health
[health][bsummary]
sports
[sports][bigposts]
entertainment
[entertainment][twocolumns]
Comments
सरकारी आदेश को ठेंगा ,निजी स्कूलों की लूट हुई आरंभ, थोंपी जा रही प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें
#Dabwalinews,com की स्पेशल स्टोरी
डबवाली -हरियाणा सरकार द्वारा स्कूलों दाखिला फीस लेने पर रोक लगा दी है तो वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों के संचालक दाखिला फीस के रूप में भारी रकम वसूल कर अभिभावकों को लूटने का सिलसिला बदस्तूर जारी रखे हुए हैं। स्कूल संचालक अपनी जेब भरने के लिए कोई रास्ता बाकी नहीं छोड़ रहें। अभिभावकों के लिए बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो गया है। सरकार के लाख आदेशों के बाद भी अभिभावकों को राहत नहीं मिल पा रही है। शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों के कथित संरक्षण के चलते निजी स्कूलों की मनमानी बनी हुई है। अप्रैल माह में एडमिशन का दौर शुरू हो गया है। नए शैक्षणिक सत्र के लिए पुस्तकें खरीदने की मारामारी बनी हुई है। निजी स्कूल संचालकों ने अपनी जेब भरने के लिए इस बार भी नियम कायदों को ताक पर धरकर प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें खरीदने को विवश किया जा रहा है। प्राइवेट पब्लिशर्स द्वारा पुस्तकों पर 500 प्रतिशत तक अधिक मूल्य अंकित किए हुए है। नियमानुसार सीबीएसई की ही पुस्तकें स्कूलों में पढ़ाई जानी चाहिए। लेकिन निजी स्कूल अपनी कमाई के लिए प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें थोंप रहें है।
प्राइवेट पब्लिशर्स में भी उसकी ही पुस्तकें खरीदने की हामी भरी जाती है, जो पब्लिशर्स अधिक कमीशन देने को राजी होता है। यही वजह है कि निजी स्कूल संचालकों द्वारा हर वर्ष पुस्तकें बदल डाली जाती है। जिसके कारण पुरानी पुस्तकें निरुपयोगी हो जाती है। स्कूल संचालकों की मांग अनुसार कमीशन देने के कारण वे पुस्तकों पर अधिक रेट अंकित कर देते है और चोट अभिभावकों को झेलनी पड़ती है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें पढ़ाए जाने को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया जाता, जिसके कारण निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें ही पढ़ाई जाती है।
कापियों भी कमाई का धंधा
निजी स्कूलों द्वारा कापियों में भी कमीशन बटोरा जाता है। यही वजह है कि बाजार से खरीदी गई सामान्य कापियों को स्कूल संचालकों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता। अभिभावकों को स्कूल का नाम अंकित कापियां ही इस्तेमाल करने के लिए दवाब डाला जाता है। बाजार में जो कापी 20 से 30 रुपये में मिलती है, स्कूल का नाम अंकित वहीं कापी 40 से 50 रुपये में बेची जाती है।
प्राइमरी कक्षाओं में अधिक लूट
निजी स्कूलों द्वारा प्राइमरी कक्षाओं की पुस्तकों में जमकर लूट की जाती है। हर स्कूल द्वारा अलग-अलग पब्लिशर्स की पुस्तकें पढ़ाई जाती है। डिजाइनदार इन किताबों पर मनमर्जी के रेट अंकित कर दिए जाते है और अभिभावक का दोहन किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि एलकेजी-यूकेजी की किताबों के रेट 200 रुपये से कम नहीं है। इसके अलावा ड्राइंंग की पुस्तक तो 400-500 रुपये में थोंपी जाती है। इसी प्रकार कम्प्यूटर की किताब पर भी बेहिसाब रेट अंकित किए जाते है। प्राइमरी कक्षा के बच्चों को जो प्राइवेट पब्लिशर्स की कम्प्यूटर किताब लगाई जाती है, उसे कोई पीजीडीसीए वाले भी न समझ पाएं। निजी स्कूल संचालक एक ध्येय से पैसा वसूली कर रहे है।
अधिकारी निजी स्कूलों की जेब में!
