अध्यापक संघ की स्वर्ण जयंती के अवसर पर एक विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन
डबवालीहरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ (सम्बंधित सर्व कर्मचारी संघ एवं एसटीएफआई) खंड डबवाली द्वारा अध्यापक संघ की स्वर्ण जयंती के अवसर पर खंड प्रधान कृष्ण कायत की अध्यक्षता में एक विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डबवाली में आयोजित इस समारोह में मुख्य वक्ता हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश प्रेस सचिव वज़ीर सिंह थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में खंड शिक्षा अधिकारी बलजिंद्र सिंह भंगु व कार्यकारी खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार मेहता उपस्थित हुए।
अध्यापक संघ के राज्य उपप्रधान चिरंजीलाल ने सभी आए हुए अध्यापकों एवं पदाधिकारियों का स्वागत किया एवं अध्यापक संघ के कार्यों व उद्देश्यों के बारे में बताया । इस कार्यक्रम में अध्यापक संघ के सभी ब्लॉकों के पदाधिकारी भी विशेष तौर पर उपस्थित हुए । कार्यक्रम की शुरुआत जसदीप सिंह के गीत से की गई ।राज्य प्रेस सचिव वजीर सिंह ने बोलते हुए बताया कि अध्यापक संघ का गठन 30 अगस्त 1969 को जींद में हुआ था । उससे पहले अध्यापकों के कैटेगरी वाइज अलग-अलग संगठन थे व सरकार अध्यापकों को तरह-तरह से प्रताडि़त करती थी। अध्यापकों के तबादले दूर दराज क्षेत्रों में कर दिए जाते थे । इस कारण सभी अध्यापकों ने इक_े होकर एक संगठन की स्थापना की । उसके बाद व्यापक एकता एवं संघर्षों का दौर चला व बहुत सारी उपलब्धियां रही हैं । चाहे वह पांचवें, छठे वेतन आयोग में स्टेप अप का मामला हो, चाहे महिला अध्यापकों को 20 कैजुअल लीव एवं छह मास के मातृत्व अवकाश की बात हो । इसके अलावा हजारों कच्चे अध्यापक इन संघर्षों के दौरान नियमित हुए । अध्यापक संघ व्यापक एकता के महत्व को समझते हुए सर्व कर्मचारी संघ एवं एसटीएफआई का एक अहम हिस्सा बना। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में जब सरकारें पीपीपी के माध्यम से सार्वजनिक विभागों को बेचना चाहती है तो इस व्यापक एकता को और ज्यादा मजबूत करने में जनता के बीच में जाकर प्रचार करने तथा जनता को जोडऩे की जरूरत है । अध्यापक की वैचारिक चेतना बढ़ाने की भी जरूरत है । उन्होंने अध्यापक संघ के इतिहास एवं उपलब्धियों पर विस्तार से बात रखी व अध्यापकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब भी दिए ।
जिला प्रधान सुनील यादव ने जिला कमेटी के कार्यों एवं उपलब्धियों के बारे में चर्चा की । राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डबवाली की छात्राओं व वंदना वाणी ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। अंत में खंड के उन अध्यापकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया जिन्होंने सार्वजनिक शिक्षा को बचाने अथवा बढ़ाने के लिए लड़े गए संघर्षों में अग्रिम पंक्ति में भाग लिया। मंच का संचालन सचिव कालूराम, जिला सह सचिव गुरमीत सिंह ने संयुक्त रूप से किया । इस अवसर पर बोलते हुए जिला सचिव बूटा सिंह ने कहा कि अध्यापक संघ द्वारा जिला के सभी खंडों में ऐसे ही सेमिनार एवं सम्मान समारोह आगामी दिनों में किए जाएंगे । अंत में खंड प्रधान कृष्ण कायत ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर उपपप्रधान चित्रा, रमेश सेठी, नानक चंद, बलौर सिंह, वीरभान, गुरविंदर सिंह, अनिल कुमार, बन्त राज, सतपाल सिंह , विनोद कुमार, सुंदर सिंह, देवी लाल, अजैब सिंह, प्रदीप कुमार, भूप सिंह, मांगें राम डूडी, राजेंद्र जाखड़, नरेश शर्मा आदि उपस्थित थे ।
