चुनावी पम्पलेट व पोस्टर को लेकर धारा 144 लागू



सिरसा 13 मार्च।
चुनावी पंपलेटस व पोस्टर आदि छपवाने के संबंध मेें जिलाधीश प्रभजोत सिंह ने अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधज्ञा लागू की है। आदेशों में कहा गया है कि जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए के प्रावधानों के अनुसार प्रकाशक व मुद्रक के नाम व पता के बिना प्रचार सामग्री नहीं छपवाई जा सकती।
आदेशों में कहा गया है कि प्रकाशक को न केवल अपनी पहचान देनी होगी बल्कि हस्ताक्षर के साथ उन दो लोगों से सत्यापन भी कराना होगा जो उसे व्यक्तिगत रूप से जानते हो। अगर पम्पलेट अथवा पोस्टर राज्य की राजधानी में छापा जाता है तो मुद्रक को एक तर्क संगत समय में छापे गये कागजात की प्रति मुख्य चुनाव अधिकारी को भेजनी होगी। यदि जिला में छपाई की जाती है तो उस स्थिति में कागजात की प्रति जिला मैजिस्ट्रेट को प्रेषित करनी होगी। इसी प्रकार से अगर प्रकाशित किये गये पोस्टर अथवा पम्पलेट की फोटो प्रतियां की जाती है तो उसे छपाई की श्रेणी में ही शामिल किया जायेगा। बशर्ते वह हाथ से न लिखी गई हो।
उन्होंने कहा कि चुनाव पम्पलेट व पोस्टर का अर्थ वह प्रकाशित पम्पलेट, हैंडबिल या अन्य कागजात है, जो प्रत्याशी अथवा प्रत्याशियों के समूह को प्रोत्साहित करने के लिए वितरित किया जाता है। लेकिन इसमें चुनाव की बैठक की तिथि, समय, स्थान व अन्य विवरण या चुनाव एजेंटों को दिये जाने वाले निर्देशों के लिए तैयार किये गये प्ले गार्ड अथवा पोस्टर को शामिल नहीं किया जायेगा। प्रिंटिंग प्रैस द्वारा इन आदेशों की उल्लंघना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रिंटिंग प्रैस मालिकों को दी हिदायतें :
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने जिला में स्थापित सभी प्रिंटिंग प्रैस व प्रिंटरज मालिकों से कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दल व चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार या उनके समर्थक भारी मात्रा में पोस्टर, पंपलेट, हैंड बिल बैनर इत्यादि छपवा कर जारी करेंगे। किंतु जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125-क के अनुसार कोई भी प्रकाशक / प्रिंटर या प्रिंटिंग प्रैस का मालिक किसी भी प्रकार की गैर कानूनी सामग्री नहीं छाप सकता।
उन्होंने कहा कि ऐसे छपाई के कोई दस्तावेज किसी के धर्म, जाति, समाज, भाषा या चरित्र हनन का प्रकाशन हो वह गैर कानूनी होगा। दोषी पाए जाने पर प्रकाशन व छपवाई करवाकर ऐसी सामग्री जारी करने वाले के विरुद्घ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127ए के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है।

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