जंभ सरोवर जांभोलाव तीर्थ स्थल पर आगामी 5 अप्रैल को अमावस्या का विशाल मेला
डबवाली न्यूज़
बिश्रोई समाज के एक मात्र जंभ सरोवर जांभोलाव तीर्थ स्थल पर आगामी 5 अप्रैल को अमावस्या का विशाल मेला भरेगा। इससे पहले 4 अप्रैल की रात्रि को सरोवर स्थल पर जागरण भी होगा व अगले दिन विशाल हवन होगा। तदोपरांत अखिल भारतीय बिश्रोई महासभा के अध्यक्ष हीरा राम भंवाल की अध्यक्षता में खुला अधिवेशन होगा जिसमें समाज के प्रमुख संत व विद्वानजन विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा नजदीक स्थित जांभा अगुणी जगह के महंत स्वामी भगवान दास जी व महंत श्री प्रेम दास जी के सांनिध्य में आचार्य डा. गोवर्धन राम जी शिक्षा शास्त्री गोल्ड मेडलिस्ट हरिद्वार के मुखारबिंद से जांभाणी हरि कथा भी की जाएगी। कथा 30 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगी। कथा का समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रहेगा।
यह जानकारी देते हुए बिश्रोई सभा सचिव इंद्रजीत बिश्रोई ने बताया कि 4 अप्रैल वीरवार को दोपहर 12.50 बजे अमावस्या लगेगी व 5 अप्रैल शुक्रवार को दोपहर बाद 2.20 बजे उतरेगी। इस अनुसार श्रद्धालु व्रत धारण करेंगे व जंभ सरोवर के पवित्र जल में स्नान करेंगे। माना जाता है कि पवित्र जल में स्नान करने से कई तरह की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि विक्रम संवत 1566 में आसोज कृष्ण पंचमी गुरूवार को पुष्य नक्षत्र में श्री जंभेश्वर भगवान ने स्वयं भक्तों के साथ पहुंचकर तलाब की खुदाई प्रारंभ की थी। जैसलमेर के राजा जैत सिंह जी को जब यह समाचार मिला कि हमारे इष्टदेव श्री जंभेश्वर जी फलौदी के पास परमार्थ कार्य कर रहे हैं तो वे स्वयं चलकर अपने सेवकों के साथ उनके पास पहुंचे तथा तलाब खुदाई में सहभागिता निभाई। सेवकों के साथ राजा ने स्वयं भी लग्न से कार्य किया। श्री जंभेश्वर भगवान जी ने पास ही में जाल वृक्ष के नीचे कमलासन पर विराजमान होकर उपदेश दिया। उस स्थल पर सेवा कार्य एवं सत्संग श्रवण कर श्रद्धालु अपने आपको कृतार्थ अनुभव कर रहे थे। जंभ सरोवर पर भादों की पूर्णिमा व चैत्र की अमावस्या पर वर्ष में दो मेले लगते हैं। उन्होंने बताया कि जांभा धाम जाने के लिए डबवाली से हर रोज रात्रि को 10.30 बजे जाने वाली यात्री गाड़ी से लालगढ़ स्टेशन तक व वहां से जैसलमेर जाने वाली ट्रेन में सवार होकर काहन जी की सिड स्टेशन पर उतरने के बाद जांभा धाम जाया जा सकता है। इसके अलावा सप्ताह में हर मंगलवार को जन्मभूमि एक्सप्रैस में भी फलौदी तक जाया जा सकता है। इस ट्रेन का ठहराव अब डबवाली में भी होता है। यह ट्रेन सुबह 8.40 बजे डबवाली से रवाना होकर शाम करीब 5 बजे फलौदी पहुंचती है। वहां से बस द्वारा जंभ सरोवर धाम तक जाया जा सकता है। जंभ सरोवर धाम में हिसार सभा द्वारा हरियाणा भवन के नाम से बड़ी धर्मशाला स्थापित की गई है। वहां पर श्रद्धालुओं के लिए रहने व खाने आदि की बेहतरीन व्यवस्था रहेगी। अखिल भारतीय गुरू जंभेश्वर सेवक दल की तरफ से भंडारे की व्यवस्था मेला स्थल पर की गई है। इसके अलावा अमर ज्योति पत्रिका व जांभाणी साहित्य अकादमी की प्रकाशित पुस्तकों की स्टालें भी मेले में लगेंगी।