अध्यापक संघ के राज्य उपप्रधान चिरंजीलाल ने सभी आए हुए अध्यापकों एवं पदाधिकारियों का स्वागत किया एवं अध्यापक संघ के कार्यों व उद्देश्यों के बारे में बताया । इस कार्यक्रम में अध्यापक संघ के सभी ब्लॉकों के पदाधिकारी भी विशेष तौर पर उपस्थित हुए । कार्यक्रम की शुरुआत जसदीप सिंह के गीत से की गई ।राज्य प्रेस सचिव वजीर सिंह ने बोलते हुए बताया कि अध्यापक संघ का गठन 30 अगस्त 1969 को जींद में हुआ था । उससे पहले अध्यापकों के कैटेगरी वाइज अलग-अलग संगठन थे व सरकार अध्यापकों को तरह-तरह से प्रताडि़त करती थी। अध्यापकों के तबादले दूर दराज क्षेत्रों में कर दिए जाते थे । इस कारण सभी अध्यापकों ने इक_े होकर एक संगठन की स्थापना की । उसके बाद व्यापक एकता एवं संघर्षों का दौर चला व बहुत सारी उपलब्धियां रही हैं । चाहे वह पांचवें, छठे वेतन आयोग में स्टेप अप का मामला हो, चाहे महिला अध्यापकों को 20 कैजुअल लीव एवं छह मास के मातृत्व अवकाश की बात हो । इसके अलावा हजारों कच्चे अध्यापक इन संघर्षों के दौरान नियमित हुए । अध्यापक संघ व्यापक एकता के महत्व को समझते हुए सर्व कर्मचारी संघ एवं एसटीएफआई का एक अहम हिस्सा बना। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में जब सरकारें पीपीपी के माध्यम से सार्वजनिक विभागों को बेचना चाहती है तो इस व्यापक एकता को और ज्यादा मजबूत करने में जनता के बीच में जाकर प्रचार करने तथा जनता को जोडऩे की जरूरत है । अध्यापक की वैचारिक चेतना बढ़ाने की भी जरूरत है । उन्होंने अध्यापक संघ के इतिहास एवं उपलब्धियों पर विस्तार से बात रखी व अध्यापकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब भी दिए ।
जिला प्रधान सुनील यादव ने जिला कमेटी के कार्यों एवं उपलब्धियों के बारे में चर्चा की । राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डबवाली की छात्राओं व वंदना वाणी ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। अंत में खंड के उन अध्यापकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया जिन्होंने सार्वजनिक शिक्षा को बचाने अथवा बढ़ाने के लिए लड़े गए संघर्षों में अग्रिम पंक्ति में भाग लिया। मंच का संचालन सचिव कालूराम, जिला सह सचिव गुरमीत सिंह ने संयुक्त रूप से किया । इस अवसर पर बोलते हुए जिला सचिव बूटा सिंह ने कहा कि अध्यापक संघ द्वारा जिला के सभी खंडों में ऐसे ही सेमिनार एवं सम्मान समारोह आगामी दिनों में किए जाएंगे । अंत में खंड प्रधान कृष्ण कायत ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर उपपप्रधान चित्रा, रमेश सेठी, नानक चंद, बलौर सिंह, वीरभान, गुरविंदर सिंह, अनिल कुमार, बन्त राज, सतपाल सिंह , विनोद कुमार, सुंदर सिंह, देवी लाल, अजैब सिंह, प्रदीप कुमार, भूप सिंह, मांगें राम डूडी, राजेंद्र जाखड़, नरेश शर्मा आदि उपस्थित थे ।
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