पंजाब से फ्लडी पानी कोटला ब्रांच में आने से मसीतां के पास माइनर टूटने से फसलों को नुकसान Punjab's water again destroyed Haryana's crops
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पंजाब से कोटला ब्रांच का पानी एक बार फिर गुरुवार को नहर में गया। इससे नहर का पानी देसुजोधा से डबवाली डिस्टीब्यूट्री में छोड़ा गया। लेकिन इसमें भाखड़ा का पानी पहले से ही ज्यादा होने से नहर गांव मसीतां के पास टूट गई। दोपहर बाद नहर को पाटा गया लेकिन अब कोटला ब्रांच टूटने की स्थिति में भरी हुई है। पिछले पखवाड़े भी गांव पन्नीवाला मोरिकां में कोटला ब्रांच टूट गई थी। जिससे खराब हुई सैकंडों एकड़ फसल का अभी मुआवजा ही नहीं बना और बदइंतजामी के चलते दोबारा फिर नहर टूटने की स्थिति हो गई है।
पंजाब के पटियाला में कोट बख्तू हैड से फ्लडी पानी छोड़ जाने से सैकंड़ों किलोमीटर लंबी कोटला ब्रांच में गुरुवार को अचानक पानी गया। इससे सीमावर्ती गांव पन्नीवाला मोरिकां, देसुजोधा हैबुआना के किसानों ने नहरी विभाग के भरोसे रहने की बजाय खुद निगरानी की। इससे शुक्रवार सुबह तक नहर पूरी भर जाने पर भी कहीं टूटने नहीं दी गई। इस बीच विभाग ने पानी आगे निकालने के लिए इसे डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी में भी निकाल दिया। जिससे तीनों गांवों के लोगों ने राहत महसूस की लेकिन मसीता में डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी नहर भी पानी के दबाव से टूट गई। इससे नहर के टूटने से करीब 70 एकड़ फसलों में पानी भर गया। खेतों में पहले से ही बारिश अौर ट्यूबवेल पानी की सिंचाई की होने से अब फसलों को बचाना मुश्किल हो गया है। वहीं शुक्रवार को सुबह नहर टूटने की सूचना पर नहरी विभाग के जेई अंकुर अपनी टीम लेकर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से नहर पाटने का काम शुरू कराया। इस पर काफी मशक्कत के बाद जेसीबी मशीनों की मदद से नहर को पाट दिया। मौके पर नायब तहसीलदार जगदीश राय ने माैका मुआयना करते हुए किसानों को नियमानुसार नुकसान की भरपाई कराने का वादा किया।
गेहूंकी 70 एकड़ फसल में भरा पानी
गांव मसीतां के खेताें में नहर टूटने से पीड़ित किसान प्रेम कुमार, पवन कुमार, फग्गू सिंह, पप्पू, गुरविंद्र, बाघ सिंह, हरनेक सिंह अन्य ने बताया कि उनके खेतों में गेहूं की अच्छी फसल खड़ी थी लेकिन नहर टूटने से 70 एकड़ फसलों में पानी भर गया है। अब फसल को बचाने के लिए पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। इससे नहर टूटने वाले खेतों में फसल खराब हो चुकी है जबकि बाकी खेतों में भी फसल को बचाना मुश्किल हो गया है।
8जनवरी माेरिकां में टूटी थी काेटला ब्रांच
उल्लेखनीय है पंजाब से फ्लडी पानी आने वाली कोटला ब्रांच नहर पिछले पखवाड़े 8 जनवरी की रात को गांव पन्नीवाला मोरिकां के पास टूट गई थी। इससे करीब 400 एकड़ फसल में पानी भर गया था जिसमें ज्यादातर फसल अब खराब हो चुकी है और सरकार उन्हें ज्यादातर को बीमा होने से मुआवजा भी नहीं दे रही है कि अब दोबारा फिर नहर में पानी गया। पिछले पखवाड़े नहर टूटने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई सहायता करने पर किसानों ने खुद पंप लगाकर खेतों से पानी निकाला था। इसी तरह किसान नुकसान से उभर नहीं पाए थे। जिसमें प्रशासन की ढिलाई के चलते दोबारा 19 दिनों बाद फिर से माइनर टूटने से 70 एकड़ जमीन में जलभराव से नुकसान हुआ।
