मुख्यमंत्री द्वारा उद्योगपतियों को 50 हजार रूपए का लोन दिलाने की घोषण करना उद्योगपतियों के साथ भद्दा मजाक है - बजरंग गर्ग


डबवाली न्यूज़ डेस्क
सरकार द्वारा उद्योगपतियों को बैंकों से 50 हजार रूपए का लोन दिलाना उंठ के मुंह में जीरा देने से भी कम है - बजरंग गर्ग
चण्डीगढ़ - हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने हरियाणा सरकार द्वारा लघु व मध्यम उद्योगों को 50-50 हजार रूपए के हिसाब से बैंक से लोन दिलाने की बात कहा यह उद्योगपतियों के साथ भद्दा मजाक है। सरकार द्वारा मध्यम उद्योगपतियो को 50 हजार का बैंक लोन दिलाने की बात करना उंट के मुंह में जीरा देने से भी कम है। प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अगर सरकार की नियत साफ है और हरियाणा में व्यापार व उद्योगों को बढ़ावा देना चाहती है तो सरकार को उद्योग मे जो भी लागत है उस लागत का कम से कम 25 प्रतिशत लोन सरकार को उद्योगों को दिलाना चाहिए। क्योंकि 50 हजार रूपए में तो उद्योगपति ना तो बिजली का बिल भर सकता है ना ही कर्मचारियों की तनखा दे सकता है ना ही फैक्ट्री चलाने के लिए कच्चा माल खरीद सकता है। ऐसे में सरकार द्वारा मध्यम उद्योगों को 50 हजार रूपए का बैंक लोन दिलाने की बात करना उचित नहीं है। प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बिजली के बिलों में जो फैक्ट्रियों पर मासिक फिक्स चार्ज लगाया हुआ है उसे हटाया जाना चाहिए। उद्योगपति, व्यापारी व आम जनता जितनी भी बिजली खपत करे उसी हिसाब से बिजली का बिल चार्ज किया जाना चाहिए। जबकि व्यापारी व उद्योगपतियों को बंद दुकान व उद्योगों का बिजली का फिक्स चार्ज से देने पड़ रहा है। प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार लगातार प्रदेश में उद्योग धंधे बढ़ाने के बाबत ब्यान दे रही है कि विदेशी कम्पनी ने हरियाणा में उद्योग लगाने के लिए राजी हो गई है। जबकि सरकार हरियाणा में लगे हुए उद्योगों को चलाने के लिए किसी प्रकार की सुविधा व रियायतें नहीं दे रही है तो ऐसे कैसे विदेशी कम्पनियॉ हरियाणा में उद्योग लगाने की बात करेगी। यह हमारे सोच से परे है। प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बैंक लोन पॉलिसी में सरलीकरण करते हुए कम ब्याज पर लोन देने, बिजली के बिलों में सब्सिडी देने के साथ-साथ उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों को सरकार सस्ती जमीन उपलब्ध कराए। ताकि हरियाणा में बंद पड़े उद्योग चालू होने के साथ-साथ पड़ोसी राज्य व विदेशी कम्पनी हरियाण में उद्योग लगा सके। प्रदेश में व्यापार व उद्योग को बढ़ावा मिलने से लाखों बेरोजगारों को हरियाणा में रोजगार मिलेगा।

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