ब्लड बैंक भवन में राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल बनाने के प्रस्ताव को पार्षदों ने नहीं किया पारित
डबवाली- पुराने अस्पताल के नजदीक अग्निकांड में जान गंवाने वाले बच्चों की याद में बने ब्लड बैंक भवन में राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल खोले जाने की राह में बुधवार को बाधा गई। नगरपरिषद में हुई पार्षदों के हाऊस की बैठक में अस्पताल के लिए उक्त भवन देने का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। हाऊस ने नगर सुधार मंडल पार्क के नजदीक एक अन्य खाली पड़े भवन को अस्पताल के लिए देने का निर्णय लिया।
युवा रक्तदान सोसायटी द्वारा शहरवासियों से सहयोग से बनाए गए ब्लड बैंक भवन में कुछ दिनों पूर्व राजकीय आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक अस्पताल खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस पर शहरवासियों ने भी खुशी जताते हुए स्वागत किया। चार दिन पूर्व ही जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. गिरीश चौधरी ने अस्पताल स्थापना के लिए इस भवन का निरीक्षण तक कर लिया। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद सरकार ने सीएम एनाउंसमेंट के तहत नगरपरिषद के पास भवन देने संबंधी प्रपोजल पत्र भेज दिया। ऐसे में लग रहा था कि ब्लड बैंक भवन में जल्द ही आयुर्वेदिक अस्पताल खुलेगा और लोगों की दान राशि से बने भवन का सदुपयोग हो पाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। पार्षदों के हाऊस की बैठक में प्रपोजल पर चर्चा के बाद ब्लड बैंक भवन अस्पताल को देने का प्रस्ताव पार्षदों ने पारित नहीं किया।
पार्षद विनोद बांसल रमेश बागड़ी ने बताया कि उक्त भवन देने पर सभी पार्षद सहमत नहीं थे। उनका कहना है कि सफाई शाखा जरूरी रिकार्ड आदि रखने के लिए नप कार्यालय के नजदीक ही अपने भवन की जरूरत है। इसलिए उक्त भवन की बजाय नगर सुधार मंडल पार्क के पास पड़े अन्य भवन को अस्पताल के लिए सौंपने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
दूसरी ओर, युवा रक्तदान सोसायटी संस्थापक सुरेंद्र सिंगला ने कहा कि इस मामले को लेकर गुरुवार को संस्था की बैठक बुलाई है जिसमें स्थिति पर विचार किया जाएगा। नगरपरिषद ने भवन में कर्मचारियों को ठहराकर उसे आवासीय बना रखा है।
भवन में है सफाई शाखा, रहते हैं नप कर्मचारी
युवारक्तदान सोसायटी ने शहरवासियों से दान राशि एकत्रित कर ब्लड बैंक भवन को तैयार किया था। चौटाला रोड़ पर नए सामान्य अस्पताल में एक दिसंबर 2005 को ब्लड स्टोरेज सेंटर प्रारंभ होने से इस भवन का उपयोग नहीं हो सका। बाद में राजकीय कॉलेज काप्रशासनिक कार्यालय भी यहां खोला गया लेकिन नया कॉलेज भवन बनने के बाद वह भी स्थानांतरित हो गया। कुछ समय तक यह ब्लड बैंक भवन खाली रहा लेकिन बाद में नप कर्मचारियों को इसमें रहने की इजाजत देकर इसे आवासीय भवन बना दिया गया। इसका विरोध भी किया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। अभी तक कर्मचारी उक्त भवन में रहते हैं। साथ ही नप की सफाई शाखा भी वहीं चल रही है। सोसायटी सदस्य चाहते हैं कि उक्त भवन का सदुपयोग किया जाए।
उपायुक्त के पास भेजेंगे