बिश्रोई समाज के एक मात्र जंभ सरोवर जांभोलाव तीर्थ स्थल पर आगामी 5 अप्रैल को अमावस्या का विशाल मेला भरेगा। इससे पहले 4 अप्रैल की रात्रि को सरोवर स्थल पर जागरण भी होगा व अगले दिन विशाल हवन होगा। तदोपरांत अखिल भारतीय बिश्रोई महासभा के अध्यक्ष हीरा राम भंवाल की अध्यक्षता में खुला अधिवेशन होगा जिसमें समाज के प्रमुख संत व विद्वानजन विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा नजदीक स्थित जांभा अगुणी जगह के महंत स्वामी भगवान दास जी व महंत श्री प्रेम दास जी के सांनिध्य में आचार्य डा. गोवर्धन राम जी शिक्षा शास्त्री गोल्ड मेडलिस्ट हरिद्वार के मुखारबिंद से जांभाणी हरि कथा भी की जाएगी। कथा 30 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगी। कथा का समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रहेगा।
यह जानकारी देते हुए बिश्रोई सभा सचिव इंद्रजीत बिश्रोई ने बताया कि 4 अप्रैल वीरवार को दोपहर 12.50 बजे अमावस्या लगेगी व 5 अप्रैल शुक्रवार को दोपहर बाद 2.20 बजे उतरेगी। इस अनुसार श्रद्धालु व्रत धारण करेंगे व जंभ सरोवर के पवित्र जल में स्नान करेंगे। माना जाता है कि पवित्र जल में स्नान करने से कई तरह की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि विक्रम संवत 1566 में आसोज कृष्ण पंचमी गुरूवार को पुष्य नक्षत्र में श्री जंभेश्वर भगवान ने स्वयं भक्तों के साथ पहुंचकर तलाब की खुदाई प्रारंभ की थी। जैसलमेर के राजा जैत सिंह जी को जब यह समाचार मिला कि हमारे इष्टदेव श्री जंभेश्वर जी फलौदी के पास परमार्थ कार्य कर रहे हैं तो वे स्वयं चलकर अपने सेवकों के साथ उनके पास पहुंचे तथा तलाब खुदाई में सहभागिता निभाई। सेवकों के साथ राजा ने स्वयं भी लग्न से कार्य किया। श्री जंभेश्वर भगवान जी ने पास ही में जाल वृक्ष के नीचे कमलासन पर विराजमान होकर उपदेश दिया। उस स्थल पर सेवा कार्य एवं सत्संग श्रवण कर श्रद्धालु अपने आपको कृतार्थ अनुभव कर रहे थे। जंभ सरोवर पर भादों की पूर्णिमा व चैत्र की अमावस्या पर वर्ष में दो मेले लगते हैं। उन्होंने बताया कि जांभा धाम जाने के लिए डबवाली से हर रोज रात्रि को 10.30 बजे जाने वाली यात्री गाड़ी से लालगढ़ स्टेशन तक व वहां से जैसलमेर जाने वाली ट्रेन में सवार होकर काहन जी की सिड स्टेशन पर उतरने के बाद जांभा धाम जाया जा सकता है। इसके अलावा सप्ताह में हर मंगलवार को जन्मभूमि एक्सप्रैस में भी फलौदी तक जाया जा सकता है। इस ट्रेन का ठहराव अब डबवाली में भी होता है। यह ट्रेन सुबह 8.40 बजे डबवाली से रवाना होकर शाम करीब 5 बजे फलौदी पहुंचती है। वहां से बस द्वारा जंभ सरोवर धाम तक जाया जा सकता है। जंभ सरोवर धाम में हिसार सभा द्वारा हरियाणा भवन के नाम से बड़ी धर्मशाला स्थापित की गई है। वहां पर श्रद्धालुओं के लिए रहने व खाने आदि की बेहतरीन व्यवस्था रहेगी। अखिल भारतीय गुरू जंभेश्वर सेवक दल की तरफ से भंडारे की व्यवस्था मेला स्थल पर की गई है। इसके अलावा अमर ज्योति पत्रिका व जांभाणी साहित्य अकादमी की प्रकाशित पुस्तकों की स्टालें भी मेले में लगेंगी।
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