किसानों के नुकसान के लिए प्रशासन जिम्मेदार
किसानों ने कहा कि चाहे पंजाब हो या हरियाणा नहर में पानी छोड़ने से पहले स्थानीय अधिकारियों को गौर करना चाहिए कि इसका आगे क्या प्रभाव होगा। प्रभावित एरिया में अलर्ट किया जाना चाहिए लेकिन किसान ही अपने स्तर पर प्रबंधन करते हैं और वे ही विभाग को पानी की जानकारी देते हैं जबकि होना ये चाहिए कि पानी अाने की सूचना किसानों को विभाग की ओर से दी जानी चाहिए।
कोटला ब्रांच टूटने से 4 गांवों को खतरा
कोटलाब्रांच नहर में पानी अब टूटने की कगार पर है। नहर पूरी तरह ओवरफ्लो चल रही है। पंजाब के सीमावर्ती गांवों के अलावा हरियाणा के गांव पन्नीवाला मोरिकां, देसुजोधा हैबुआना के ग्रामीण नहर की खुद निगरानी कर रहे हैं ताकि टूटने से बचाया जा सके। हालांकि रात तक पानी कम होने की संभावना होने और आगामी पानी निकासीकी सही व्यवस्था होने से पानी टूटने का डर बना हुआ है। इससे नहर के आसपास के 4 गांवों को भी खतरा बना हुआ है। किसानों ने कहा कि 19 दिन पहले टूटी नहर से सबक लेकर प्रशासन ने तुरंत राहत की योजना बनाई होती तो अब पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था हो सकती थी लेकिन प्रशासन नेताआें ने इसे जस का तस छोड़ दिया। इससे दोबारा आफत गई है।
प्रबंध किए जा रहे हैं: जेई
नहर में पानी की सूचना मिलने पर बंदोबस्त किए जा रहे हैं। उच्चाधिकारियों ने पंजाब के पटियाला से पानी बंद करा दिया है। करीब 30 घंटे पानी इसके बावजूद चलता है। कोशिश कर रहे हैं कि कोटला नहर को कहीं टूटने दिया जाए। अंकुर,जेई, नहरी विभाग
पंजाब के पटियाला में कोट बख्तू हैड से फ्लडी पानी छोड़ जाने से सैकंड़ों किलोमीटर लंबी कोटला ब्रांच में गुरुवार को अचानक पानी गया। इससे सीमावर्ती गांव पन्नीवाला मोरिकां, देसुजोधा हैबुआना के किसानों ने नहरी विभाग के भरोसे रहने की बजाय खुद निगरानी की। इससे शुक्रवार सुबह तक नहर पूरी भर जाने पर भी कहीं टूटने नहीं दी गई। इस बीच विभाग ने पानी आगे निकालने के लिए इसे डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी में भी निकाल दिया। जिससे तीनों गांवों के लोगों ने राहत महसूस की लेकिन मसीता में डबवाली डिस्ट्रीब्यूटरी नहर भी पानी के दबाव से टूट गई। इससे नहर के टूटने से करीब 70 एकड़ फसलों में पानी भर गया। खेतों में पहले से ही बारिश अौर ट्यूबवेल पानी की सिंचाई की होने से अब फसलों को बचाना मुश्किल हो गया है। वहीं शुक्रवार को सुबह नहर टूटने की सूचना पर नहरी विभाग के जेई अंकुर अपनी टीम लेकर मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से नहर पाटने का काम शुरू कराया। इस पर काफी मशक्कत के बाद जेसीबी मशीनों की मदद से नहर को पाट दिया। मौके पर नायब तहसीलदार जगदीश राय ने माैका मुआयना करते हुए किसानों को नियमानुसार नुकसान की भरपाई कराने का वादा किया।
