क्या गेहूं की खरीद पर बोनस की घोषणा भी जुमला था- अमित सिहाग

सरकारी आदेशों के बावजूद बैंको द्वारा दबाव बना कर वसूली करना है चिंता जनक
डबवाली न्यूज़
हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने आढ़तियों का फिर धन्यवाद किया और कहा कि आढ़तियों ने जो उनके आह्वान पर किसान एवम् मजदूर हित में अपने लाभ को त्याग कर फसल खरीदने का निर्णय लिया है वो बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि व उससे जुड़े हुए उद्योगों के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है जिसके चलते किसान कमेरे वर्ग एवम् आढ़तियों की दुर्दशा हो रही है। विधायक ने कहा की वे खुद एवम् कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हमेशा ही किसानों, आढ़तियों एवम् आमजन के हित के लिए लड़ता रहा है और आगे भी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़ा रहेगा।
अमित सिहाग ने हरियाणा सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री की वो घोषणा भी मात्र जुमला थी जिसमे उन्होंने किसानों को गेहूं की खरीद में देरी होने पर बोनस देने कि बात की थी? सरकार ने इस विषय पर कोई स्पष्ट दिशा निर्देश अभी तक जारी नहीं किए। खरीद के शुरू होने के तीन दिन बाद भी मुख्यमत्री की उपरोक्त घोषणा को अमली जामा पहनाया नहीं जा रहा। जिससे संदेह उत्पन्न होता है कि सरकार किसानों के प्रति घंभीर नहीं है।अत: सरकार की पहली घोषणाओं की तरह ये भी जुमला ही प्रतीत होती लग रही है।
विधायक ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि सरकार के आदेशों के बावजूद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक अधिकारी किसानों द्वारा लिए गए ऋण की आदयगी के लिए उन पर दबाव बना रहे हैं। और जब किसान सरकार के आदेशों का हवाला अधिकारियों को देता है तो अधिकारी ऐसा कोई निर्देश सरकार की तरफ से न मिलने का कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इस से सरकार की कथनी एवम् करनी में अंतर दिखाई देता है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि वो तुरंत इस विरोधभास को दूर कर अधिकारियों को निर्देश दे की वो किसानों को लॉकडाउन के चलते ऋण की आदाएगी के लिए विवश न करे। विधायक ने किसानों से भी आह्वान किया कि अगर कोई भी अधिकारी आपको ऋण आदायगी के लिए विवश करता है तो आप तुरंत प्रशाशन से इसकी शिकायत करें।
No comments:
Post a Comment