लघु कविता मंच डबवाली के तत्वावधान में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का हुआ सफल आयोजन

डबवाली न्यूज़
लघु कविता मंच मंडी डबवाली के तत्वावधान में आज दिनांक 24 मई 2020 को एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस काव्य गोष्ठी में प्रोफेसर रूप देवगुण सिरसा जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की । काव्य गोष्ठी का संचालन मंच के संयोजक कृष्ण कायत मंडी डबवाली व मीनाक्षी आहूजा श्री गंगानगर ने संयुक्त रूप से किया । कार्यक्रम की शुरुआत वंदना वाणी ने सभी का स्वागत करके की । आज के इस ऑनलाइन काव्य गोष्ठी कार्यक्रम में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ से कई कवि कवयित्रियों ने भाग लिया और अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की ।चारू कालड़ा प्रोफैसर दिल्ली यूनिवर्सिटी ने "बचपन कहीं खो गया है" मुकेश यादव प्रिंसीपल रोहतक ने "जाति की उच्चता, लिंग की श्रेष्ठता',
डा. शन्नो आर्य प्रोफैसर कालांवाली ने "रोटी से मौत सस्ती है" राकेश जैनबंधु ने "मैं किताब हूं" शमिंद्र कौर गंगानगर ने "मां ही रखेगी सुरक्षित लाडो को" ममता आहूजा ने "बेच दी मजबूरियां,जब बाजार बन गया" मीनाक्षी आहूजा गंगानगर ने "बचपन तुम उस खोयी अठन्नी जैसे हो" कृष्ण कायत ने "सबसे बड़ी होती है पेट की आग", ज्ञान प्रकाश पीयूष ने "फैला है कोरोना, बेमौत मर रहे लोग" कीर्ति वर्मा छत्तीसगढ़ ने "गांव की याद" वंदना वाणी ने "परवाज़" रचनाएं प्रस्तुत की ।
हरीश सेठी सिरसा ने"पिरामिड है चिंता बैचेनी मिले काम मेहनताना अधूरी ख्वाहिशें बिलखे बचपन" कविता प्रस्तुत की।इनके अलावा डा. शील कौशिक सिरसा, डा. आरती बांसल, दिलबाग विर्क प्रवक्ता, सुषमा गुप्ता गंगानगर, बीना जसानी ने भी अपनी रचनाएं सुंदर अंदाज में प्रस्तुत की । हर्ष भारती नागपाल सूरतगढ़ ने गोष्ठी में दोहे व प्रोफ़ेसर देवगुण जी ने "मैं लिख रहा था" व अन्य लघु कविताएं प्रस्तुत की।
गोष्ठी के समापन पर प्रो.रूप देवगुण जी ने कार्यक्रम के सफल संचालन पर सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी।इसके साथ-साथ उन्होंने " लघु कविता मंच" का भी जिक्र किया व नवोदित साहित्यकारों के लिए इसे प्रेरणा स्त्रोत बताया । प्रो.साहब ने लघु-कविता के विभिन्न आयामों पर भी प्रकाश डाला कि "लघु"अर्थात "छोटा" इस विधा का आकार छोटा होना चाहिए अर्थात 6 से 10 पंक्तियों में ही लघु कविता का समापन होना चाहिए और कविता का भाव व संदेश भी स्पष्ट हो जाना चाहिए ।अंत में प्रो. साहब ने कृष्ण कायत को डबवाली क्षेत्र में करवाए गए ऑनलाइन काव्य गोष्ठी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं प्रेषित की और आनलाइन जुड़े सभी साहित्यकारों का धन्यवाद भी किया ।
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