गुरु जंभेश्वर भगवान के 569वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य बिश्रोई समाज की ओर से डबवाली शहर में विशाल शोभायात्रा निकाली
डबवाली न्यूज़
गुरु जंभेश्वर भगवान के 569वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को बिश्रोई समाज की ओर से डबवाली शहर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा के शुभारंभ पर आचार्य सुदेवानंद ने ज्योति प्रज्जवलित की व मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे अखिल भारतीय बिश्रोई युवा संगठन क अध्यक्ष प्रवीण कुमार धारणिया ने बिश्रोई धर्मशाला से नारियल फोड़कर व ध्वज को तिलक कर शोभायात्रा को रवाना किया। इसके तहत शोभयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने ढ़ोल नगाड़ों के साथ पूरे शहर में परिक्रमा की। बिश्रोई सभा सचिव इंद्रजीत बिश्रोई ने बताया कि यह शोभायात्रा नई अनाज मंडी रोड़, रेलवे फाटक, मेन बाजार, गोल बाजार, सब्जी मंडी, जीटी रोड़, बठिंडा चौक व बस स्टैंड, चौटाला रोड़ से होते हुए वापिस बिश्रोई धर्मशाला में पहुंचकर संपन्न हुई। रास्ते में शहरवासियों ने शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया। नई अनाज मंडी रोड़ पर अरोड़वंश सभा की ओर से शोभायात्रा का स्वगत किया गया व आचार्य सुदेवानंद को सिरोपा भेंट किया। रामलीला पार्क के नजदीक बिश्रोई सभा जंडवाला बिश्रोइयां की तरफ से श्रद्धालुओं में केले का प्रसाद वितरित किया गया। चौटाला रोड़ पर भवानी मिष्ठान भंडार की ओर से पुष्प वर्षा कर प्रसाद बांटा गया। इसके बाद बिश्रोई धर्मशाला में भी सभी को लंगर प्रसाद वितरित किया गया।
तदोपरंात धर्मशाला में आयोजित श्री जंभवाणी हरि कथा में आचार्य सुदेवानंद ने गुरु जांभोजी के नियमों की व्याख्या करते हुए समाज को उनका पालन करने के लिए कहा। उन्होंने नियम 'अजर को जरनाÓ के बारे में बताया कि तंबाकू नहीं खाना, अमल नहीं खाना, शराब नहीं पीनी व नीले वस्त्र का उपयोग नहीं करने की सीख गुरु जांभोजी द्वारा इस नियम में दी गई है। इस मौके पर मुख्यातिथि प्रवीण धारणिया, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. अशोक सभ्रवाल, जांभाणी साहित्य अकादमी के सदस्य विनोद कुमार काकड़ ने विचार रखे व लोगों का मार्गदर्शन किया। प्रवीण धारणिया ने बच्चों को नशों से दूर रहने, खेलों में भाग लेने व अभिभावकों को बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा। डा. सभ्रवाल ने कहा कि सभी को गुरु जांभोजी के नियमों को अपने जीवन में उतार कर पूरी तरह अमल करना चाहिए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। विनोद कांकड़ ने बच्चों को शिक्षित होने के साथ-साथ संस्कार बनने के लिए कहा। सचिव इंद्रजीत बिश्रोई ने बताया कि शनिवार को सुर्योदय पर धर्मशाला में हवन व ध्वजारोहण होगा। उन्होंने श्रद्धालुओं ने आह्वान किया वे घी खोपरों के साथ कार्यक्रम में पहुंचे। सभा प्रधान कृष्ण जादूदा ने सभी अतिथियों को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उनके अलावा हिरणों की रक्षार्थ शहीद हुए निहाल चंद धारणिया के पिता हनुमान धारणिया को भी सभा की ओर से सम्मानित किया गया। गांवों में स्थित विभिन्न बिश्रोई मंदिरों से आए पुजारियों को भी दक्षिणा देकर सम्मानित किया गया।
गुरु जंभेश्वर भगवान के 569वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को बिश्रोई समाज की ओर से डबवाली शहर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा के शुभारंभ पर आचार्य सुदेवानंद ने ज्योति प्रज्जवलित की व मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे अखिल भारतीय बिश्रोई युवा संगठन क अध्यक्ष प्रवीण कुमार धारणिया ने बिश्रोई धर्मशाला से नारियल फोड़कर व ध्वज को तिलक कर शोभायात्रा को रवाना किया। इसके तहत शोभयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने ढ़ोल नगाड़ों के साथ पूरे शहर में परिक्रमा की। बिश्रोई सभा सचिव इंद्रजीत बिश्रोई ने बताया कि यह शोभायात्रा नई अनाज मंडी रोड़, रेलवे फाटक, मेन बाजार, गोल बाजार, सब्जी मंडी, जीटी रोड़, बठिंडा चौक व बस स्टैंड, चौटाला रोड़ से होते हुए वापिस बिश्रोई धर्मशाला में पहुंचकर संपन्न हुई। रास्ते में शहरवासियों ने शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया। नई अनाज मंडी रोड़ पर अरोड़वंश सभा की ओर से शोभायात्रा का स्वगत किया गया व आचार्य सुदेवानंद को सिरोपा भेंट किया। रामलीला पार्क के नजदीक बिश्रोई सभा जंडवाला बिश्रोइयां की तरफ से श्रद्धालुओं में केले का प्रसाद वितरित किया गया। चौटाला रोड़ पर भवानी मिष्ठान भंडार की ओर से पुष्प वर्षा कर प्रसाद बांटा गया। इसके बाद बिश्रोई धर्मशाला में भी सभी को लंगर प्रसाद वितरित किया गया।
तदोपरंात धर्मशाला में आयोजित श्री जंभवाणी हरि कथा में आचार्य सुदेवानंद ने गुरु जांभोजी के नियमों की व्याख्या करते हुए समाज को उनका पालन करने के लिए कहा। उन्होंने नियम 'अजर को जरनाÓ के बारे में बताया कि तंबाकू नहीं खाना, अमल नहीं खाना, शराब नहीं पीनी व नीले वस्त्र का उपयोग नहीं करने की सीख गुरु जांभोजी द्वारा इस नियम में दी गई है। इस मौके पर मुख्यातिथि प्रवीण धारणिया, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. अशोक सभ्रवाल, जांभाणी साहित्य अकादमी के सदस्य विनोद कुमार काकड़ ने विचार रखे व लोगों का मार्गदर्शन किया। प्रवीण धारणिया ने बच्चों को नशों से दूर रहने, खेलों में भाग लेने व अभिभावकों को बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा। डा. सभ्रवाल ने कहा कि सभी को गुरु जांभोजी के नियमों को अपने जीवन में उतार कर पूरी तरह अमल करना चाहिए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। विनोद कांकड़ ने बच्चों को शिक्षित होने के साथ-साथ संस्कार बनने के लिए कहा। सचिव इंद्रजीत बिश्रोई ने बताया कि शनिवार को सुर्योदय पर धर्मशाला में हवन व ध्वजारोहण होगा। उन्होंने श्रद्धालुओं ने आह्वान किया वे घी खोपरों के साथ कार्यक्रम में पहुंचे। सभा प्रधान कृष्ण जादूदा ने सभी अतिथियों को शाल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उनके अलावा हिरणों की रक्षार्थ शहीद हुए निहाल चंद धारणिया के पिता हनुमान धारणिया को भी सभा की ओर से सम्मानित किया गया। गांवों में स्थित विभिन्न बिश्रोई मंदिरों से आए पुजारियों को भी दक्षिणा देकर सम्मानित किया गया।
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