health
[health][bsummary]
sports
[sports][bigposts]
entertainment
[entertainment][twocolumns]
Comments
RTI में खुलासा:सिरसा को मिले एक करोड़ 5 लाख,क्वांरटिन किए लोगों के लिए 1200rs प्रति व्यक्ति प्रतिदिन मिली ग्रांट
डबवाली न्यूज़ डेस्क (इंदरजीत अधिकारी )
कोरोना के विपदा काल में सरकार द्वारा क्या मदद की गई और प्रशासन ने कितनी मदद पहुंचाई। यह जानने की जिज्ञासा हरेक के मन में है। प्रशासन की ओर से कोई भी जानकारी बाहर नहीं आने दी गई। दो माह से अधिक का समय बीत चुका है।
लेकिन कभी भी यह जाहिर नहीं किया गया कि सरकार की ओर से कोविड-19 से बचाव के लिए सिरसा जिला को क्या राहत राशि प्राप्त हुई? इस राशि का उपयोग किस चीज पर किया गया? लेकिन जनता के मन में उठ रहे तमाम सवालों का जवाब अब आरटीआई देगी।
आरटीआई एक्टिविस्ट पवन पारिक एडवोकेट द्वारा जिला उपायुक्त से इस बारे में मांगी गई जानकारी पर जिला राजस्व अधिकारी द्वारा जो सूचना प्रदान की गई है, उसमें यह तथ्य सामने आया है कि सिरसा जिला को एक करोड़ पांच लाख रुपये की ग्रांट प्राप्त हुई। ग्रांट की पहली किस्त 21 मार्च को 50 लाख तथा दूसरी किस्त के रूप में 50 लाख रुपये रिलीज हुए। जबकि 25 मार्च को ही जिला को 5 लाख रुपये जारी किए गए। आरटीआई में यह जानकारी सामने आई है कि क्वांरटिन किए गए लोगों पर खर्च के लिए 1200 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की राशि स्वीकृत की गई थी। यह जांच का विषय है कि जिला प्रशासन ने क्वांरटिन किए गए लोगों पर प्रति व्यक्ति कितनी राशि खर्च की?
यहां यह उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने कोरोना आशंकित लोगों के लिए क्वांरटिन सेंटर बनाए गए थे। जिसमें जेसीडी अस्पताल, शहीद भगत सिंह स्टेडियम, यूथ हॉस्टल शामिल है। सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा एक अन्य आरटीआई के जवाब में बताया गया कि बाहर से आने वाले 217 लोगों को
क्वांरटिन किया गया था। इन सेंटरों पर क्वांरटिन किए गए लोगों के भोजन की व्यवस्था समाजसेवी संस्थाओं द्वारा वितरित किए गए लंगर से की गई। जबकि अन्य संस्थाओं द्वारा टूथपेस्ट, टूथब्रश, साबुन व अन्य जरूरत का सामान मुहैया करवाया गया था।
-------------------
कहां खर्च किया जाना था एक करोड़
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए जो एक करोड़ 5 लाख रुपये की गं्राट जारी की गई थी। उसे राशि से क्वांरटिन किए गए लोगों के लिए सुविधा मुहैया करवानी थी, जिसमें उनके लिए अस्थायी निवास, भोजन, कपड़े, दवा की व्यवस्था की जानी थी। ग्रांट राशि से सैंपल लेने, स्क्रीनिंग, कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग की जानी थी। इसके साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों, नगर परिषद के सफाईकर्मचारियों, पुलिस कर्मचारियों तथा सैनेटाइजेशन का कार्य करने वाले फायर ब्रिगेड के लिए पीपीई किट की व्यवस्था करने पर खर्च किया जाना था। साथ ही थर्मल स्कैनर, वेटिंलेटर, एयर प्यूरिफायर इत्यादि की खरीद पर यह राशि खर्च की जानी थी। यह भी जांच का विषय है कि कोरोना से लडऩे के लिए मिली ग्रांट कहां खर्च की गई?
