चौटाला परिवार को एकजुट करने की मुहीम पहुंची चौटाला गाँव में, ग्रामवासियों ने किया मुहीम का समर्थन
डबवाली न्यूज़
चौटाला परिवार की एकजुटता को लेकर प्रयास कर रहे हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल व् कुछ अन्य किसान व् खाप प्रतिनिधि बुधवार को ओम प्रकाश चौटाला के पैतृक गाँव चौटाला पहुंचे तथा ग्रामवासियों से इस मुहीम में सहयोग करने की अपील की। रमेश दलाल ने चौटाला गाँव में पंचायत कर ग्रामवासियो के सामने चौटाला परिवार की एकजुटता की मुहीम में भूमिका निभाने के लिए प्रस्ताव रखा, जिसके जवाब में पंचायत में उपस्थित ग्राम वासियों ने मुहीम की सराहना करते हुए प्रस्ताव को पास किया। ऐसे में अब चौटाला गाँव ने भी इस मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए खाप पंचायतों को अधिकृत कर दिया है। रमेश दलाल का कहना है कि हमने सारे तथ्य चौटाला गाँव के समक्ष रख दिए है तथा चौटाला गाँव ने एकजुटता की मुहीम का पूर्णतः समर्थन किया है।
गौरतलब है कि ओमप्रकाश चौटाला, सरदार प्रकाश सिंह बादल, डॉ. अजय चौटाला, अभय चौटाला, पहले ही खाप पंचायतो को इस मुहीम को आगे बढ़ने के लिए अधिकृत कर चुके है। उसी दिशा में अब चौटाला गाँव ने भी निर्णय पंचायत पर छोड़ा है। वही दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बयान दिया था कि डॉ. अजय चौटाला के पैरोल पर बाहर आने पर ही वह परिवार के राजनीतिक एकजुटता पर फैसला लेंगे। इसके जवाब में रमेश दलाल का कहना है कि चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है तथा फैसला करने के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसी स्थिति में या तो एक-दो दिन में डॉ. अजय चौटाला पैरोल पर बहार आ कर अपना निर्णय स्पष्ट करें तथा अगर किसी कारण से उनके बाहर आने में कोई विलंब हो रहा हो तो दुष्यंत चौटाला उनसे बात करके, पंचायत को आगे बढ़ने के लिए अधिकृत करें। जब तक सभी पक्ष पंचायत को फैसले के लिए अधिकृत नहीं कर देते, तब तक पंचायत इस मुहीम को आगे नहीं बढ़ा सकती। रमेश दलाल का कहना है कि समय की मांग के अनुसार चौटाला परिवार को स्वर्गीय ताऊ देवी लाल के पदचिन्हों पर चलना चाहिए। ताऊ देवीलाल ने 1987 में पहले तो हरियाणा में महागठबंधन बनाया और फिर बाद में देश के विपक्ष को संगठित कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया। साथ ही रमेश दलाल ने ताऊ देवीलाल के त्याग का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ तो देवीलाल ने प्रधानमंत्री तक के पद का त्याग कर दिया था वही दूसरी तरफ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के कारण चौटाला परिवार में एकजुटता करने में विलंब हो रहा है। अगर चौटाला परिवार को स्वर्गीय ताऊ देवीलाल के पदचिन्हो पर चलना है तो परिवार को एकजुट कर पंचायत को फैसला करने के लिए अधिकृत करे।
चौटाला परिवार की एकजुटता को लेकर प्रयास कर रहे हरियाणा स्वाभिमान आंदोलन के अध्यक्ष रमेश दलाल व् कुछ अन्य किसान व् खाप प्रतिनिधि बुधवार को ओम प्रकाश चौटाला के पैतृक गाँव चौटाला पहुंचे तथा ग्रामवासियों से इस मुहीम में सहयोग करने की अपील की। रमेश दलाल ने चौटाला गाँव में पंचायत कर ग्रामवासियो के सामने चौटाला परिवार की एकजुटता की मुहीम में भूमिका निभाने के लिए प्रस्ताव रखा, जिसके जवाब में पंचायत में उपस्थित ग्राम वासियों ने मुहीम की सराहना करते हुए प्रस्ताव को पास किया। ऐसे में अब चौटाला गाँव ने भी इस मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए खाप पंचायतों को अधिकृत कर दिया है। रमेश दलाल का कहना है कि हमने सारे तथ्य चौटाला गाँव के समक्ष रख दिए है तथा चौटाला गाँव ने एकजुटता की मुहीम का पूर्णतः समर्थन किया है।
गौरतलब है कि ओमप्रकाश चौटाला, सरदार प्रकाश सिंह बादल, डॉ. अजय चौटाला, अभय चौटाला, पहले ही खाप पंचायतो को इस मुहीम को आगे बढ़ने के लिए अधिकृत कर चुके है। उसी दिशा में अब चौटाला गाँव ने भी निर्णय पंचायत पर छोड़ा है। वही दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में बयान दिया था कि डॉ. अजय चौटाला के पैरोल पर बाहर आने पर ही वह परिवार के राजनीतिक एकजुटता पर फैसला लेंगे। इसके जवाब में रमेश दलाल का कहना है कि चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है तथा फैसला करने के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसी स्थिति में या तो एक-दो दिन में डॉ. अजय चौटाला पैरोल पर बहार आ कर अपना निर्णय स्पष्ट करें तथा अगर किसी कारण से उनके बाहर आने में कोई विलंब हो रहा हो तो दुष्यंत चौटाला उनसे बात करके, पंचायत को आगे बढ़ने के लिए अधिकृत करें। जब तक सभी पक्ष पंचायत को फैसले के लिए अधिकृत नहीं कर देते, तब तक पंचायत इस मुहीम को आगे नहीं बढ़ा सकती। रमेश दलाल का कहना है कि समय की मांग के अनुसार चौटाला परिवार को स्वर्गीय ताऊ देवी लाल के पदचिन्हों पर चलना चाहिए। ताऊ देवीलाल ने 1987 में पहले तो हरियाणा में महागठबंधन बनाया और फिर बाद में देश के विपक्ष को संगठित कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया। साथ ही रमेश दलाल ने ताऊ देवीलाल के त्याग का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ तो देवीलाल ने प्रधानमंत्री तक के पद का त्याग कर दिया था वही दूसरी तरफ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के कारण चौटाला परिवार में एकजुटता करने में विलंब हो रहा है। अगर चौटाला परिवार को स्वर्गीय ताऊ देवीलाल के पदचिन्हो पर चलना है तो परिवार को एकजुट कर पंचायत को फैसला करने के लिए अधिकृत करे।
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