उत्तर प्रदेश के झांसी से बीजेपी की सांसद और केंद्रीय मंत्री उमा भारती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ सर्कुलेट किया जा रहा है कि 'झांसी से लोकसभा का टिकट नहीं मिलने पर उमा भारती ने मोदी सरकार की पोल खोलनी शुरू कर दी है'.
क़रीब 2 मिनट के इस वायरल वीडियो में उमा भारती नरेंद्र मोदी की आलोचना करती हुई दिखाई देती हैं.
वायरल वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि "हिंदुत्व का एजेंडा और विकास का एजेंडा ये दो बाते हैं जो प्रोजेक्शन पूरे देश में नरेंद्र मोदी ने करने की कोशिश की है. मैं उनको 1973 से जानती हूँ. मुझे उनके बारे में अच्छी तरह से मालूम है. मैं ऐसा मानती हूँ कि वो विकास पुरुष नहीं, विनाश पुरुष हैं."
इसके बाद उमा भारती को नरेंद्र मोदी सरकार की कुछ योजनाओं की आलोचना करते सुना जा सकता है.
इस वीडियो में दिखता है कि उमा भारती के पीछे पीले रंग का एक बैनर लगा हुआ है और उनके आगे रखी हुई मेज पर प्रेस वालों के माइक बिछे हुए हैं.
बीते एक सप्ताह में इस वीडियो को फ़ेसबुक पर तीस लाख से ज़्यादा बाद देखा गया है और हज़ारों लोग इस वीडियो को शेयर कर चुके हैं.
'हरियाणा कांग्रेस व्यापार सेल', 'पक्के कांग्रेसी' और 'औवेसी फ़ैन क्लब' जैसे कुछ फ़ेसबुक पन्नों पर इस वीडियो को हज़ारों बार देखा गया है.
विकास पासवान नाम के एक फ़ेसबुक यूज़र ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो कुछ दिन पहले पोस्ट किया था.
पासवान के प्रोफ़ाइल से 14 हज़ार से ज़्यादा लोग इस वीडियो को शेयर कर चुके हैं और 15 लाख से ज़्यादा बार ये वीडियो देखा गया है.
लेकिन बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती के जिस वीडियो को 'झांसी के टिकट' से जोड़ते हुए शेयर किया जा रहा है, उसका आगामी लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.
दरअसल ये वीडियो 12 साल पुराना है.
नाराज़ उमा भारती का दौर
पिछले सप्ताह ही भारतीय जनता पार्टी ने यह घोषणा की थी कि उमा भारती 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी.
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान ये बताया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि उमा भारती को पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का फ़ैसला किया है.
सोशल मीडिया पर लोग उमा भारती का पुराना एडिट किया हुआ वीडियो शेयर करते हुए यह कयास लगा रहे हैं कि वो पार्टी के इस फ़ैसले से नाराज़ हैं.
लेकिन जो वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है वो साल 2007 का है. उस ज़माने में उभा भारती बीजेपी से बाहर थीं.
पार्टी की एक बैठक के दौरान उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के भाषण को बीच टोका था और फिर नाराज़ होकर बैठक से चली गई थीं. ये वाकया साल 2004 का है.
इसके बाद पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में उमा भारती को पार्टी के महासचिव के पद से हटा दिया था और उनकी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
साल 2006 में उमा भारती ने नई पार्टी 'भारतीय जनशक्ति पार्टी' का गठन किया था.
'राजकोट की प्रेस कॉन्फ़्रेंस'
वायरल वीडियो में उमा भारती 'गुजरात मॉडल' की आलोचना करते हुए कहती हैं कि प्रदेश मोदी राज में ज़्यादा कर्ज़दार बना और महिलाओं की सुरक्षा से समझौता किया गया.
वीडियो में उन्हें कहते सुना जाता है कि "नरेंद्र मोदी उस गुब्बारे की तरह हैं जिसमें मीडिया ने हवा भरी है".
उमा भारती की प्रेस कॉन्फ़्रेस का ये पुराना वीडियो पहले भी कई चुनावों में बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा चुका है.
साल 2015 में उमा भारती ने एक टीवी शो में अपनी इस पुरानी प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बारे में ख़ुलकर बताया था और अपनी सफ़ाई पेश की थी.
उमा भारती ने कहा था, "ये बात जब मैंने बोली थी तब मैं भारतीय जनशक्ति पार्टी में थी. गुजरात के राजकोट शहर में ये प्रेस कॉन्फ़्रेंस हुई थी."
"इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद मैंने राजकोट से वडोदरा तक का सफ़र किया. मैं एक घंटे में 100 किलोमीटर से ज़्यादा पहुंच गई थी. तब मैंने वहां से घोषणा की थी कि यहाँ तो बहुत अच्छा काम हुआ है."
"राजकोट की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद मैंने जो प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी, उसमें मैंने कहा था कि हम मोदी के ख़िलाफ़ विधानसभा चुनाव-2007 में उतारे गए अपने सारे उम्मीदवार वापस लेते हैं."
कई साल तक बीजेपी से बाहर रहने के बाद साल 2011 में उमा भारती को पार्टी में वापस लिया गया था.
तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने 7 जून 2011 को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर उनकी वापसी की घोषणा की थी.
इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में नीतिन गडकरी ने कहा था कि उमा भारती की पार्टी के सिद्धांतों और संगठन में पूरी निष्ठा है और वो उत्तरप्रदेश के लखनऊ में पार्टी के प्रचार का काम संभालेंगी.
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