----------------
जागरूकता पर खर्च करने को मिले 5 लाख
प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना बारे जनता को जागरूक करने के लिए एक करोड़ 10 लाख रुपये की राशि जारी की गई थी, जिसके तहत हरेक जिला को 5-5 लाख रुपये दिए गए। इस राशि से टीवी, लोकल केबल नेटवर्क, वेबसाइट, समाचार पत्रों में विज्ञापन, सोशल मीडिया, रेडियो, दीवार लेखन, होर्डिंग्स, पम्पलेट, पोस्टर इत्यादि के माध्यम से जागरूकता पैदा करनी थी। ताकि लोग मास्क पहनें, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें। जिला प्रशासन द्वारा कितने समाचार पत्रों को विज्ञापन दिया गया, जागरूकता की मद में मिली राशि कहां खर्च की गई, यह भी जांच का विषय है।
---------
अंबाला की फर्म से खरीदे 11 लाख के सैनेटाइजर
आरटीआई में जो जानकारी प्रदान की गई है उसके अनुसार अंबाला के साहा स्थित मैसर्ज रॉन एंड बेकर से 11 लाख रुपये से अधिक के सैनेटाइजर खरीदे गए। सैनेटाइजर खरीद का पहला बिल 23 मार्च को तैयार कर दिया गया था, जिसके तहत 4 लाख 92 हजार 800 रुपये की 4000 शीशियां 500 एमएल वाली110 रुपये के हिसाब से खरीदी गई। जबकि 4 अप्रैल को 3 लाख 69 हजार 600 रुपये की 3000 शीशियां और ३6 अप्रैल को 2 लाख 46 हजार 400 रुपये की 2000 शीशियां सैनेटाइजर खरीदी गई। यानि 9000 बोतल सैनेटाइजर खरीदा गया, अब इन्हें किन लोगों को वितरित किया गया? यह शोध का विषय है?
-----------------
प्रवासी मजदूरों व जरूरतमंदों को दी जानी थी मदद
कोरोना का फैलाव रोकने के लिए गरीबों व जरूरतमंदों की भी इस ग्रांट राशि से मदद की जानी थी। आदेश दिया गया था कि प्रवासी मजदूर, बेघर लोग, लॉकडाऊन की वजह से बेहाल हुए लोग, राहत शिविरों में रहने को मजबूर लोगों के खाने-पीने, कपड़े, दवा का बंदोबस्त किया जाए। ग्रांट राशि से कितने योग्य लोगों को राहत मिल पाई, यह भी जांच का विषय है।
परचेज कमेटी में फेरबदल का मामला
अधिकारियों के दामन तक पहुंचने लगी है आंच
कोविड-19 से बचाव के लिए सैनेटाइजर, मास्क सहित अन्य उपकरणों की खरीद के लिए गठित की गई कमेटी में फेरबदल ने नया मोड़ ले लिया है। खरीद में हुए कथित घोटाले की आंच उच्चाधिकारियों तक पहुंचने लगी है। जिसकी वजह से शीघ्र ही बड़ा विस्फोट होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि जिला उपायुक्त ने हाल ही में खरीद कमेटी का जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को सदस्य सचिव नियुक्त किया था। खरीद कमेटी में अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के ही सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी इसके सदस्य है। जबकि पहले वे सदस्य सचिव थे।
सूत्र बताते है कि खरीद कार्य में बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। जिसे ढांपने के लिए ही डीएफएससी को सदस्य सचिव की जिम्मेवारी सौंपी गई है। बताया जाता है कि उनका 28 जून को सिरसा से रिलीव होना तय है। यही वजह है कि खरीद कमेटी के गठन के समय उन्हें सदस्य सचिव नहीं बनाया गया। जबकि उन्होंने 28 मार्च को सिरसा में पदग्रहण कर लिया था। कमेटी गठन के लगभग 70 दिन बाद उन्हें यह जिम्मेवारी सौंपी गई है। ताकि उनके रिलीव होने पर खरीद में हुए घोटाले पर पर्दा पड़ा रहेगा। बताया तो यह जा रहा है कि डीएफएससी को जानबूझ कर बली का बकरा बनाने को ही खरीद कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है, क्योंकि सैनेटाइजर मेडिकल आइटम है, जिसके लिए सिविल सर्जन उपयुक्त अधिकारी है। मास्क इत्यादि सर्जिकल आइटम है और इसके लिए ड्रग इंस्पेक्टर उपयुक्त है। मगर, जिला के एक आला अधिकारी द्वारा घोटाले पर पर्दा डालने के लिए ही डीएफएससी को सदस्य सचिव बनाया गया है।
अंबाला की फर्म से खरीदे 11 लाख के सैनेटाइजर
आरटीआई में जो जानकारी प्रदान की गई है उसके अनुसार अंबाला के साहा स्थित मैसर्ज रॉन एंड बेकर से 11 लाख रुपये से अधिक के सैनेटाइजर खरीदे गए। सैनेटाइजर खरीद का पहला बिल 23 मार्च को तैयार कर दिया गया था, जिसके तहत 4 लाख 92 हजार 800 रुपये की 4000 शीशियां 500 एमएल वाली110 रुपये के हिसाब से खरीदी गई। जबकि 4 अप्रैल को 3 लाख 69 हजार 600 रुपये की 3000 शीशियां और ३6 अप्रैल को 2 लाख 46 हजार 400 रुपये की 2000 शीशियां सैनेटाइजर खरीदी गई। यानि 9000 बोतल सैनेटाइजर खरीदा गया, अब इन्हें किन लोगों को वितरित किया गया? यह शोध का विषय है?