निजी स्कूलों की कारगुजारियों पर नजर रखने और अभिभावकों के हक की निगरानी करने की जिम्मेवारी जिन अधिकारियों के कंधों पर है, वे निजी स्कूलों के हाथों बिके हुए है। शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूलों के कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते है और वहां से महंगे तोहफे स्वीकार करते है। ऐसे में अभिभावकों के साथ होने वाले अन्याय पर वे आंखें मूंद लेते है।
फ़ाइल फोटो |
फ़ाइल फोटो |
फ़ाइल फोटो |
प्राइवेट पब्लिशर्स में भी उसकी ही पुस्तकें खरीदने की हामी भरी जाती है, जो पब्लिशर्स अधिक कमीशन देने को राजी होता है। यही वजह है कि निजी स्कूल संचालकों द्वारा हर वर्ष पुस्तकें बदल डाली जाती है। जिसके कारण पुरानी पुस्तकें निरुपयोगी हो जाती है। स्कूल संचालकों की मांग अनुसार कमीशन देने के कारण वे पुस्तकों पर अधिक रेट अंकित कर देते है और चोट अभिभावकों को झेलनी पड़ती है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें पढ़ाए जाने को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया जाता, जिसके कारण निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें ही पढ़ाई जाती है।
कापियों भी कमाई का धंधा
निजी स्कूलों द्वारा कापियों में भी कमीशन बटोरा जाता है। यही वजह है कि बाजार से खरीदी गई सामान्य कापियों को स्कूल संचालकों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता। अभिभावकों को स्कूल का नाम अंकित कापियां ही इस्तेमाल करने के लिए दवाब डाला जाता है। बाजार में जो कापी 20 से 30 रुपये में मिलती है, स्कूल का नाम अंकित वहीं कापी 40 से 50 रुपये में बेची जाती है।
प्राइमरी कक्षाओं में अधिक लूट
निजी स्कूलों द्वारा प्राइमरी कक्षाओं की पुस्तकों में जमकर लूट की जाती है। हर स्कूल द्वारा अलग-अलग पब्लिशर्स की पुस्तकें पढ़ाई जाती है। डिजाइनदार इन किताबों पर मनमर्जी के रेट अंकित कर दिए जाते है और अभिभावक का दोहन किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि एलकेजी-यूकेजी की किताबों के रेट 200 रुपये से कम नहीं है। इसके अलावा ड्राइंंग की पुस्तक तो 400-500 रुपये में थोंपी जाती है। इसी प्रकार कम्प्यूटर की किताब पर भी बेहिसाब रेट अंकित किए जाते है। प्राइमरी कक्षा के बच्चों को जो प्राइवेट पब्लिशर्स की कम्प्यूटर किताब लगाई जाती है, उसे कोई पीजीडीसीए वाले भी न समझ पाएं। निजी स्कूल संचालक एक ध्येय से पैसा वसूली कर रहे है।
अधिकारी निजी स्कूलों की जेब में!
निजी स्कूलों की कारगुजारियों पर नजर रखने और अभिभावकों के हक की निगरानी करने की जिम्मेवारी जिन अधिकारियों के कंधों पर है, वे निजी स्कूलों के हाथों बिके हुए है। शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूलों के कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते है और वहां से महंगे तोहफे स्वीकार करते है। ऐसे में अभिभावकों के साथ होने वाले अन्याय पर वे आंखें मूंद लेते है।
Related Posts
सरकारी आदेश को ठेंगा ,निजी स्कूलों की लूट हुई आरंभ, थोंपी जा रही प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें
Reviewed by DabwaliNews
on
8:15:00 PM
Rating: 5
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
Translate
Subscribe Us
social links
[socialcounter]
[facebook][https://www.facebook.com/dabwalinews/][4.2k]
[twitter][https://twitter.com/dabwalinews][1.2k]
[youtube][https://www.youtube.com/c/dabwalinews][23k]
[linkedin][#][230]
Wikipedia
Search results
sponsored
Gurasees Homeopathic Clinic
Popular Posts
-
BREAKING NEWS #dabwalinews.com हरियाणा के डबवाली में एक मसाज सेंटर पर पुलिस छापे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.पुलिस ने देर रात म...
-
दुल्हन के तेवर देख दुल्हे वालों ने बुलाई पुलिस चंडीगढ़ में रहने वाली लडक़ी की डबवाली के युवक से हुआ था विवाह #dabwalinews.com Exclusiv...
-
कुमार मुकेश, भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटन...
-
DabwaliNews.com दोस्तों जैसे सभी को पता है के कैसे डबवाली उपमंडल के कुछ ग्रामीण इलाकों में बल काटने वाले गिरोह की दहशत से लोगो में अ...
-
#dabwalinews.com पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल पर बुधवार को एक युवक द्वारा उनके ही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जू...
-
dabwalinews.com डबवाली। डबवाली में गांव जंडवाला बिश्नोई के नजदीक एक ढाणी में पंजाब व हरियाणा पुलिस की 3 गैंगस्टर के बीच मुठभेड़ हो गई। इस...
-
BREAKING NEWS लॉकडाउन 4. 0 डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक डबवाली के प्रेम नगर व रवि दास नगर में पंजाब से अपने रिश्तेदार के घर मिलने आई म...
No comments:
Post a Comment