर्म सिंह, ड्राइवर राकेश कुमार, एसएम कुलदीप सिंह ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया। घटना में खेत में करीब 6 किले में गेहूं जलकर राख हो गई। वहीं आसपास के खेतों में आग से बचाव हो पाया। इसी दौरान बीती रात को वहीं खुईया मलकाना में मंगलवार रात को गगनदीप पुत्र तरसेम सिंह के खेतों में शाम 7 बजकर 15 मिनट पर बिजली पोल की तारों के आपस में टकराने से चिंगारी निकली जो उसकी गेहूं की फसल पर गिरने से आग लग गई।
सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड एएफएसओ कर्म सिंह, राजेंद्र कुमार चालक ने मौके पर पहुंच करीब 2 घंटों की मुश्क्कत के बाद आग पर काबू पाया। परंतु किसान की करीब 2 एकड़ 4 कनाल गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। गंगा में अबूबशहर रोड़ स्थित खेतों में शाम 6 बजकर 50 मिनट पर गेहूं के भूसे में अचानक आग लग गई। जिसकी सूचना मिलने पर नप के फायर ब्रिगेड कर्मचारी जगदीश ड्राइवर फायरमैन सुरेंद्र कुमार, गुरप्रीत सिंह मौके पर पहुचकर आग पर काबू पाया। इस घटना में 5 एकड़ गेहूं का भूसा दो ट्राली लकड़िया जलकर राख हो गई। सुखेराखेड़ा के खेतों में आग लगी जहां करीब 5 से 6 किले में खड़ी गेहूं जलकर राख हो गई।
लोहगढ़ के पास फत्ताकेरा के खेतों में लगी आग से जलकर राख हुई 6 एकड़ गेहूं की फसल।
किसान फसलो को निकालने के बाद उसकी बिजाई शुरू करते है। जिसके लिए किसान गेहूं के अवशेषों का इस्तेमाल करने की बजाय उसे आग लगा देते है। इससे एक तो जमीन की उपजाऊ क्षमता कम हो जाती है वहीं खेतों में चिंगारी लगने से किसानों की सालभर से मेहनत पर पानी फिर जाता है। इसलिए किसान फसलों की कटाई के बाद गेहूं के अवशेषों को जलाने के बजाए तूडी बनाकर इस्तेमाल करे।






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