-----------------
प्रवासी मजदूरों व जरूरतमंदों को दी जानी थी मदद
कोरोना का फैलाव रोकने के लिए गरीबों व जरूरतमंदों की भी इस ग्रांट राशि से मदद की जानी थी। आदेश दिया गया था कि प्रवासी मजदूर, बेघर लोग, लॉकडाऊन की वजह से बेहाल हुए लोग, राहत शिविरों में रहने को मजबूर लोगों के खाने-पीने, कपड़े, दवा का बंदोबस्त किया जाए। ग्रांट राशि से कितने योग्य लोगों को राहत मिल पाई, यह भी जांच का विषय है।
परचेज कमेटी में फेरबदल का मामला
अधिकारियों के दामन तक पहुंचने लगी है आंच
कोविड-19 से बचाव के लिए सैनेटाइजर, मास्क सहित अन्य उपकरणों की खरीद के लिए गठित की गई कमेटी में फेरबदल ने नया मोड़ ले लिया है। खरीद में हुए कथित घोटाले की आंच उच्चाधिकारियों तक पहुंचने लगी है। जिसकी वजह से शीघ्र ही बड़ा विस्फोट होने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि जिला उपायुक्त ने हाल ही में खरीद कमेटी का जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को सदस्य सचिव नियुक्त किया था। खरीद कमेटी में अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के ही सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी इसके सदस्य है। जबकि पहले वे सदस्य सचिव थे।
सूत्र बताते है कि खरीद कार्य में बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है। जिसे ढांपने के लिए ही डीएफएससी को सदस्य सचिव की जिम्मेवारी सौंपी गई है। बताया जाता है कि उनका 28 जून को सिरसा से रिलीव होना तय है। यही वजह है कि खरीद कमेटी के गठन के समय उन्हें सदस्य सचिव नहीं बनाया गया। जबकि उन्होंने 28 मार्च को सिरसा में पदग्रहण कर लिया था। कमेटी गठन के लगभग 70 दिन बाद उन्हें यह जिम्मेवारी सौंपी गई है। ताकि उनके रिलीव होने पर खरीद में हुए घोटाले पर पर्दा पड़ा रहेगा। बताया तो यह जा रहा है कि डीएफएससी को जानबूझ कर बली का बकरा बनाने को ही खरीद कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है, क्योंकि सैनेटाइजर मेडिकल आइटम है, जिसके लिए सिविल सर्जन उपयुक्त अधिकारी है। मास्क इत्यादि सर्जिकल आइटम है और इसके लिए ड्रग इंस्पेक्टर उपयुक्त है। मगर, जिला के एक आला अधिकारी द्वारा घोटाले पर पर्दा डालने के लिए ही डीएफएससी को सदस्य सचिव बनाया गया है।
Labels:
Haryana
Related Posts
RTI में खुलासा:सिरसा को मिले एक करोड़ 5 लाख,क्वांरटिन किए लोगों के लिए 1200rs प्रति व्यक्ति प्रतिदिन मिली ग्रांट
Reviewed by DabwaliNews
on
5:07:00 AM
Rating: 5
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
Translate
Subscribe Us
social links
[socialcounter]
[facebook][https://www.facebook.com/dabwalinews/][4.2k]
[twitter][https://twitter.com/dabwalinews][1.2k]
[youtube][https://www.youtube.com/c/dabwalinews][23k]
[linkedin][#][230]
Wikipedia
Search results
sponsored
Gurasees Homeopathic Clinic
Popular Posts
-
BREAKING NEWS #dabwalinews.com हरियाणा के डबवाली में एक मसाज सेंटर पर पुलिस छापे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.पुलिस ने देर रात म...
-
दुल्हन के तेवर देख दुल्हे वालों ने बुलाई पुलिस चंडीगढ़ में रहने वाली लडक़ी की डबवाली के युवक से हुआ था विवाह #dabwalinews.com Exclusiv...
-
कुमार मुकेश, भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटन...
-
DabwaliNews.com दोस्तों जैसे सभी को पता है के कैसे डबवाली उपमंडल के कुछ ग्रामीण इलाकों में बल काटने वाले गिरोह की दहशत से लोगो में अ...
-
#dabwalinews.com पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल पर बुधवार को एक युवक द्वारा उनके ही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जू...
-
dabwalinews.com डबवाली। डबवाली में गांव जंडवाला बिश्नोई के नजदीक एक ढाणी में पंजाब व हरियाणा पुलिस की 3 गैंगस्टर के बीच मुठभेड़ हो गई। इस...
-
BREAKING NEWS लॉकडाउन 4. 0 डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक डबवाली के प्रेम नगर व रवि दास नगर में पंजाब से अपने रिश्तेदार के घर मिलने आई म...
No comments:
Post a Comment