चिकित्सकों ने संस्थान बंद रख जताया रोष, सौंपा ज्ञापन

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डबवाली।
शहर के सभी चकित्सक आईएमए डबवाली के बैनर तले एकत्रित हुए और एक निजी होटल में बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में केंद्र सरकार के नैशनल मैडिकल बिल एक्ट जिसे लोकसभा मेें पेश किया जाना है उसके विरोधस्वरूप सभी चिकित्सकों ने बंद का आह्वान किया। आईएमए डबवाली के अध्यक्ष डा.रमेश  कुमार ने कहा कि सरकार का द्वारा लिया गया निर्णय गैर जिम्मदराना है और इससे स्वास्थ्य सेवाएं अत्याधिक प्रभावित होंगी और निम्रस्तर पर जाने की पूरी आशंका बनी हुई। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से जहां आमजन प्रभावित होगा तो वहीं प्राइवेट मैडिकल कॉलेज अपनी मनमानी करते हुए भारी फीस वसूलेंगे। डा. रमेश ने कहा कि इस कानून के आ जाने से प्राईवेट कॉलेज संचालाकों की मनमानी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह का कानून बनाकर नीम हकीमों को बढ़ावा देेने का कार्य कर रही है जो आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने की भी पूरी आशंका है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के चिकित्सक इस काले कानून के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक अपने-अपने संस्थान सांय 6 बजे तक बंद रख रखेंगे और आपातकालीन स्थिति में सेवाएं जारी रहेंगी ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि यदि यह कानून लोकसभा में लागू कर दिया जाता है तो मैडिकल सेवाएं अत्याधिक महंगी हो जाएंगी जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा। इसके उपरंात सभी चिकित्सक एसडीएम कार्यालय पहुंचे और एसडीएम रानी नागर को अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नढ़ा के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर डा. अमनदीप सिंह, राकेश मित्तल, एसएस गुलाटी, एमएल बागला, श्रवण बांसल, रितू गुप्ता, ऊषा कटारिया, धमे्रन्द्र ज्याणी, शोभा राम गोयल, दलीप गुप्ता, नितिन गुलाटी, मयूर गर्ग,प्रमोद कड़वासरा व प्रभजीत सिंह गुलाटी सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे।

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