मजदूर वह इकाई है जो हर सफलता का अभिन्न अंग है -डॉ दीप्ति शर्मा
मलोट रोड पर स्थित गोल्डन एरा मिलेनियम स्कूल में आज प्रार्थना सभा में मजदूर दिवस के उपलक्ष पर बच्चों को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की जानकारी देते हुए डॉ दीप्ति शर्मा ने बच्चों से कहा मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता है मजदूर वह इकाई है जो हर सफलता का अभिन्न अंग है
फिर चाहे वह ईट गारे से सना इंसान हो या ऑफिस में काम करने वाला कर्मचारी हर वो इंसान जो किसी संस्था के लिए काम करता है और बदले में पैसा लेता है वो मजदूर है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी दिवस व मई दिवस भी कहते हैं इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है भारत में इसे श्रमिक दिवस भी कहते हैं मजदूर को मजदूर समझना हमारी सबसे बड़ी गलती है क्योंकि वह अपने खून पसीने की कमाई खाता है यह ऐसे स्वाभिमानी लोग होते हैं जो अपनी थोड़ी कमाई में खुश रहते हैं और अपनी मेहनत व लगन पर विश्वास रखते हैं इन्हें किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं होता है भारत में श्रमिक दिवस को कामकाजी आदमी व महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है मजदूर दिवस को पहली बार भारत के मद्रास में 1 मई 1923 को मनाया गया था इस दिन सभी कर्मचारी एक दूसरे को यह मैसेज सेंड कर विश भी करते हैं ऐसा करने से श्रमिक दिवस के प्रति लोगों की सामाजिक जागरुकता भी बढ़ती है 1960 में मुंबई को भाषा के आधार पर दो हिस्सों में बांटा गया था जिससे गुजरात व महाराष्ट्र को इसी दिन 1 मई को स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था इसलिए मई दिवस के दिन महाराष्ट्र दिवस व गुजरात दिवस के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं श्रमिक दिवस एक ऐसा अवसर है जब दुनिया के सभी लोग मजदूर वर्ग की सच्ची भावना को समझ कर उसका जश्न मनाते हैं यह एक ऐसा दिन है जब सभी श्रमिकों को एक साथ सबके सामने अपनी ताकत एकजुटता दिखाने का मौका मिलता है किसी शायर ने खूब लिखा है कि मजदूर ऊंचाई की नींव है
गहराई में है पर अंधकार में क्यों
उसे तुच्छ ना समझना
वो देश का गुरूर है
मजदूर समाज को मजबूत व परिपक्व बनाता है समाज को सफलता की ओर ले जाता है
गहराई में है पर अंधकार में क्यों
उसे तुच्छ ना समझना
वो देश का गुरूर है
मजदूर समाज को मजबूत व परिपक्व बनाता है समाज को सफलता की ओर ले जाता है
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