चार दिवसीय वेद प्रचार उत्सव श्रद्धा व उल्लास के साथ शुरू -‘‘दाता तेरे सुमिरन का वरदान जो मिल जाए...’’
डबवाली।
आर्य समाज डबवाली द्वारा आयोजित चार दिवसीय वेद प्रचार उत्सव बृहस्पतिवार को बड़ी श्रद्धा व उल्लास के साथ शुरू हुआ। पूर्व की भांति प्रात:कालीन पारिवारिक श्रंृखला का कार्यक्रम वाटर वक्र्स रोड स्थित पुन्नु लाल वढेरा वाली गली निवासी दर्शन कुमार ‘‘बिट्टू’’ पुत्र फकीर चंद बांसल के आवास पर आयोजित हुआ। सर्वप्रथम आर्य समाज के प्रचार मंत्री विजय कुमार शास्त्री के सानिध्य में आयोजित हवन यज्ञ में दर्शन कुमार ‘‘बिट्टू’’ उनकी पत्नी अंजू बांसल ने मुख्य यजमान के तौर पर आहुतियां डाली। यज्ञ प्रार्थना व आशीर्वाद के बाद करनाल से पहुंची आर्ष विदुषी, वैदिक प्रचारिका व विख्यात धर्मोपदेशिका कुमारी अंजलि आर्या के सुमधुर भजन व प्रवचन हुए। उन्होंने यज्ञ की महिमा का गुणगान करते हुए परमपिता परमात्मा को समर्पित भजन ‘‘दाता तेरे सुमिरन का वरदान जो मिल जाए, मुरझाई कलि दिल की ईक आन से खिल जाए’’ तथा ‘‘तेरे नाम का सुमिरन करके मेरे मन में सुख भर आया।
अपने प्रवचनों की गंगा बहाते हुए उन्होंने अगिन होत्र, उपासना व प्रार्थना की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि यज्ञ करने से पूर्व हम जल से आचमन करते हैं, मंत्र उच्चारण करते हैं और शास्त्री जी के संकेत से हम जल पी लेते हैं। उन्होंने कहा कि जल परमात्मा की तरह पवित्र है और सृजन-जोडऩे का काम करता है, क्योंकि जल और परमात्मा के गुण एक हैं। उन्होंने यजुर्वेद के 40वें मंत्र ईशा वासे...की विशेषता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जल व परमात्मा प्रत्येक स्थान पर मौजूद है। जहां जीवन है, वहां जल है। ब्रह्मांड में अनेक लोक-लोकांतर हैं और वैज्ञानिक मानव जीवन के लिए वायु तत्व व जल तत्व की खोज करते हैं। यहां जीवन संभव है कि नहीं और यदि वहां जल तत्व की मात्रा और वायु तत्व मिल जाता है तो वैज्ञानिक कहते हैं यहां मानव जीवन संभव है। जैसे कि मंगल गृह। कुमारी आर्या ने उपस्थितजनों को संकल्प करवाया कि वह जब भी समय मिले सुबह व शाम संध्या अवश्य किया करें। उन्होंने कहा कि ओ३म् और गायत्री का जाप करना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि अभी क्या है...ये सब तो बुढ़ापे का काम है लेकिन उन्होंने कहा कि बुढ़ापे में तो परमात्मा हमें ही देख लेता है। कार्यक्रम के अंत में शांति पाठ के पश्चात् प्रसाद वितरित किया गया। मंच संचालन अध्यक्ष एसके दुआ ने निभाया। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को प्रात:कालीन सत्र का कार्यक्रम वार्ड नं. 4 में स्थित आर्य समाज महाशा धर्मशाला सोसायटी के प्रांगण में होगा। जिसमें सोसायटी के पदाधिकारीगण मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगे। इस मौके भारत मित्र छाबड़ा, डॉ. रामफल आर्य, विजय कामरा, सुदेश आर्य, राजन सुंधा, डॉ. भारत भूषण छाबड़ा, प्रकाश चंद बांसल, राजेंद्र गुप्ता, विजय वढेरा, संजीव गर्ग सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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