मध्यम वर्ग एवम् छोटे व्यापारियों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार करे विशेष पैकेज की घोषणा- अमित सिहाग

लॉकडाउन के चलते बैंक की किश्तों पर ब्याज, प्रॉपर्टी टैक्स, न्यूनतम फिक्स बिजली, पानी के बिल किए जाएं माफ
डबवाली न्यूज़
हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने लॉकडाउन के चलते मध्यम वर्ग एवं छोटे व्यापारियों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण व्यापार ठप्प हो गए हैं और खास कर छोटे व्यापारी एवम् मध्यम वर्ग की आमदनी शून्य हो गई है पर इसके बावजूद उनके सभी खर्च अभी भी चालू है। उनको अपने कामगारों को वेतन, दुकान का किराया, लोन की किश्त, कमर्शियल टैक्स एवम् फिक्स बिजली और पानी के बिल आदि का भुक्तान करना पड़ रहा है जिस कारण उन पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है जिसके चलते मध्यम वर्गीय परिवारों एवम् छोटे व्यापारियों की कमर आर्थिक रूप से टूट गई है।
उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग एवम् छोटे व्यापारियों ने जो घर बनाने, बच्चों की शिक्षा के लिए और अपने व्यवसाय आदि के लिए बैंकों से जो ऋण लिया है सरकार ने उसकी किश्तों के भुक्तान के लिए समयावधि बढ़ाने की घोषणा की है पर उस पर लगने वाला ब्याज माफ नहीं किया। जब तक किश्तों का भुक्तान नहीं किया जाएगा तब तक ब्याज पर ब्याज लगता रहेगा। ऐसा कर सरकार राहत देने की बजाय लॉकडाउन खुलने के बाद आमजन पर और ज्यादा आर्थिक बोझ डालने का काम कर रही है। विधायक ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जैसे केंद्र में रहते हुए कांग्रेस ने किसानों का ऋण माफ किया था उसी तरह सरकार मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों द्वारा लिए गए ऋण का ब्याज जब तक लॉकडाउन रहता है तब तक माफ कर उन्हें राहत दे।
अमित सिहाग ने कहा कि छोटे व्यापारियों की दुकानें बंद होने के बावजूद उन्हें मकान एवम् दुकान का प्रॉपर्टी टैक्स अदा करना पड़ रहा है। सरकार को मौजूदा हालात को देखते हुए उनके प्रॉपर्टी टैक्स को तीन से छह महीनों के लिए माफ करना चाहिए।
विधायक ने कहा कि दुकानें बंद होने पर भी छोटे व्यापारियों को बिजली और पानी का न्यूनतम फिक्स बिल भरना पड़ रहा है। सरकार को रियायत देते हुए इस बिल को माफ कर इनको राहत पहुंचाने का काम करना चाहिए।
अमित सिहाग ने अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए गरीब मध्यम वर्ग परिवारों को भी राशन मुहैया करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के जरिए ऐसे जरूरतमंद लोगों को चिन्हित कर उनका अलग से एक कार्ड छह माह के लिए बना कर उन्हें राशन मुहैया करवाने की आवश्यकता है और राशन के तौर पर केवल अनाज ही नहीं बल्कि नमक आदि किरयाना का सामान भी सरकार को देना चाहिए। ताकि उनको किसी प्रकार की असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते सरकार को स्थानीय सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों एवम् कुछ प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों को चिन्हित कर उनका मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर आमजन को होने वाली बुखार आदि जैसी बीमारियों की दवाई घर पर ही मरीज को उपलब्ध करवाने का काम करना चाहिए ताकि बुजुर्गों, विकलांगो और महिलाओं को इलाज करवाने में कोई परेशानी न हो।
विधायक ने कहा कि अगर सरकार उपरोक्त सभी लाभ मध्यम एवम् छोटे व्यापारियों को देती है तो वो भी खुशी खुशी सुचारू रूप से जब तक भी लॉकडाउन रहेगा उसका पालन करेंगे और आसानी से अपना जीवन निर्वाह कर सकेंगे।
No comments:
Post a Comment