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गांव लोहगढ़ में बहनों से छेड़छाड़ उठाकर ले जाने की कोशिश मामले में रविवार को सदर थाना प्रभारी ने नियमविरुद्ध पीड़िताओं को थाने में बुलाया। थाने में दोनों पक्ष के लोगों को बुलाकर केस पर चर्चा की गई। दोनों पक्षों की ओर से अपनी अपनी बात रखे जाने के दौरान तनाव की स्थिति बन गई। इस दौरान पीड़िताओं को असुरक्षा महसूस हुई और लगा कि उनकी थाने में सुनाई नहीं हो रही। इसके चलते असुरक्षा से घिरीं वे खुद और उसके साथ आए ग्रामीण थाने से चले गए। बाद में डीएसपी ने थाने में पहुंचकर स्थिति संभाली। सदर थाना प्रभारी विनोद काजला रविवार को सुबह 11 बजे डीएसपी की तफ्तीश के नाम पर पीड़िता बहनों दूसरे पक्ष के लोगों को थाने में बुलाया गया। इस दौरान आरोपी युवकों को भी थाने बुलाया गया। आरोपियों के पक्ष में परिजनों के अलावा गांव के सरपंच कीरत सिंह उसके बेटे, रिटायर्ड कानूनगो हरदयाल सिंह सहित दर्जनों लोगों ने कहा कि मामला झूठा है और मामले में ट्रैक्टर वालों से झगड़ा हुआ है जिसका फैसला चौटाला पुलिस पंचायती तौर पर करा चुकी है। लेकिन पीड़िताओं के पक्ष के लोगों पूर्व सरपंच नछत्र सिंह, हरबंस सिंह, पूर्व पैक्स चेयरमैन गुरजीत सिंह कुलार अन्य दर्जनों ग्रामीणों ने कहा कि मामले में पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करें और एक माह पहले हो चुकी घटना में तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार करे। इस दौरान घटना के दिन बाइक पर सवार तीसरे युवक ने भी बताया कि ट्रैक्टर चालक और लड़कियों से युवकों बब्बी सत्तू ने अभद्रता की थी लेकिन इससे 10 दिन पहले वाली घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उनके मामले को झूठा बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है। पुलिस उनकी सुनवाई और सुरक्षा नहीं कर सकती तो वे मजदूरी करने के लिए गांव छोड़कर बाहर चली जाएंगी। इसी दौरान दोनों पक्षों के बात रखने के दौरान गरमा गरमी हो गई और दोनों पक्षों में तनाव हो गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कई लोगों को थप्पड़ तक जड़ दिए। हालांकि बाद में पीडि़ताएं बिलखते हुए बोलीं कि जब उनकी सुनवाई नहीं होनी थी तो एक माह से केस के नाम पर बेइज्जती क्यों की जा रही है। इसके बाद पीड़िता और उनके पक्ष के लोग थाने से निकल गए और डीएसपी आवास पर जाकर मामले में सुनवाई नहीं होने की बात कही। डीएसपी सत्यपाल यादव ने थाने में पहुंचकर सुरक्षा चौकस कराई और पीड़िताओं को आईआे के साथ अकेले कमरे में बुलाकर घटना की जानकारी ली और आरोपी को भी बुलाया गया। इसमें आराेपी ने वारदातें कबूल कर ली जिस पर डीएसपी ने आरोपियों को गिरफ्तार कर केस में आगामी कार्रवाई करने के आदेश दिए। इससे दोनों पक्षों के लोग शांत हो गए। डीएसपी ने सरपंच कीरत सिंह पूर्व सरपंच नछत्र सिंह को भी गांव में बेटियों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता कायम करने की अपील की। सदर थाना में छेड़छाड़ पीड़िताओं को लेकर हो रही पंचायत में तनाव की स्थिति बिलखती पीड़िताएं। तफ्तीश के लिए बुलाया मामले में तफ्तीश की जानी थी। इसलिए दोनों पक्षों के लोगों काे बुलाकर बात की गई। पीडि़ताएं थाने से जाने के बाद मैंने दोबारा बुलाकर पूरी बात सुनी है। मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है। सत्यपालयादव, डीएसपी, डबवाली मामले में तफ्तीश के लिए पीड़िता उसकी बहनों सहित दोनों पक्षों को बुलाया। दोनों को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया। इस दौरान आपसी कमेंट बाजी से विवाद की स्थिति पैदा हो गई। विनोदकाजला, सदर थाना प्रभारी, डबवाली एक्सपर्ट व्यू: पीड़िता के निवास पर जाकर अन्वेक्षण कर सकते हैं एडवोकेट राजीव स्वामी के अनुसार सीआरपीसी की धारा 160 के अनुसार किसी बालक, वृद्धा, महिला शारीरिक एवं मानसिक रुप से असक्षम व्यक्ति को कोई पुलिस अधिकारी अन्वेक्षण के दौरान केवल पीड़ित के निवास स्थान पर जाकर बयान ले सकते हैं अन्यथा कहीं नहीं बुला सकते। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसे मामलों में पीड़िताओं के प्रति संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए हुए ैं। छेड़छाड़ के आरोपी बब्बी सत्तू पुलिस की मौजूदगी में सदर थाने के कमरे में जमीन पर बैठे हुए। |
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