गेहूंकी 70 एकड़ फसल में भरा पानी
गांव मसीतां के खेताें में नहर टूटने से पीड़ित किसान प्रेम कुमार, पवन कुमार, फग्गू सिंह, पप्पू, गुरविंद्र, बाघ सिंह, हरनेक सिंह अन्य ने बताया कि उनके खेतों में गेहूं की अच्छी फसल खड़ी थी लेकिन नहर टूटने से 70 एकड़ फसलों में पानी भर गया है। अब फसल को बचाने के लिए पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। इससे नहर टूटने वाले खेतों में फसल खराब हो चुकी है जबकि बाकी खेतों में भी फसल को बचाना मुश्किल हो गया है।
8जनवरी माेरिकां में टूटी थी काेटला ब्रांच
उल्लेखनीय है पंजाब से फ्लडी पानी आने वाली कोटला ब्रांच नहर पिछले पखवाड़े 8 जनवरी की रात को गांव पन्नीवाला मोरिकां के पास टूट गई थी। इससे करीब 400 एकड़ फसल में पानी भर गया था जिसमें ज्यादातर फसल अब खराब हो चुकी है और सरकार उन्हें ज्यादातर को बीमा होने से मुआवजा भी नहीं दे रही है कि अब दोबारा फिर नहर में पानी गया। पिछले पखवाड़े नहर टूटने के बाद भी प्रशासन द्वारा कोई सहायता करने पर किसानों ने खुद पंप लगाकर खेतों से पानी निकाला था। इसी तरह किसान नुकसान से उभर नहीं पाए थे। जिसमें प्रशासन की ढिलाई के चलते दोबारा 19 दिनों बाद फिर से माइनर टूटने से 70 एकड़ जमीन में जलभराव से नुकसान हुआ।
किसानों के नुकसान के लिए प्रशासन जिम्मेदार
किसानों ने कहा कि चाहे पंजाब हो या हरियाणा नहर में पानी छोड़ने से पहले स्थानीय अधिकारियों को गौर करना चाहिए कि इसका आगे क्या प्रभाव होगा। प्रभावित एरिया में अलर्ट किया जाना चाहिए लेकिन किसान ही अपने स्तर पर प्रबंधन करते हैं और वे ही विभाग को पानी की जानकारी देते हैं जबकि होना ये चाहिए कि पानी अाने की सूचना किसानों को विभाग की ओर से दी जानी चाहिए।
कोटला ब्रांच टूटने से 4 गांवों को खतरा
कोटलाब्रांच नहर में पानी अब टूटने की कगार पर है। नहर पूरी तरह ओवरफ्लो चल रही है। पंजाब के सीमावर्ती गांवों के अलावा हरियाणा के गांव पन्नीवाला मोरिकां, देसुजोधा हैबुआना के ग्रामीण नहर की खुद निगरानी कर रहे हैं ताकि टूटने से बचाया जा सके। हालांकि रात तक पानी कम होने की संभावना होने और आगामी पानी निकासीकी सही व्यवस्था होने से पानी टूटने का डर बना हुआ है। इससे नहर के आसपास के 4 गांवों को भी खतरा बना हुआ है। किसानों ने कहा कि 19 दिन पहले टूटी नहर से सबक लेकर प्रशासन ने तुरंत राहत की योजना बनाई होती तो अब पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था हो सकती थी लेकिन प्रशासन नेताआें ने इसे जस का तस छोड़ दिया। इससे दोबारा आफत गई है।
प्रबंध किए जा रहे हैं: जेई
नहर में पानी की सूचना मिलने पर बंदोबस्त किए जा रहे हैं। उच्चाधिकारियों ने पंजाब के पटियाला से पानी बंद करा दिया है। करीब 30 घंटे पानी इसके बावजूद चलता है। कोशिश कर रहे हैं कि कोटला नहर को कहीं टूटने दिया जाए। अंकुर,जेई, नहरी विभाग
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