संघर्ष से सफलता की ओर... -बाल मंदिर स्कूल की छात्रा सोनू रानी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लहराया परचम

डबवाली न्यूज़
वाटर वक्र्स रोड स्थित बाल मंदिर स्कूल की छात्रा सोनू रानी ने ‘‘उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि’’ सूक्ति को चरितार्थ करते हुए संघर्षों का सामना किया और अपनी प्रतिभा की चांदनी को बिखेरकर न सिर्फ परिवार का वरन् विद्यालय, समाज व पंजाब राज्य को गौरवान्वित किया।
गुदड़ी की लाल सेानू रानी का जीवन बचपन से ही अभावग्रस्त रहा है। सोनू रानी की माता के संघर्ष, त्याग, बलिदान ही उसके उज्ज्वल भविष्य की नींव है। हर व्यक्ति की सफलता के पीछे किसी न किसी की प्रेरणा छुपी होती है। ऐसे ही व्यक्तित्व की धनी है उसकी कोच परमजीत कौर। जिन्होंने न सिफ उसे प्रशिक्षण व प्रोत्साहन दिया अपितु समय-समय पर सोनू की आर्थिक सहायता कर उसे सफलता के सोपान पर चढ़ाया। सोनू के पिता मोहन सिंह की नर्सरी है और त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति उनकी मां रेखा एक कुशल गृहणि के साथ-साथ आदर्श मां भी हैं।
सोनू रानी ने 8 से 10 फरवरी तक श्रीलंका में आयोजित ‘‘फस्र्ट श्रीलंका ओपन इंटरनेशन स्वाते’’ किक बॉक्ंिसग चैम्पियनशिप-2020 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सात देशों के प्रतिभागियों के मध्य रजत पदक प्राप्त कर अपने अपूर्व कौशल को प्रदर्शित किया। कोच परमजीत कौर के दिशा-निर्देशन में सोनू ने 6 फरवरी को श्रीलंका के लिए उड़ान भरी और वहां अपने अथक परिश्रम, केंद्रित लक्ष्य की बदौलत अग्रसर हुई। इस प्रतियोगिता में फ्रांस, श्रीलंका, बुल्गारिया, सिंगापुर, कनेडा, पाकिस्तान व भारत सहित सात देशों के खिलाडिय़ों ने भाग लिया। अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर फस्र्ट फाईट श्रीलंका के प्रतिद्वंदी एवं दूसरी फाईट बुल्गारिया के खिलाड़ी को हराकर रजत पदक हासिल कर विद्यालय, परिवार और राष्ट्र को गौरवान्वित किया।
सोनू रानी अध्ययन के साथ-साथ खेलों में भी अपनी योग्यता, निपुणता की अनूठी मिसाल प्रस्तुत कर रही है। बाल मंदिर स्कूल में कक्षा तीसरी से नियमित छात्रा है और सर्वगुणसंपन्नता का एक अनोखा उदाहरण है। पढ़ाई के साथ-साथ भाषण, कविता पाठ, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं की भी पुरस्कार विजेता है। अपने अध्यापकों की प्रेरणा, कुशल प्रशिक्षण, प्रोत्साहन के साथ विद्यालय के प्रिंसिपल सुरेंद्र कौशिक के अभूतपूर्व सहयोग, प्रेरणा-प्रोत्साहन एवं सलाह भी उसकी सफलता का मुख्य कारक है। सोनू रानी ने किक बॉक्ंिसग में तीन बार राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेते हुए एक बार स्वर्ण व दो बार रजत पदक हासिल किया है। कराटे प्रतियोगिता में भी राष्ट्रीय स्तर पर नौ बार खेल चुकी है। उसकी सफलता की कहानी यहीं समाप्त नहीं होती। उसने वर्ष 2019 में एशियन चैम्पियनशिप चंडीगढ़ में स्वर्ण पदक जीतकर अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में अपनी जगह बनाई। इतनी कम उम्र में अपनी उद्यमिता का उजाला फैलाने वाली सोनू का व्यक्तित्व अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है।
विद्यालय प्रबंधन समिति, प्रिंसिपल सुरेंद्र कौशिक ने छात्रा सोनू, अभिभावकों व कोच परमजीत कौर को बधाई देते हुए इसी वर्ष आस्ट्रिया में होने जा रही वल्र्ड लेवल चैम्पियनशिप के लिए शुभकामनाएं दी। प्रिंसिपल कौशिक ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन सोनू को यथासंभव सहयोग कर उज्ज्वल व स्वर्णिम भविष्य बनाने में अहम् भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में अच्छी शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी छात्र-छात्राओं को अग्रणी रखने के लिए भरसक प्रयत्न करता है। बाल मंदिर के विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के चलते सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। विजेता सोनू ने अपनी जीत का श्रेय अपनी मां, कोच, प्रिंसिपल व अपने अध्यापकों को दिया। उसने कहा कि वह वल्र्ड लेवल चैम्पियनशिप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपने स्कूल व क्षेत्र का नाम रोशन करेगी।

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