निजी स्कूलों के साथ दोहरा रवैया अपना रहे हैं बोर्ड के चेयरमैन : सिड़ाना
डबवाली न्यूज़
फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। एसोसिएशन के जिला प्रधान पंकज सिड़ाना के अनुसार चेयरमैन निजी स्कूलों के साथ दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
जगबीर सिंह का कहना है ग्रामीण आंचल में स्थित निजी स्कूलों के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा देने शहर में आएंगे तो वहीं सरकारी स्कूलों के परीक्षा केंद्र ग्रामीण स्तर पर बनेंगे। निजी स्कूलों में ऑब्जर्वर की नियुक्ति प्रेक्टिकल के दौरान लगेगी, जबकि सरकारी स्कूलों में ऐसी व्यवस्था नहीं होगी। बोर्ड ने निजी स्कूल अध्यापकों को परीक्षा अधीक्षक नहीं बनाया है। जिला प्रधान के अनुसार ऐसा पहली बार नहीं हुआ। जब बोर्ड ने नियमों की किताब निजी स्कूलों पर थोपी है। पिछले करीब चार साल से किसी न किसी बहाने बोर्ड उन्हें परेशान कर रहा है। सिड़ाना के मुताबिक बोर्ड चेयरमैन हठधर्मिता छोडक़र सभी बच्चों को एक सामान समझें। अगर बोर्ड ने परीक्षा केंद्र आवंटन समेत उक्त मुद्दों पर नीति स्पष्ट नहीं की तो एसोसिएशन आंदोलन की रणनीति तैयार करने पर मजबूर होगी।
जिला प्रधान ने आरोप लगाया कि बोर्ड चेयरमैन निजी स्कूलों को डराने-धमकाने का कार्य कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा है कि अगर निजी स्कूलों ने शिक्षक नहीं भेजे तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। स्कूलों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाएंगे। जबकि हकीकत यह है कि निजी स्कूल शिक्षक भेजने को तैयार हैं। बशर्ते परीक्षा केंद्र की दूरी 15 से 20 किलोमीटर हो। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि चेयरमैन की उपरोक्त नीति से निजी स्कूल डरने वाले नहीं।
फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। एसोसिएशन के जिला प्रधान पंकज सिड़ाना के अनुसार चेयरमैन निजी स्कूलों के साथ दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
जगबीर सिंह का कहना है ग्रामीण आंचल में स्थित निजी स्कूलों के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा देने शहर में आएंगे तो वहीं सरकारी स्कूलों के परीक्षा केंद्र ग्रामीण स्तर पर बनेंगे। निजी स्कूलों में ऑब्जर्वर की नियुक्ति प्रेक्टिकल के दौरान लगेगी, जबकि सरकारी स्कूलों में ऐसी व्यवस्था नहीं होगी। बोर्ड ने निजी स्कूल अध्यापकों को परीक्षा अधीक्षक नहीं बनाया है। जिला प्रधान के अनुसार ऐसा पहली बार नहीं हुआ। जब बोर्ड ने नियमों की किताब निजी स्कूलों पर थोपी है। पिछले करीब चार साल से किसी न किसी बहाने बोर्ड उन्हें परेशान कर रहा है। सिड़ाना के मुताबिक बोर्ड चेयरमैन हठधर्मिता छोडक़र सभी बच्चों को एक सामान समझें। अगर बोर्ड ने परीक्षा केंद्र आवंटन समेत उक्त मुद्दों पर नीति स्पष्ट नहीं की तो एसोसिएशन आंदोलन की रणनीति तैयार करने पर मजबूर होगी।
जिला प्रधान ने आरोप लगाया कि बोर्ड चेयरमैन निजी स्कूलों को डराने-धमकाने का कार्य कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा है कि अगर निजी स्कूलों ने शिक्षक नहीं भेजे तो कड़ी कार्रवाई करेंगे। स्कूलों पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाएंगे। जबकि हकीकत यह है कि निजी स्कूल शिक्षक भेजने को तैयार हैं। बशर्ते परीक्षा केंद्र की दूरी 15 से 20 किलोमीटर हो। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि चेयरमैन की उपरोक्त नीति से निजी स्कूल डरने वाले नहीं।
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