सरकार का गरीबों पर किया एक और वज्रपात
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डबवाली ।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान गरीबों की थाली में दाल मुहैया करवाने के लिए चलाई गई स्कीम को सीएम मनोहरलाल खट्टर ने ब्रेक लगा दी है। एक जनवरी 2018 से गरीबों को सस्ती दर पर दी जाने वाली दाल बंद कर दी जाएगी। हुड्डा सरकार ने पीले व गुलाबी राशनकार्ड धारकों को 20 रुपये प्रति किलो की दर पर ढाई किलो दाल देने की योजना शुरू की थी। प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही गरीबों को सस्ती दर पर गेहूं मुहैया करवाया जा रहा है। गरीब परिवारों को 2 रुपये किलो की दर पर गेहूं वितरित किया जाता है। जानकारी के अनुसार खट्टर सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से दी रियायती दर पर दी जाने वाली दाल की आपूर्ति बंद करने का फैसला लिया है। अब गरीब परिवारों को डिपूओं से दाल नहीं मिलेगी। इन परिवारों को अब दाल खाने के लिए बाजारी कीमत अदा करनी होगी। पहले खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के माध्यम से चना दाल देना शुरू किया गया था। जब बाजार में चना दाल की कीमत 80 रुपये से भी अधिक थी, तब भी डिपूओं पर इसे 20 रुपये प्रति किलो की दर पर दिया गया।
चना दाल को उपभोक्ताओं ने बेहद पसंद भी किया। लेकिन चना दाल की सप्लाई नियमित नहीं हो सकी। उपभोक्ताओं को दो-दो, चार-चार माह की दाल इक_ा ही दी गई, जिसकी वजह से योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा था। चना दाल रियायती दर पर दिए जाने से सरकार को सब्सीडी के रूप में मोटी चपत लग रही थी।
हांडी में होगा तेल
डबवाली। खट्टर सरकार ने भले ही थाली से दाल गायब कर दी लेकिन हांडी में तेल का जुगाड़ कर दिया है। गरीब की सब्जी बनाने के लिए सरकार ने सरसों तेल रियायती दर पर देने का फैसला लिया है। एक जनवरी 2018 से पीले व गुलाबी राशनकार्डधारकों को एक किलो सरसों का तेल दिया जाएगा। इसकी कीमत 20 रुपये प्रति लीटर तय की गई है। हैफे ड द्वारा तैयार इस तेल को डिपूओं के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
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चीनी की मिठास की कम
डबवाली। खट्टर सरकार ने रियायती दर पर दी जाने वाली चीनी की मिठास पर 50 प्रतिशत कम कर दी है। हुड्डा सरकार द्वारा पीले व गुलाबी राशनकार्ड धारकों को हर माह 2 किलो चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो की दर पर मुहैया करवाई जाती थी। खट्टर सरकार ने नए साल से चीनी की मात्रा 2 किलो से घटाकर एक किलो कर दी है। अब पीले व गुलाबी राशनकार्डधारकों को हर माह केवल एक किलो चीनी ही डिपूओं से मिल पाएगी।
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गेहूं की सप्लाई यथावत
डबवाली। रियायती दर की गेहूं के मामले में स्थिति जस की तस रखी गई है। वर्तमान में बीपीएल व ओपीएच परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य के हिसाब से गेहूं दी जाती है। जबकि गुलाबी कार्डधारक परिवार को 35 किलो गेहूं दी जाती है। सरकार ने रियायती दर की गेहूं का मूल्य 2 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया है।
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इस माह मिलेगा बाजरा
डबवाली। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा दिसंबर माह में गेहूं के साथ-साथ बाजरा भी दिया जाएगा। पांच किलो गेहूं की जगह उपभोक्ता को चार किलो गेहूं दी जाएगी और एक किलो बाजरा। बाजरे रियायती कीमत एक रुपये में दिया जाएगा।
डबवाली ।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान गरीबों की थाली में दाल मुहैया करवाने के लिए चलाई गई स्कीम को सीएम मनोहरलाल खट्टर ने ब्रेक लगा दी है। एक जनवरी 2018 से गरीबों को सस्ती दर पर दी जाने वाली दाल बंद कर दी जाएगी। हुड्डा सरकार ने पीले व गुलाबी राशनकार्ड धारकों को 20 रुपये प्रति किलो की दर पर ढाई किलो दाल देने की योजना शुरू की थी। प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही गरीबों को सस्ती दर पर गेहूं मुहैया करवाया जा रहा है। गरीब परिवारों को 2 रुपये किलो की दर पर गेहूं वितरित किया जाता है। जानकारी के अनुसार खट्टर सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से दी रियायती दर पर दी जाने वाली दाल की आपूर्ति बंद करने का फैसला लिया है। अब गरीब परिवारों को डिपूओं से दाल नहीं मिलेगी। इन परिवारों को अब दाल खाने के लिए बाजारी कीमत अदा करनी होगी। पहले खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के माध्यम से चना दाल देना शुरू किया गया था। जब बाजार में चना दाल की कीमत 80 रुपये से भी अधिक थी, तब भी डिपूओं पर इसे 20 रुपये प्रति किलो की दर पर दिया गया।
चना दाल को उपभोक्ताओं ने बेहद पसंद भी किया। लेकिन चना दाल की सप्लाई नियमित नहीं हो सकी। उपभोक्ताओं को दो-दो, चार-चार माह की दाल इक_ा ही दी गई, जिसकी वजह से योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा था। चना दाल रियायती दर पर दिए जाने से सरकार को सब्सीडी के रूप में मोटी चपत लग रही थी।
हांडी में होगा तेल
डबवाली। खट्टर सरकार ने भले ही थाली से दाल गायब कर दी लेकिन हांडी में तेल का जुगाड़ कर दिया है। गरीब की सब्जी बनाने के लिए सरकार ने सरसों तेल रियायती दर पर देने का फैसला लिया है। एक जनवरी 2018 से पीले व गुलाबी राशनकार्डधारकों को एक किलो सरसों का तेल दिया जाएगा। इसकी कीमत 20 रुपये प्रति लीटर तय की गई है। हैफे ड द्वारा तैयार इस तेल को डिपूओं के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
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चीनी की मिठास की कम
डबवाली। खट्टर सरकार ने रियायती दर पर दी जाने वाली चीनी की मिठास पर 50 प्रतिशत कम कर दी है। हुड्डा सरकार द्वारा पीले व गुलाबी राशनकार्ड धारकों को हर माह 2 किलो चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो की दर पर मुहैया करवाई जाती थी। खट्टर सरकार ने नए साल से चीनी की मात्रा 2 किलो से घटाकर एक किलो कर दी है। अब पीले व गुलाबी राशनकार्डधारकों को हर माह केवल एक किलो चीनी ही डिपूओं से मिल पाएगी।
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गेहूं की सप्लाई यथावत
डबवाली। रियायती दर की गेहूं के मामले में स्थिति जस की तस रखी गई है। वर्तमान में बीपीएल व ओपीएच परिवारों को 5 किलो प्रति सदस्य के हिसाब से गेहूं दी जाती है। जबकि गुलाबी कार्डधारक परिवार को 35 किलो गेहूं दी जाती है। सरकार ने रियायती दर की गेहूं का मूल्य 2 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया है।
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इस माह मिलेगा बाजरा
डबवाली। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा दिसंबर माह में गेहूं के साथ-साथ बाजरा भी दिया जाएगा। पांच किलो गेहूं की जगह उपभोक्ता को चार किलो गेहूं दी जाएगी और एक किलो बाजरा। बाजरे रियायती कीमत एक रुपये में दिया जाएगा।
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