सामाजिक समरसता की मिसाल है गांव झूटी खेड़ा
- विकास की राह पर है पूर्णत: शौच मुक्त गांव झुटï्ठीखेड़ा
- महिला सरपंच की प्रगतिशील सोच ने दिलवाई गांव को नई पहचान
#dabwalinews -जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव झुटï्ठीखेड़ा सामाजिक समरसता की मिसाल है। करीब 15 सौ की आबादी वाला यह गांव पूर्णत: खुले में शौच मुक्त एवं शांति प्रिय, सौहार्दपूर्ण गांव है।इस गांव के लोग आपस में प्यार, सदभाव व भाईचारे के साथ रहते हैं।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस गांव में लाखों रुपए की ग्रांट से अनेकों विकास कार्य किए गए हैं जिससे ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हुई है और गांव निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। यह कहना है गांव की प्रगतिशील सोच की धनी महिला सरपंच ममता रानी व युवा संदीप कुमार का। उन्होंने गांव को विकास कार्यों एवं एवं अन्य सामाजिक कार्यों में नई पहचान दिलवाई है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के डीआईपीआरओ सुरेंद्र कुमार वर्मा ने विशेष प्रचार अभियान के तहत गांव झु_ीखेड़ा के सरपंच व पूर्व सरपंच से विकास कार्यो बारे चर्चा की। डीआईपीआरओ ने सरपंच व अन्य मौजिज व्यक्तियो को विभागीय फोल्डर भी भेंट किये। गांव की युवा महिला सरपंच ममता रानी व संदीप कुमार, पूर्व सरपंच मोहनलाल भादू व गुरदयाल के अनुसार गांव झु_ीखेड़ा विकास की राह पर बढ़ रहा है।
इस गांव के प्रगतिशील व समाजसेवी युवा संदीप व बुजुर्गों का मानना है कि लगभग 170 वर्ष पहले यह गांव बसा था। गांव में महिला आई थी वह अपने बाल खुले (साफ-सुथरे) रखती थी जिसको बागड़ी में झिटली कहते हैं। ऐसे कहते-कहते बाद में इस गांव का नाम झु_ीखेड़ा पड़ गया। उपमंडल डबवाली से 22 किलोमीटर दूर गांव के लोगों का मुय व्यवसाय खेती-बाड़ी है। गांव के किसानों की लगभग 3 हजार बीघे जमीन है। वर्तमान सरकार एवं जिला उपायुक्त प्रभजोत सिंह समेत जिला प्रशासन के प्रयासों से नरमा कपास फसल खराबा होने पर संबंधित कंपनी के माध्यम से इस गांव के 81 किसानों को 37 लाख रुपये मुआवजे के रूप में राहत प्रदान की गई।
गांव के पूर्व सरपंच गुरुदयाल व एमएल भादू एवं भूपेंद्र सिंह छापौला व भागीरथ तथा नंबरदार बनवारी लाल, कांता देवी, मोनिका, सुनील, जगदीश व ग्राम पंचायत के अनुसार गांव में अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों के साथ सामान्य वर्ग के लोग भी धार्मिक प्रवृत्ति से युक्त आपसी मेल मिलाप से रहते हैं। किसी भी त्यौहार को अत्यंत श्रद्धा भाव व स्नेह से एकजुटता दिखाते हुए मनाते हैं। गांव में स्थापित गौरव पट्ट से साफ झलकता है कि यह गांव गौरवशाली व्यक्तियों की जन्मस्थली है जिन्होंने राष्ट्र निर्माण सामाजिक उत्थान देश सेवा व अन्य क्षेत्रों में अपना अमूल्य योगदान दिया।
इसमें समाज सेवी सुरजा राम सहारण के पुत्रों (नामत: अर्जुन, जगदीश, संतलाल, महावीर) ने स्कूल के गेट के निर्माण के लिए साढे तीन लाख रुपए दिए। इसके अलावा गांव की महिला माण्डो देवी ने मरणोपरांत अपने नेत्र दान किए। काशीराम छापौला ने गांव के शमशान भूमि के बरामदे का निर्माण तथा लालचंद छापौला ने अपने माता-पिता की याद में बस क्यू शेल्टर का निर्माण करवाया। गांव में पैदा हुए वीर सैनिक गिरधारी व धर्माराम ने भी राष्ट्र निर्माण व देश सेवा में अतुल्य योगदान दिया।
गांव की सरपंच ममता सहारण व संदीप कुमार के अनुसार झुट्टीखेड़ा में 6.42 लाख रुपए की लागत से मिनी स्टेडियम का निर्माण किया गया है। इसका शिलान्यास गत 9 अगस्त 2017 को हरियाणा के उद्योग कौशल विकास एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने जिला पार्षद आदित्य देवीलाल की गौरव उपस्थिति में किया गया था। इसके अलावा इस गांव में 45 लाख रुपये की लागत से विभिन्न गलियों, नालियों व शशमशान घाट के कार्य करवाए गए हैं। गांव में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन पर 17 लाख रुपए खर्च किए गए। आंगनबाड़ी भवन की चारदीवारी फर्श आदि कार्य पर 2 लाख रुपये खर्च किए गए। गांव में मुय स्थानों पर 20 डस्टबिन लगाए हुए हैं ताकि साफ-सफाई साफ-सफाई साफ-सफाई को बढ़ावा मिले।
इस गांव की विशेष बात है कि बी-कॉम तक पढ़ी लिखी वर्तमान में गांव की महिला सरपंच ममता रानी स्वयं घुंघट व व अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ है। उन्होंने अपनी शादी पर भी घूंघट न करने की शर्त रखी थी जिसका वे स्वयं निर्वहन कर रही है और औरों को भी महिलाओं को पर्दा प्रथा उठाने के लिए प्रेरित करती है। इस गांव की एक और खास बात देखने में आई कि कि गांव की स्थापना के बाद गांव में कभी शराब का ठेका नहीं खुला और बीते लगभग 4 सालों में एक भी विवाद पुलिस थाना तक नहीं पहुंचा। इसलिए संबंधित पुलिस थाने में किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई।
ग्रामीण बताते हैं कि गांव के विवाद बुजुर्गों मौजिज व्यक्तियों एवं ग्राम पंचायत की मध्यस्थता में सुलझा लिए जाते हैं। गांव की ग्राम पंचायत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 23 जनवरी 2017 को खुले में शौच मुक्त होने पर स्वर्ण जयंती अवॉर्ड भी मिला हुआ है। स्वर्ण जयंती पुरस्कार योजना के तहत इस गांव को जिला प्रशासन द्वारा एक लाख रुपये की राशि दी गई थी।
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के गांधीनगर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में गांव की महिला सरपंच ममता सहारण को भी उत्कृष्ट स्वच्छता कार्य के लिए समानित किया जा चुका है। इस कार्यक्रम में जिला सिरसा की 17 महिला सरपंच को प्रशंसा पत्र देकर समानित किया गया था जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन में उत्कृष्ट कार्य किया। इसके अतिरिक्त अक्टूबर 2017 में समाज सेवी संदीप सहारण को बाल अधिकार के प्रति संवेदनशील सोच होने तथा अपने गांव में बाल अधिकार संरक्षक के रूप में विशेष योगदान के लिए प्रशंसा पत्र देकर समानित किया गया।
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