हाऊसकी मासिक बैठक में रखे गए प्रस्ताव पार्षदों द्वारा वार्डों से मिलने वाली फीड बैक जनसमस्याओं को देखते हुए लाए गए थे। अधिकांश प्रस्तावों को जनहित के मद्देनजर चर्चा के बाद ही पारित किया गया है। अब इसे नियमानुसार मंजूरी के लिए उपायुक्त को भेजा जाएगा जिसके बाद स्वीकृति मिले प्रस्तावों पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।'' सुमनजोइया, चेयरपर्सन, नगरपरिषद डबवाली
युवा रक्तदान सोसायटी द्वारा शहरवासियों से सहयोग से बनाए गए ब्लड बैंक भवन में कुछ दिनों पूर्व राजकीय आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक अस्पताल खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस पर शहरवासियों ने भी खुशी जताते हुए स्वागत किया। चार दिन पूर्व ही जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. गिरीश चौधरी ने अस्पताल स्थापना के लिए इस भवन का निरीक्षण तक कर लिया। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद सरकार ने सीएम एनाउंसमेंट के तहत नगरपरिषद के पास भवन देने संबंधी प्रपोजल पत्र भेज दिया। ऐसे में लग रहा था कि ब्लड बैंक भवन में जल्द ही आयुर्वेदिक अस्पताल खुलेगा और लोगों की दान राशि से बने भवन का सदुपयोग हो पाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। पार्षदों के हाऊस की बैठक में प्रपोजल पर चर्चा के बाद ब्लड बैंक भवन अस्पताल को देने का प्रस्ताव पार्षदों ने पारित नहीं किया।
पार्षद विनोद बांसल रमेश बागड़ी ने बताया कि उक्त भवन देने पर सभी पार्षद सहमत नहीं थे। उनका कहना है कि सफाई शाखा जरूरी रिकार्ड आदि रखने के लिए नप कार्यालय के नजदीक ही अपने भवन की जरूरत है। इसलिए उक्त भवन की बजाय नगर सुधार मंडल पार्क के पास पड़े अन्य भवन को अस्पताल के लिए सौंपने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
दूसरी ओर, युवा रक्तदान सोसायटी संस्थापक सुरेंद्र सिंगला ने कहा कि इस मामले को लेकर गुरुवार को संस्था की बैठक बुलाई है जिसमें स्थिति पर विचार किया जाएगा। नगरपरिषद ने भवन में कर्मचारियों को ठहराकर उसे आवासीय बना रखा है।
भवन में है सफाई शाखा, रहते हैं नप कर्मचारी
युवारक्तदान सोसायटी ने शहरवासियों से दान राशि एकत्रित कर ब्लड बैंक भवन को तैयार किया था। चौटाला रोड़ पर नए सामान्य अस्पताल में एक दिसंबर 2005 को ब्लड स्टोरेज सेंटर प्रारंभ होने से इस भवन का उपयोग नहीं हो सका। बाद में राजकीय कॉलेज काप्रशासनिक कार्यालय भी यहां खोला गया लेकिन नया कॉलेज भवन बनने के बाद वह भी स्थानांतरित हो गया। कुछ समय तक यह ब्लड बैंक भवन खाली रहा लेकिन बाद में नप कर्मचारियों को इसमें रहने की इजाजत देकर इसे आवासीय भवन बना दिया गया। इसका विरोध भी किया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। अभी तक कर्मचारी उक्त भवन में रहते हैं। साथ ही नप की सफाई शाखा भी वहीं चल रही है। सोसायटी सदस्य चाहते हैं कि उक्त भवन का सदुपयोग किया जाए।
उपायुक्त के पास भेजेंगे
हाऊसकी मासिक बैठक में रखे गए प्रस्ताव पार्षदों द्वारा वार्डों से मिलने वाली फीड बैक जनसमस्याओं को देखते हुए लाए गए थे। अधिकांश प्रस्तावों को जनहित के मद्देनजर चर्चा के बाद ही पारित किया गया है। अब इसे नियमानुसार मंजूरी के लिए उपायुक्त को भेजा जाएगा जिसके बाद स्वीकृति मिले प्रस्तावों पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।'' सुमनजोइया, चेयरपर्सन, नगरपरिषद डबवाली
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