कभी तो मेरे इन बंद पन्नों को खोलकर निहार कभी दग़ा न होगा, मेरी बातों को जीवन में तो उतार
पुस्तकालयों के शीशों के पीछे से आती है यही पुकार
सिर्फ़ सजावट के लिए नहीं लिया था मैंने अवतार
कभी तो मेरे इन बंद पन्नों को खोलकर निहार
कभी दग़ा न होगा, मेरी बातों को जीवन में तो उतार
मिलेनियम स्कूल डबवाली ने फरवरी महीने को लाइब्रेरी महीना बोलकर सभी को इस से अवगत कराया जैसे हर महीने की अपनी महत्वता है उसी तरह फरवरी महीने का महत्व किताब के साथ जोड़ा गया है पूरे विश्व में इस महीने को लाइब्रेरी प्रेमी से जाना जाता है जिसमें किताबों को पढ़ने का शौक रखने वाले अपने विचारों से इसका वर्णन करते हैं एक शांत कमरा, ढेर सारी किताबें, कई लोग, फिर भी चुप. कुछ याद आया ? जी हाँ ! मैं बात कर रही हूँ किताबों से भरे उस कमरे की जिसे “पुस्तकालय” या “Library” कहते हैं. Marcus Tulips Cicero अपने विचारों में कहा है कि यदि आपके पास एक बगीचा या लाइब्रेरी है आपको किसी और चीज की जरूरत कभी भी महसूस नहीं होगी पर आज के माहौल को देखकर हर शहर की लाइब्रेरी में एक सूनापन सा आ गया है किताबे मनुष्य की सबसे परम मित्र है एक ऐसा मित्र जो हमेशा हर मुश्किल घड़ी में एक सच्चे मित्र की तरह सलाह देता है मिलेनियम स्कूल ने लाइब्रेरी मंथ की महत्वता को देखकर अपनी स्कूल की लाइब्रेरी में हर उस विषय को जगह दी है जिसकी बच्चों के जीवन में अहम जगह है मिलेनियम स्कूल डबवाली बच्चों को कॉम्पिटेटिव एक्जाम के लिए तैयार करने के लिए जनरल नॉलेज मेंटल मैथ जनरल एप्टीट्यूड जैसे हर तरह के विषय की किताबों से अपने बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर रहे हैं यह किताब सिर्फ बच्चों तक की सीमित नहीं है बल्कि शिक्षकों को उनके विषय से संबंधित किताबों के साथ साथ उन्हें टीचर कॉन्पिटिटिव एग्जाम के लिए मदद कर रही है स्कूल की लाइब्रेरी की महत्वता इस बात से बनती है कि लाइब्रेरी में स्कूल के शिक्षक हर दिन एक विशेष विषय को लेकर एक लेख जमा करते है स्कूल के अध्यक्ष ने बताया विद्यार्थी और शिक्षा का बड़ा ही गहरा संबंध है। शिक्षा मनुष्य के लिए खान-पान से भी अधिक आवश्यक है। शिक्षा प्रत्येक समाज और राष्ट्र के लिए उन्नति की कुंजी है। अज्ञानता मनुष्य के लिए अभिशाप है। शिक्षा के द्वारा ही हम सत्य और असत्य को परख पाते हैं। शिक्षा जीवन-विकास की सीढ़ी है।
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