प्री बजट सत्र में बोले विधायक अमित सिहाग : बजट में हो हर हल्के में नशा मुक्ति केंद्र के साथ ड्रग ट्रीटमेंट क्लीनिक का प्रावधान

उपायुक्त की मार्फत सर्वे करवा जरूरतमंद परिवारों को आयुष्मान योजना के अंदर लाए सरकार
डबवाली न्यूज़
प्री बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को जनस्वास्थ्य और सामाजिक न्याय पर चर्चा की गई।
जिस पर चर्चा करते हुए हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने अपनी बात रखते हुए अहम विचार प्रकट किये ,जनस्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए विधायक ने कहा कि नशे ने पूरे हरियाणा में अपने पांव पसार लिए हैं और डबवाली हल्के में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव है इसलिए सबसे पहले हमें इस नशे से निजात पाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। विधायक ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र के साथ-साथ ड्रग ट्रीटमेंट क्लीनिक (डीटीसी) का भी उचित प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए ताकि जो लोग खासकर युवा नशे के आदी हो चुके हैं उनका उचित इलाज करवाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने का काम किया जा सके। उन्होंने बताया कि ड्रग ट्रीटमेंट क्लीनिक विधि को ब्रिटिश मेडिकल जनरल द्वारा दक्षिण एशिया का सर्वोत्तम पुरस्कार दिया गया था। यह नशा मुक्ति केंद्र से ज्यादा कारगर है, इसलिए बजट में इस पर विशेष प्रावधान किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य पर भी बजट में विशेष प्रावधान होना चाहिए, क्योंकि आज के समय हरियाणा ही नहीं पूरे देश में गरीबी का एक बड़ा कारण ये है कि जब कोई व्यक्ति बीमारी से ग्रस्त हो जाता है या किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसे किसी निजी अस्पताल में इलाज करवाना पड़ता है,
सरकार की तरफ से आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया जा रहा है परंतु सरकारी अस्पतालों में जबकि पीडि़तों को उपयुक्त इलाज नहीं मिल रहा। अगर हमारे सरकारी अस्पतालों में उचित इलाज हो तो आमजन का बहुत पैसा बच जाएगा और वो आर्थिक गरीबी की तरफ जाने से बच जाएगा। इसलिए हमें बजट के तहत ज्यादा पैसा जनस्वास्थ्य के लिए अस्पतालों पर खर्च कर आमजन को लाभ देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज के समय हरियाणा में कैंसर, हृदय रोग, शूगर जैसी बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। इन बीमारियों की रोकथाम के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए। इसके अलावा हर जिले में कैंसर के इलाज के लिए अलग से अस्पताल बनाया जाना चाहिए। मौजूदा समय में हरियाणा में केवल एक ही फोरेंसिक लैब है जो कि करनाल में है। हर जिले में एक-एक फोरेंसिक लैब का निर्माण भी किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर के पदों पर भर्ती करते समय अगर आरक्षित श्रेणी में पद पूरे नहीं होते हैं तो सरकार को उन पदों पर महिलाओं सहित अन्य वर्गों की भर्ती कर देनी चाहिए ताकि स्टॉफ की कमी न हो। अमित सिहाग ने कहा कि सरकार द्वारा जो आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनाए गए हैं वो 2011 की जनगणना के अनुसार बनाए गए हैं कुछ तकनीकी कमियों के कारण बहुत से ऐसे परिवार इस योजना से वंचित रह गए हैं, जिनको इस योजना की बहुत आवश्यकता है। अत: सरकार को चाहिए कि हर जिले में उपायुक्त की मार्फत एक सर्वे करवाए ताकि जो इस योजना से वंचित रह गए हैं उनको भी इसमें शामिल किया जा सके।
इससे पहले सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के 4 अल्ट्रासाउंड निशुल्क किए जाते थे जो बजट की कमी के चलते केवल एक ही किया जा रहा है और जिन निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों से अल्ट्रासाउंड करवाए गए उनकी राशि भी बकाया पड़ी है। सरकार को बजट में इस ओर ध्यान देना चाहिए। सामाजिक न्याय पर बोलते हुए विधायक ने खास तौर पर आरक्षित वर्ग के लिए कहा कि कैबिनेट ने 2018 को एससी कमिशन को मंजूरी दे दी थी पर उसे अभी तक बनाया नहीं गया। इस बजट में सरकार को इसे बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आज भी उचित उपकरणों के उपलब्ध न होने से सीवरेज की सफाई के लिए सफाई कर्मियों को सीवर के अंदर उतरना पड़ता है। सरकार को चाहिए कि इस बजट में उपकरण खरीद कर स्थानीय निकायों को दिए जाएं ताकि किसी व्यक्ति को सीवर में उतरकर सफाई न करनी पड़े और इस कुप्रथा को मिटाया जा सके।

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