मंदिर-गुरुद्वारे की दीवार को लेकर खूनी संघर्ष, एक की मौत, 18 घायल
गुहला-चीका (कैथल)।
गुहला के गांव बदसूई में गुरुद्वारे व मंदिर की दीवार बनाने को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 18 से ज्यादा लोग घायल हैं। तनाव के मद्देनजर गांव में भारी पुलिस बल भी तैनात है। इस बीच, मंदिर पक्ष के 35 लोगों के खिलाफ हत्या व मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। पूर्व सरपंच ओमप्रकाश व उसके दोनों बेटों को गिरफ्तार कर लिया है। कई लोगों को हिरासत में लेकर अन्य आरोपितों के लिए पुलिस छापेमारी कर रही थी।
इस मंदिर व गुरुद्वारे की एकता की मिसाल आसपास के गांवों में दी जाती थी। मंदिर में धर्मशाला का कमरा बनाने के लिए सांसद निधि से पांच लाख रुपये की ग्रांट मिली थी। इसके बाद अलग परिसर की बात शुरू हुई थी। तीन नंबरदार व वर्तमान सरपंच की चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई।
कमेटी ने कई पंचायतों के बाद 110 फीट जमीन गुरुद्वारे व 90 फीट मंदिर के लिए तय कर दी और कमेटी ने दीवार निकालने की निशानदेही के लिए सफेदी भी डाल दी थी, लेकिन मंदिर पक्ष के लोगों ने फैसला मानने से इनकार करते हुए रातों रात नई जगह पर खोदाई कर दीवार की नींव भर दी। इसके बाद जब गुरुद्वारा में एक पक्ष के 15 से 20 लोग बैठक कर रहे थे तो दूसरे पक्ष ने हमला कर दिया।
17 घायलों को किया कैथल रेफर
खूनी संघर्ष में गंभीर रूप से घायल संदीप सिंह, मनप्रीत सिंह, प्रताप सिंह, शमशेर सिंह, रणजीत सिंह, कर्मजीत सिंह, जगमेल सिंह, बलजीत सिंह, चरण सिंह, दवेंद्र सिंह, सर्वजीत सिंह, अमित, रविंद्र, शिव शंकर, जय नारायण, देव राज, अजय व महिंद्र को इलाज के लिए कैथल रेफर किया गया है। वहीं शमशेर सिंह को इलाज के लिए गुहला से पटियाला रेफर किया गया था जहां निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
मंदिर व गुरुद्वारा बनाने के लिए सभी ने दिया दान
गांव में खाली पड़ी 26 मरले जमीन पर मंदिर व गुरुद्वारा बनाने की बात आई तो पूरे गांव ने मिलकर दान दिया था। दोनों का निर्माण एक साथ शुरू हुआ और एक साथ ही पूरा हुआ। गांव में सिखों की आबादी बहुत कम है, लेकिन ग्रामीणों की श्रद्धा इतनी है कि मंदिर में माथा टेकने गए लोग गुरुद्वारे में भी शीश नवां आते हैं। गुरुद्वारे गए लोग मंदिर में भी पूजा करके आते हैं।
आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज
डीएसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि गांव बदसूई में दो पक्षों में हुई खूनी संघर्ष को लेकर मृतक के बेटे की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले में जांच की जा रही है। गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
credit jagran group
इस मंदिर व गुरुद्वारे की एकता की मिसाल आसपास के गांवों में दी जाती थी। मंदिर में धर्मशाला का कमरा बनाने के लिए सांसद निधि से पांच लाख रुपये की ग्रांट मिली थी। इसके बाद अलग परिसर की बात शुरू हुई थी। तीन नंबरदार व वर्तमान सरपंच की चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई।
कमेटी ने कई पंचायतों के बाद 110 फीट जमीन गुरुद्वारे व 90 फीट मंदिर के लिए तय कर दी और कमेटी ने दीवार निकालने की निशानदेही के लिए सफेदी भी डाल दी थी, लेकिन मंदिर पक्ष के लोगों ने फैसला मानने से इनकार करते हुए रातों रात नई जगह पर खोदाई कर दीवार की नींव भर दी। इसके बाद जब गुरुद्वारा में एक पक्ष के 15 से 20 लोग बैठक कर रहे थे तो दूसरे पक्ष ने हमला कर दिया।
17 घायलों को किया कैथल रेफर
खूनी संघर्ष में गंभीर रूप से घायल संदीप सिंह, मनप्रीत सिंह, प्रताप सिंह, शमशेर सिंह, रणजीत सिंह, कर्मजीत सिंह, जगमेल सिंह, बलजीत सिंह, चरण सिंह, दवेंद्र सिंह, सर्वजीत सिंह, अमित, रविंद्र, शिव शंकर, जय नारायण, देव राज, अजय व महिंद्र को इलाज के लिए कैथल रेफर किया गया है। वहीं शमशेर सिंह को इलाज के लिए गुहला से पटियाला रेफर किया गया था जहां निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
मंदिर व गुरुद्वारा बनाने के लिए सभी ने दिया दान
गांव में खाली पड़ी 26 मरले जमीन पर मंदिर व गुरुद्वारा बनाने की बात आई तो पूरे गांव ने मिलकर दान दिया था। दोनों का निर्माण एक साथ शुरू हुआ और एक साथ ही पूरा हुआ। गांव में सिखों की आबादी बहुत कम है, लेकिन ग्रामीणों की श्रद्धा इतनी है कि मंदिर में माथा टेकने गए लोग गुरुद्वारे में भी शीश नवां आते हैं। गुरुद्वारे गए लोग मंदिर में भी पूजा करके आते हैं।
आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज
डीएसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि गांव बदसूई में दो पक्षों में हुई खूनी संघर्ष को लेकर मृतक के बेटे की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले में जांच की जा रही है। गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।
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