पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल का निधन, टॉप कॉप के नाम से जाने जाते थे

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चंडीगढ़.पंजाब के पूर्व डीजीपी और केपीएस गिल का शुक्रवार को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वो 82 वर्ष के थे। गिल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें 18 मई को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। डॉक्टर्स के मुताबिक, उनकी दोनों किडनियां फेल हो गई थीं। अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ। बता दें कि गिल को टॉप कॉप के नाम से जाना जाता था।
पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का क्रेडिट...

- केपीएस गिल का पूरा नाम कंवर पाल गिल था। उनका जन्म वर्ष 1934 में पंजा के लुधियाना शहर में हुआ था। दो बार गिल को पंजाब का डीजीपी बनाया गया और उन्हें पंजाब से खालिस्तानी आंदोलन को खत्म करने का क्रेडिट दिया जाता है। श्रीलंका की सरकार ने भी लिट्टे आंदोलन के दौरान गिल से सलाह ली थी।
- 1958 में गिल ने IPS ज्वाइन की थी। उन्होंने असम और मेघालय में भी अपनी सेवाएं दीं। 1995 में वो IPS से रिटायर हो गए।

तरीकों पर उठा था सवाल
- गिल को पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट खत्म करने का क्रेडिट तो मिला, लेकिन ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशंस ने उस दौरान पुलिस के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे और फर्जी एनकाउंटर के कई केस कोर्ट में भी चले थे।


1989 में मिला पद्मश्री
- 1989 में गिल को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।
- गिल ने एक किताब भी लिखी, जिसका नाम "पंजाब: द नाइट्स ऑफ फाल्सहुड इन 1997' था। उन्होंने 2001 में आतंकवाद पर लिखी किताब की एडिटिंग भी की।
- गिल काउंटर टेररिज्म के कंसल्टेंट, स्पीकर और एडिटर भी थे। वे इंडियन हॉकी फेडरेशन (IHF) और इंस्टिट्यूट फॉर कन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट (ICM) के प्रेसिडेंट भी रहे।

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