बादल राज में खत्म हो रही है '' नन्ही छाँव '' लिंग जाँच करते पकड़ी गई 8 वीं पास डॉक्टर




भंडाफोड़ |भ्रूण लिंग जांच मामले में पंजाब से गिरफ्तार नर्स गुरमेल ने खोले कई राज

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विदेश में रह रहे डॉक्टर दंपती के बंद पड़े अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन पंजाब के मोगा में कुसा निवासी महिला ने चोरीछिपे चलाई। फिर वह कोख में बेटा-बेटी की जांच करने का धंधा शुरू कर मोटी रकम कमाने लगी। यह 8 वीं पास नर्स जांच कराने वाली महिला के परिवार की आर्थिक स्थिति देखकर ही बेटा-बेटी की रिपोर्ट देती थी।
छापेमारी के दौरान जांच टीम के सामने आरोपी नर्स गुरमेल कौर ने बताया कि उसकी मां को कैंसर है। उसने इलाज के लिए रकम इकट्ठी करने के लिए यह काम चलाया था। उसे प्रत्येक केस में 2 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक मिलते थे। उसने अमेरिका गए डॉक्टर दंपती के अस्पताल को पीछे से खोला और उसमें सील कर रखी दो अल्ट्रासाउंड मशीन में एक काे चला लिया था। हालांकि महिला ने 10 दिन पहले जांच शुरू करने की बात कबूली लेकिन बताया जा रहा है कि कई सालों से इस अस्पताल और मशीन का दुरुपयोग किया जा रहा था। आरोपी महिला गुरमेल कौर पहले इस अस्पताल में काम करती थी और उसे पूरे परिवार के विदेश जाने की जानकारी के साथ-साथ यहां अल्ट्रासाउंड मशीन है। इससे उसने एक मशीन खोलकर लिंग जांच करना शुरू कर दिया। 8 वीं पास महिला ने टीम को बताया कि उसे अल्ट्रासाउंड की कोई जानकारी नहीं थी और वह गर्भवती के पेट पर मशीन चलाकर वैसे ही बेटा-बेटी बताती थी।
तार जुड़े हैं सिरसा से
सीआईडी स्टाफ को बरनाला में भ्रूण लिंग जांच करने की सूचना मिली। स्वास्थ्य विभाग ने उसी आधार पर सयुंक्त टीम का गठन किया। छापा मारकर आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करवाया गया है। पुलिस पूछताछ में सिरसा से जुड़े ओर मामले सामने आने की उम्मीद है। डाॅ.विरेश भूषण, डिप्टी सिविल सर्जन, सिरसा।
बठिंडा रोड पर गली नंबर 4 निवासी आरएमपी रामदास अपने घर में भी क्लीनिक चलाता है। रामदास पहले भी लिंग जांच गिरोह से जुड़ा हुआ था और जमानत पर है। खंड के गांव मांगेआना में 31 दिसंबर 2014 में पकड़े गए डॉक्टर जितेंद्र मोगा जगदीश घुक्कांवाली से संपर्क में था। इससे अभी जमानत पर होने के बावजूद फिर गिरोह में शामिल हो गया। बताया जा रहा है की उनकी पत्नी भी गर्भवती को परामर्श और डिलिवरी कराती थी। वहीं रामदास के 2 बेटे रहे जिनमें एक पटियाला में डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए गया था और 21 मई 2009 को उसकी मौत हो गई जबकि दूसरा बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है। आरोपी रामदास की पत्नी राजकौर ने भास्कर को बताया कि उनका कोई गिरोह नहीं है। उन्हें फंसाया जा रहा है। वे तो घर पर आए मरीजों को मामूली दवाई देते हैं जबकि वह खुद हाउस वाइफ है।
डबवाली की टीम ने जहां दबिश दी वह गुरु तेग बहादुर अस्पताल कई सालों से बंद है। गिरोह के सदस्य पिछले गेट से आकर जांच करते थे। जबकि बरनाला सिटी थाना इस गेट के सामने ही बना हुआ है। पंजाब पुलिस पर भी गिरोह के संरक्षण के आरोप लगे है। मामले में हरियाणा की टीम ने आरोपी डबवाली निवासी रामदास के साथ उसके रिश्तेदार दलाल मोगा निवासी जगतार सिंह, गुरप्रीत कौर, गुरमेल कौर के साथ मौके पर जांच कराने आई अमनदीप कौर मनदीप कोर, बलजीत कौर पर भी केस बनाने की रिपोर्ट पंजाब के स्वास्थ्य विभाग पुलिस को दी है। लेकिन बरनाला थाना पुलिस ने अभी 4 को ही आरोपी बनाया है जबकि अस्पताल मालिक सहित बाकी लोगों की संलिप्तता की जांच शुरू की है। बरनाला के एस एच देवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस कार्रवाई कर रही है।



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