बाल मंदिर स्कूल में विज्ञान पर आधारित परिचर्चा सम्मेलन 29 को
डबवाली न्यूज़
वाटर वक्र्स रोड स्थित बाल मंदिर मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में आगामी 29 फरवरी, शनिवार को विद्यालय के सभागार में इसरो के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. जगदीश सिंह गार्गी विद्यार्थियों से रूबरू होकर सौर एवं वायुमंडलीय भौतिकी संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों की विशिष्ट जानकारी देंगे।
डॉ. जगदीश सिंह गार्गी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक हैं। सोलर एटमोसफियर में पीएचडी कर उन्होंने सोलर फिजिक्स इंस्ट्ररुमेंटेशन एंड ऑब्जरवेशन में रिसर्च किया। डॉ. गार्गी ने जापान में 2003-04 तक नेशनल एस्ट्रोनॉमीकल ऑब्जर्वेटरी में प्रोफेसर के पद पर आसीन रहे। इसी संस्था ने जापान में इन्हें साईंटिफिक अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमीकल यूनियन के सोलर एक्लिप्स सूर्य ग्रहण के विषय पर जानकारी संग्रहीत करने वाले सदस्य हैं।
इन्होंने अनेक उपलब्धियों को सुशोभित करते हुए नेशनल कॉर्डीनेशन कमेटी सोलर एक्लिप्स विषय हेतु कन्वीनर रह चुके डॉ. सिंह ने सन् 2010-11 में इसरो में आदित्य प्रथम के लांच में प्रोजेक्ट कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी उपलब्धियों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता, वह इंडियन अंटारटिका एक्सपेडिशन में पहली भारतीय टीम का नेतृत्व प्रदान करने वाले वैज्ञानिक रहे हैं। प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार कौशिक ने उनके आगमन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि बाल मंदिर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए बड़ी ज्ञानप्रद परिचर्चा होगी।
डॉ. सिंह के ज्ञानकोश से कुछ महत्वपूर्ण एवं विषयोपयोगी जानकारी से सभी लाभांवित होंगे। प्रिंसिपल कौशिक बताया कि डबवाली क्षेत्र के किसी भी विद्यालय के विद्यार्थी एवं विज्ञान अध्यापक-अध्यापिकाएं इस सम्मेलन में उपस्थित रहकर अनुपम जानकारी हासिल कर सकते हैं।
वाटर वक्र्स रोड स्थित बाल मंदिर मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में आगामी 29 फरवरी, शनिवार को विद्यालय के सभागार में इसरो के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. जगदीश सिंह गार्गी विद्यार्थियों से रूबरू होकर सौर एवं वायुमंडलीय भौतिकी संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों की विशिष्ट जानकारी देंगे।
डॉ. जगदीश सिंह गार्गी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक हैं। सोलर एटमोसफियर में पीएचडी कर उन्होंने सोलर फिजिक्स इंस्ट्ररुमेंटेशन एंड ऑब्जरवेशन में रिसर्च किया। डॉ. गार्गी ने जापान में 2003-04 तक नेशनल एस्ट्रोनॉमीकल ऑब्जर्वेटरी में प्रोफेसर के पद पर आसीन रहे। इसी संस्था ने जापान में इन्हें साईंटिफिक अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमीकल यूनियन के सोलर एक्लिप्स सूर्य ग्रहण के विषय पर जानकारी संग्रहीत करने वाले सदस्य हैं।
इन्होंने अनेक उपलब्धियों को सुशोभित करते हुए नेशनल कॉर्डीनेशन कमेटी सोलर एक्लिप्स विषय हेतु कन्वीनर रह चुके डॉ. सिंह ने सन् 2010-11 में इसरो में आदित्य प्रथम के लांच में प्रोजेक्ट कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी उपलब्धियों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता, वह इंडियन अंटारटिका एक्सपेडिशन में पहली भारतीय टीम का नेतृत्व प्रदान करने वाले वैज्ञानिक रहे हैं। प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार कौशिक ने उनके आगमन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि बाल मंदिर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए बड़ी ज्ञानप्रद परिचर्चा होगी।
डॉ. सिंह के ज्ञानकोश से कुछ महत्वपूर्ण एवं विषयोपयोगी जानकारी से सभी लाभांवित होंगे। प्रिंसिपल कौशिक बताया कि डबवाली क्षेत्र के किसी भी विद्यालय के विद्यार्थी एवं विज्ञान अध्यापक-अध्यापिकाएं इस सम्मेलन में उपस्थित रहकर अनुपम जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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