भगवान श्रीकृष्ण बीएड कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित महिला सशक्तिकरण सप्ताह संपन्न
डबवाली न्यूज़
कॉलोनी रोड स्थित भगवान श्रीकृष्ण कॉलेज ऑफ ऐजूकेशन बीएड कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित महिला सशक्तिकरण सप्ताह संपन्न हुआ। जिसमें विगत एक सप्ताह से महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. सुमन छाबड़ा के निर्देशन में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। महिला सशक्तिकरण पर एक लघु नाटिका, जिसमें दहेज प्रथा और आधुनिक नारी विषय पर जसप्रीत व अन्य छात्राओं ने समाज में आज की परिस्थिति और दहेज प्रथा पर नारी की स्वयं की भूमिका को दर्शाया।
समाज में महिलाओं की भूमिका पर समूह चर्चा करवाई गई। इसमें बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा सीमा, नेहा, सिमरन, संदीप, पूनम, संतोष ने अपने अनुभव सांझा किए। इन्होंने बताया कि कैसे महिलाएं ही अपना स्थान बनाने के लिए दूसरी महिलाओं के अधिकारों का हनन करती हैं। ऐसे में शिक्षा द्वारा सकारात्मक परिवर्तन की ओर ले जाया जा सकता है। महिला सशक्तिकरण में महिला किस प्रकार से काम करके आगे बढ़ सकती है। इसी प्रक्रिया में बेकार की चीजों में से उत्तम चीजें बनाने की प्रतियोगिता करवाई गई। जिसमें प्रथम व द्वितीय वर्ष की 28 छात्राओं ने भाग लिया। प्राचार्या डॉ. पूनम गुप्ता व डॉ. सुमन छाबड़ा ने निर्णायक की भूमिका निभाते हुए दीपिका को प्रथम, हरप्रीत व सीमा को द्वितीय तथा नेहा व परमजीत को तृतीय स्थान पर चुना। शनिवार को समापन समारोह में बीएड द्वितीय वर्ष की छात्राओं रैना, पूनम, जिम्मी, फिजा, भावना, महक, मानसी, ज्योति व टीना ने ‘‘तूं नारी है-तू शक्ति है’’ पर स्किट प्रस्तुत की। जिसका उद्देश्य समाज के साथ-साथ नारी को स्वयं को अपने ऊपर हो रहे जुल्मों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इन सभी कार्यक्रमों का संचालन करते हुए डॉ. सुमन छाबड़ा ने कहा कि छात्राओं को स्वयं को पहचानते हुए अपने अधिकार और कर्तव्य दोनों को सामने रखकर आगे बढऩा होगा तभी हम वास्तविक सशक्तिकरण का अर्थ समझ सकते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय में डॉ. कमलेश यादव, डॉ. सुशीला हुड्डा, स्मिता सेतिया, अंजू बाला, सरोज, संतोष, रुचि, बनवारी लाल, संजीव गर्ग, मोहित गर्ग व सभी छात्राएं व अन्य स्टॉफ सदस्य उपस्थित रहे।
कॉलोनी रोड स्थित भगवान श्रीकृष्ण कॉलेज ऑफ ऐजूकेशन बीएड कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित महिला सशक्तिकरण सप्ताह संपन्न हुआ। जिसमें विगत एक सप्ताह से महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. सुमन छाबड़ा के निर्देशन में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। महिला सशक्तिकरण पर एक लघु नाटिका, जिसमें दहेज प्रथा और आधुनिक नारी विषय पर जसप्रीत व अन्य छात्राओं ने समाज में आज की परिस्थिति और दहेज प्रथा पर नारी की स्वयं की भूमिका को दर्शाया।
समाज में महिलाओं की भूमिका पर समूह चर्चा करवाई गई। इसमें बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा सीमा, नेहा, सिमरन, संदीप, पूनम, संतोष ने अपने अनुभव सांझा किए। इन्होंने बताया कि कैसे महिलाएं ही अपना स्थान बनाने के लिए दूसरी महिलाओं के अधिकारों का हनन करती हैं। ऐसे में शिक्षा द्वारा सकारात्मक परिवर्तन की ओर ले जाया जा सकता है। महिला सशक्तिकरण में महिला किस प्रकार से काम करके आगे बढ़ सकती है। इसी प्रक्रिया में बेकार की चीजों में से उत्तम चीजें बनाने की प्रतियोगिता करवाई गई। जिसमें प्रथम व द्वितीय वर्ष की 28 छात्राओं ने भाग लिया। प्राचार्या डॉ. पूनम गुप्ता व डॉ. सुमन छाबड़ा ने निर्णायक की भूमिका निभाते हुए दीपिका को प्रथम, हरप्रीत व सीमा को द्वितीय तथा नेहा व परमजीत को तृतीय स्थान पर चुना। शनिवार को समापन समारोह में बीएड द्वितीय वर्ष की छात्राओं रैना, पूनम, जिम्मी, फिजा, भावना, महक, मानसी, ज्योति व टीना ने ‘‘तूं नारी है-तू शक्ति है’’ पर स्किट प्रस्तुत की। जिसका उद्देश्य समाज के साथ-साथ नारी को स्वयं को अपने ऊपर हो रहे जुल्मों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इन सभी कार्यक्रमों का संचालन करते हुए डॉ. सुमन छाबड़ा ने कहा कि छात्राओं को स्वयं को पहचानते हुए अपने अधिकार और कर्तव्य दोनों को सामने रखकर आगे बढऩा होगा तभी हम वास्तविक सशक्तिकरण का अर्थ समझ सकते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय में डॉ. कमलेश यादव, डॉ. सुशीला हुड्डा, स्मिता सेतिया, अंजू बाला, सरोज, संतोष, रुचि, बनवारी लाल, संजीव गर्ग, मोहित गर्ग व सभी छात्राएं व अन्य स्टॉफ सदस्य उपस्थित रहे।
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