प्राईवेट स्कूल वैन के ड्राईवर ने मारा कट, दुकानदारों द्वारा स्कूल प्रबंधन को शिकायत
डबवाली न्यूज़
चाईल्ड सेफ्टी नॉम्र्स को लेकर स्कूल प्रबंधन कितने गंभीर हैं। इसकी पोल सोमवार को उस समय खुली जब बठिंडा रोड पर एक निजी स्कूल के वैन चालक ने यातायात नियमों की उल्लंघना करते हुए वैन में सवार बच्चों की जान को सांसत में डाल दिया। मौके पर मौजूद दुकानदारों ने वैन चालक को आड़े हाथों लिया और स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। बठिंडा रोड स्थित दुकानदार सुच्चा सिंह भुल्लर, डॉ. सुखपाल सिंह सांवतखेड़ा, अनिल जिंदल, सुमित सिंह, चंद्रभान व अन्य ने बताया कि राजीव नगर में स्थित एम. एम. कॉन्वेंट स्कूल की एक वैन बठिंडा रोड की गली नंबर एक से बच्चों को लेने के लिए आती है, लेकिन वैन चालक यातायात नियमों की उल्लंघना करते हुए यू-टर्न लेने की बजाए दुपहिया वाहनों के लिए छोड़े गए कट से वैन को निकालता है, जिससे वैन के एक तरफ के टायर हवा में चले जाते हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उक्त दुकानदारों के मुताबिक उन्होंने वैन के काला नामक चालक को कई बार समझाया और स्कूल प्रबंधन व पुलिस में शिकायत करने की धमकी भी दी लेकिन वह नहीं माना। दो दिनों की छुट्टी के बाद जब सोमवार की सुबह वह बच्चों को लेने आया तो भी उसने स्कूल वैन को इसी डिवाईडर से निकालने का प्रयास किया। उक्त दुकानदारों ने उसे रोका और स्कूल प्रबंधन को फोन पर इसकी शिकायत दी। उसने माफी मांगते हुए कहा कि वह आगे से यू-टर्न से वैन वापिस मौड़ेगा तो दुकानदारों ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया। जब इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल डिंपल मिढा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें आज ही पता चला है और उन्होंने उस वैन के चालक काले के साथ-साथ अन्य वैन चालकों को भी समझा दिया है कि वह भी यातायात नियमों की अवहेलना न करें।
क्या हैं स्कूल वैन संचालन के नियम :
सुरक्षित वाहन पॉलिसी के अंतर्गत निजी स्कूलों की बसों को 22 नियमों को पूरा करना जरूरी है। स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर होना, जीपीएस सिस्टम होना, बस का कलर पीले रंग का होना, वाहन परमिट का होना, फस्र्ट एड बॉक्स का होना, फायर सेफ्टी यंत्र का होना, चालक परिचालक का ड्रैस में होना, वाहन पर चाईल्ड हेल्पलाईन 1098 अंकित होना, वाहन में कैमरा होना, वाहन पर स्कूल का नाम, बस के मालिक का नाम, फोन नंबर अंकित होना, ड्राईवर को पांच साल के वाहन चलाने का अनुभव होना, ड्राईवर का मेडिकल फिट होने सहित 22 नियमों का पालन करना नितांत जरूरी हैं।
चाईल्ड सेफ्टी नॉम्र्स को लेकर स्कूल प्रबंधन कितने गंभीर हैं। इसकी पोल सोमवार को उस समय खुली जब बठिंडा रोड पर एक निजी स्कूल के वैन चालक ने यातायात नियमों की उल्लंघना करते हुए वैन में सवार बच्चों की जान को सांसत में डाल दिया। मौके पर मौजूद दुकानदारों ने वैन चालक को आड़े हाथों लिया और स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। बठिंडा रोड स्थित दुकानदार सुच्चा सिंह भुल्लर, डॉ. सुखपाल सिंह सांवतखेड़ा, अनिल जिंदल, सुमित सिंह, चंद्रभान व अन्य ने बताया कि राजीव नगर में स्थित एम. एम. कॉन्वेंट स्कूल की एक वैन बठिंडा रोड की गली नंबर एक से बच्चों को लेने के लिए आती है, लेकिन वैन चालक यातायात नियमों की उल्लंघना करते हुए यू-टर्न लेने की बजाए दुपहिया वाहनों के लिए छोड़े गए कट से वैन को निकालता है, जिससे वैन के एक तरफ के टायर हवा में चले जाते हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उक्त दुकानदारों के मुताबिक उन्होंने वैन के काला नामक चालक को कई बार समझाया और स्कूल प्रबंधन व पुलिस में शिकायत करने की धमकी भी दी लेकिन वह नहीं माना। दो दिनों की छुट्टी के बाद जब सोमवार की सुबह वह बच्चों को लेने आया तो भी उसने स्कूल वैन को इसी डिवाईडर से निकालने का प्रयास किया। उक्त दुकानदारों ने उसे रोका और स्कूल प्रबंधन को फोन पर इसकी शिकायत दी। उसने माफी मांगते हुए कहा कि वह आगे से यू-टर्न से वैन वापिस मौड़ेगा तो दुकानदारों ने उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया। जब इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल डिंपल मिढा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें आज ही पता चला है और उन्होंने उस वैन के चालक काले के साथ-साथ अन्य वैन चालकों को भी समझा दिया है कि वह भी यातायात नियमों की अवहेलना न करें।
क्या हैं स्कूल वैन संचालन के नियम :
सुरक्षित वाहन पॉलिसी के अंतर्गत निजी स्कूलों की बसों को 22 नियमों को पूरा करना जरूरी है। स्कूल बसों में स्पीड गवर्नर होना, जीपीएस सिस्टम होना, बस का कलर पीले रंग का होना, वाहन परमिट का होना, फस्र्ट एड बॉक्स का होना, फायर सेफ्टी यंत्र का होना, चालक परिचालक का ड्रैस में होना, वाहन पर चाईल्ड हेल्पलाईन 1098 अंकित होना, वाहन में कैमरा होना, वाहन पर स्कूल का नाम, बस के मालिक का नाम, फोन नंबर अंकित होना, ड्राईवर को पांच साल के वाहन चलाने का अनुभव होना, ड्राईवर का मेडिकल फिट होने सहित 22 नियमों का पालन करना नितांत जरूरी हैं।
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