शिरोमणि अकाली दल बादल-भाजपा पंजाब के युवाओं की भावनाओं से खेल रहे हैं: ब्रह्म महिंद्रा

एम्स को लेकर बड़े झूठ बोलने वाली केंद्रीय मंत्री पर बरसे महिंद्रा
जवाब में महिंद्रा ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखे सवाल, पंजाब के लोगों को बताएं सच
बठिंडा, 29 मार्च: दस सालों के दौरान पंजाब की सत्ता संभालने वाली शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार ने राज्य के युवाओं की पीठ में खंजर मारा है।
महिंद्रा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सभी लटके मसले सुलझाने की हर कोशिश की, तभी यह प्रोजेक्ट 2 सालों के दौरान दिन की रोशनी में दिख सका है।
केंद्रीय मंत्री पर हमला बोलते हुए महिंद्रा ने कहा कि वह कह रहे हैं कि राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही, परंतु सच्चाई यह है कि पीजीआई ने एडिशनल सेक्रेटरी हेल्थ को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी में कक्षाएं शुरू करने हेतु 25-03-19 को पत्र लिखा था और हमने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के उपकुलपति को 27-03-19 को जवाब दे दिया था। अब केंद्रीय मंत्री बताएं कि किसने कक्षाएं शुरू करनी हैं, मीडिया में बयान देने और पंजाब के लोगों को बेवकूफ बनाने की बजाय वह क्यों नहीं दिल्ली जा कर बैठतीं और भारत सरकार से अंतिम मंजूरी कि चिट्ठी लेकर आती हैं। यहां जिक्रयोग्य है कि हमारी सरकार द्वारा कक्षाओं के लिए साइटों का प्रस्ताव भी दिया गया है।
एम्स के लिए पावरग्रिड के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सभी पक्षो की 26-11-18 और 09-01-19 को हुई एक सांझा बैठक में पहले ही फैसला लिया जा चुका है कि पीएसपीसीएल 30-04-19 से 3 मेगावॉट का लोड मुहैया करवाएगी और 31-05-19 से बगैर किसी लिमिट के लोड देगी। अब यदि एम्स की इमारत के निर्माण और ओपीडी शुरू करने में देरी होती है तो उसके लिए किसको दोषी ठहराया जाए। हरसिमरत समय पर प्रोजेक्ट पूरा करने में असफल रहने के लिए पंजाब व बठिंडा के लोगों से माफी मांगने की बजाय उल्टा हम पर आरोप लगा रही हैं।
महिंद्रा ने केंद्रीय मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि उनको पंजाब के लोगों को सच बताना चाहिए। पंजाब के कितने छात्रों को एम्स में दाखिला मिलेगा और कितनों को मेडिकल कॉलेज मोहाली में दाखिला मिलेगा? हरसिमरत को पंजाब के युवाओं को जवाब देना चाहिए। असलियत यह है कि इसमें गृह राज्य को लेकर कोई भी आरक्षण नहीं है, परंतु यदि मोहाली मेडिकल कॉलेज में 100 सीटें हैं तो 85 छात्र राज्य में से दाखिला लेंगे। अब एक बार फिर से हरसिमरत को मेडिकल कॉलेज मोहाली पर जवाब देना चाहिए, जिस प्रोजेक्ट को जानबूझकर प्रकाश सिंह बादल ने रोक दिया था जो तत्कालीन मुख्यमंत्री थे और केंद्रीय मंत्री के नजदीकी रिश्तेदार हैं। केंद्र सरकार ने मोहाली में 100 सीटों वाले मेडिकल कॉलेज के लिए 19-02-14 को मंजूरी दी थी और इस प्रोजेक्ट पर 189 करोड रुपए खर्चे जाने थे जिसमें केंद्र और पंजाब सरकार के मध्य 75-25 की हिस्सेदारी थी लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट को ना शुरू करने हेतु सरकारी फाइल पर चार बार लिखा। जबकि उन्होंने और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय सेहत मंत्री को पत्र लिखे और एक बार फिर से प्रोजेक्ट को लाया गया जिसे आखिरकार 21-06-18 को 60-40 की हिस्सेदारी से मंजूरी मिली जिसमें भारत सरकार की 60 प्रतिशत (113 करोड़) और बाकी राज्य सरकार की हिस्सेदारी थी और ऐसे पंजाब को 28 करोड रुपए का नुकसान हुआ।
महिंद्रा ने कहा कि अब केंद्रीय मंत्री को आगे आना चाहिए और पंजाब के लोगों को झूठ बोलने बंद करने चाहिए व केंद्र की अपनी सरकार और तत्कालीन राज्य सरकार की नाकामयाबी को भी स्वीकार करना चाहिए और लोगों से माफी मांगनी चाहिए।यह शब्द सेहत मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने आज बठिंडा में मीडिया को संबोधित करते हुए कहे। इस अवसर पर महिंद्रा ने एम्स को लेकर उन तथ्यों और आंकड़ों को पेश किया जिनके बारे में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल बार-बार बात कर रही हैं और पंजाब व खासकर बठिंडा के लोगों को गुमराह कर रही हैं। एम्स के बारे में उन्होंने खुलासा किया कि किस प्रकार अकाली-भाजपा सरकार अढाई सालों के दौरान प्रोजेक्ट पर बैठी रही और भारत सरकार ने भी एम्स को लेकर कुछ नहीं किया। अकाली-भाजपा सरकार ने एम्स का शिलान्यास रखने के लिए अढाई साल ले लिए और वह भी विधानसभा चुनावों से कुछ वक्त पहले ही रखा गया, इस मामले में रोचक बात यह भी है कि तब तक कोई भी जमीन ट्रांसफर नहीं की गई थी। जबकि हमारी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद 20-9-18 को 180 एकड़ जमीन के लिए मंजूरी दी। अब केंद्रीय मंत्री पंजाब के लोगों को बताएं कि किस एम्स के बारे में वह बात कर रही हैं जिसके लिए केंद्र में और राज्य में आप की सरकारें होने के बावजूद 20-04-15 से कोई जमीन ट्रांसफर नहीं की गई थी।
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