हांसी के निलंबित एसडीएम पर डबवाली में भी जांच शुरू

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डबवाली के एसडीएम रहे प्रशांत अटकान की मुश्किलें अब एक बार फिर से बढ़ रही हैं। सिरसा में सीएम ¨वडो पर शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ इंक्वायरी मार्क हुई है। एसडीएम डबवाली की रिपोर्ट के बाद शहरी स्थानीय निकाय के डायरेक्टर कम स्पेशल सचिव ने उच्च अधिकारी से मामले की जांच करवाने के आदेश उपायुक्त सिरसा को दिए हैं।1यह है मामला1आरटीआइ एक्टिविस्ट गोपाल कृष्ण मित्तल ने 31 जनवरी 2017 को सीएम ¨वडो पर शिकायत दर्ज करवाई थी कि जून 2016 में स्वच्छता अभियान के तहत शहर में चार साइन बोर्ड लगाए गए थे। एक बोर्ड की कीमत 98 हजार रुपये दिखाई गई है। इसके लिए नगरपरिषद के अधिकारियों, प्रशासक ने सार्वजनिक तौर पर टेंडर कॉल नहीं किए और न ही कुटेशन मांगी। तत्कालीन प्रशासक ने 17 जून 2016 को एक पत्र एसपीएल नंबर एक जारी करते हुए नगरपरिषद अभियंता जयवीर डूडी से तीन फर्मों की कुटेशन मांगी। 22 जून 2016 को प्रशासन ने दूसरा पत्र एसपीएल-1 जारी करते हुए बरवाला की फर्म दीवान इंजीनियर वर्कस के 23 जून 2016 को नगरपरिषद कार्यालय में बुलाया। उसी दिन साइन बोर्ड लगाने के आदेश जारी कर दिए। जिस पर नगरपरिषद सचिव के हस्ताक्षर तक नहीं है। 5 जुलाई 2016 को ब¨ठडा रोड, अनाज मंडी रोड तथा कलोनी रोड रेलवे स्टेशन के नजदीक साइन बोर्ड लगवा दिए गए। सप्ताह में 3 लाख 92 हजार रुपये की पेमेंट कर दी। शिकायतकर्ता के अनुसार उपरोक्त रिफलेक्टिव साइन बोर्ड डबवाली, सिरसा में कहीं से भी बनाए जा सकते हैं। एक बोर्ड पर अधिकतम खर्च 30 हजार रुपये है। लेकिन प्रशासक तथा नगरपरिषद अधिकारियों ने मिलीभगत करके एक साइन बोर्ड के 98 हजार रुपये दिए हैं। आरोप है कि एक ही फर्म की तीनों कुटेशन दी गई हैं। खास बात यह है कि उपरोक्त समय अवधि में प्रशासक का पद प्रशांत अटकान के पास था। वे सिरसा आरटीए के साथ-साथ डबवाली में बतौर एसडीएम कार्य देख रहे थे।1एसडीएम डॉ. संगीता तेत्रवाल ने जांच किसी अन्य सक्षम अधिकारी से करवाने का पत्र सरकार को भेजा था। जिस पर अमल करते हळ्ए नए आदेश जारी हळ्ए हैं।संवाद सहयोगी, डबवाली : डबवाली के एसडीएम रहे प्रशांत अटकान की मुश्किलें अब एक बार फिर से बढ़ रही हैं। सिरसा में सीएम ¨वडो पर शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ इंक्वायरी मार्क हुई है। एसडीएम डबवाली की रिपोर्ट के बाद शहरी स्थानीय निकाय के डायरेक्टर कम स्पेशल सचिव ने उच्च अधिकारी से मामले की जांच करवाने के आदेश उपायुक्त सिरसा को दिए हैं।1यह है मामला1आरटीआइ एक्टिविस्ट गोपाल कृष्ण मित्तल ने 31 जनवरी 2017 को सीएम ¨वडो पर शिकायत दर्ज करवाई थी कि जून 2016 में स्वच्छता अभियान के तहत शहर में चार साइन बोर्ड लगाए गए थे। एक बोर्ड की कीमत 98 हजार रुपये दिखाई गई है। इसके लिए नगरपरिषद के अधिकारियों, प्रशासक ने सार्वजनिक तौर पर टेंडर कॉल नहीं किए और न ही कुटेशन मांगी। तत्कालीन प्रशासक ने 17 जून 2016 को एक पत्र एसपीएल नंबर एक जारी करते हुए नगरपरिषद अभियंता जयवीर डूडी से तीन फर्मों की कुटेशन मांगी। 22 जून 2016 को प्रशासन ने दूसरा पत्र एसपीएल-1 जारी करते हुए बरवाला की फर्म दीवान इंजीनियर वर्कस के 23 जून 2016 को नगरपरिषद कार्यालय में बुलाया। उसी दिन साइन बोर्ड लगाने के आदेश जारी कर दिए। जिस पर नगरपरिषद सचिव के हस्ताक्षर तक नहीं है। 5 जुलाई 2016 को ब¨ठडा रोड, अनाज मंडी रोड तथा कलोनी रोड रेलवे स्टेशन के नजदीक साइन बोर्ड लगवा दिए गए। सप्ताह में 3 लाख 92 हजार रुपये की पेमेंट कर दी। शिकायतकर्ता के अनुसार उपरोक्त रिफलेक्टिव साइन बोर्ड डबवाली, सिरसा में कहीं से भी बनाए जा सकते हैं। एक बोर्ड पर अधिकतम खर्च 30 हजार रुपये है। लेकिन प्रशासक तथा नगरपरिषद अधिकारियों ने मिलीभगत करके एक साइन बोर्ड के 98 हजार रुपये दिए हैं। आरोप है कि एक ही फर्म की तीनों कुटेशन दी गई हैं। खास बात यह है कि उपरोक्त समय अवधि में प्रशासक का पद प्रशांत अटकान के पास था। वे सिरसा आरटीए के साथ-साथ डबवाली में बतौर एसडीएम कार्य देख रहे थे।1एसडीएम डॉ. संगीता तेत्रवाल ने जांच किसी अन्य सक्षम अधिकारी से करवाने का पत्र सरकार को भेजा था। जिस पर अमल करते हुए नए आदेश जारी हुए हैं।

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