शाही अंदाज में जीवनयापन करने वाले डेरा प्रमुख गुरमीत ने मेहनत कर 18 हजार रुपये से अधिक की कमाई
रोहतक, [ओपी वशिष्ठ]। कैदी नंबर 8647। गुरमीत सिंह। ज्यादा नहीं बस दो साल हुए। भगवान की तरह पूजा जाता था पर दो साल में जमीन पर आ गया। उसको भी अब सुनारिया जेल की 12 बाई 8 की कोठरी रास आने लगी है,जेल में बंद होने के बाद से जहां गुरमीत ने पसीना बहाते हुए 15 किलो वजन कम कर लिया है, वहीं खेती-बाड़ी से भी कमाई कर रहा जेल में रहते हुए उसने सब्जी उगाकर अब तक 18 हजार रुपये से ज्यादा की कमाई की है।
कभी ये रकम उसके लिए रेजकारी जैसी थी। शाही अंदाज में जीवनयापन करने वाले गुरमीत में काफी बदलाव आया है। अब दाढ़ी के बाल आधे से च्यादा सफेद हो गए हैं। आचरण के मामले में तो कोई मुकाबला नहीं है।
जेल में करता है सब्जियों की खेती, मेहनत कर 18 हजार रुपये से अधिक की रकम की कमाई की
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत को पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत ने 25 अगस्त 2017 को साध्वियों के दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया था। फैसला 28 अगस्त को सुनारिया जेल में ही अदालत लगाकर सुनाया था। साध्वियों से दुष्कर्म मामले में 10-10 साल और पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा गुरमीत को अदालत सुना चुकी है। गुरमीत दो बार पैरोल की अर्जी लगा चुका है। एक बार खेती-बाड़ी और एक बार बीमार मां के इलाज का हवाला दिया गया था, लेकिन खेतीबाड़ी की अर्जी खुद वापस ले ली और बीमार मां के इलाज की अर्जी को जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर खारिज कर दिया।
गुरमीत ने पसीना बहाते हुए 15 किलो वजन कम कर लिया
बेशक, डेरे में गुरमीत सिंह शुगर का मरीज रहा हो और खान-पान में परहेज करता हो, लेकिन जब से जेल में बंद हुआ है, उसका स्वास्थ्य ठीक चल रहा है। इतना ही नहीं करीब 15 किलो वजन कम हो चुका है। जब जेल में बंद हुआ, तब वजन 105 किलो था। अब 90 के करीब वजन है। दो साल में सौ से अधिक बार परिजन भी गुरमीत से मिल चुके हैं।
जेल में प्रतिदिन चालीस रुपये के हिसाब से मजदूरी
गुरमीत को जेल में खेती-बाड़ी का काम मिला है। वह दो साल में करीब एक दर्जन किस्म की सब्जियां उगा चुका है। गुरमीत को 40 रुपये प्रतिदिन पारिश्रामिक के रूप में दिए जाते हैं। इसमें रविवार और सरकारी अवकाश शामिल नहीं हैं। गुरमीत ने जेल में काम के बदले 18 हजार रुपये से च्यादा की कमाई की है। जब से गुरमीत सुनारिया जेल में आया है, यह जेल देश की अतिसंवेदनशील जेलों में शामिल हो गई है।
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