गांव चौटाला में फिर से डबल मर्डर दो शराब ठेकेदारों को उतारा मौत के घाट
एक बार फिर से चौटाला गांव पर डबल मर्डर के छींटे
डबवाली न्यूज़ डेस्क
चौटाला में डबल मर्डर की कहानी नई नहीं है। हत्या का जैसा ढंग सोमवार को अपनाया गया। ठीक वैसा ही 11 जनवरी 2017 को पीके गोदारा के किन्नू प्लांट पर अपनाया गया था। उस वक्त हुई फायरिंग में चौटाला निवासी अमित सहारण उर्फ घन्ना तथा सतबीर पूनियां की हत्या हुई थी।अब सोमवार देर रात्रि गांव चौटाला में दो शराब ठेकेदारों को गोलियों से मौत के घाट उतार दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मृतकों की शिनाख्त भारूखेड़ा निवासी मुकेश गोदारा व चौटाला निवासी प्रकाश पूनियां के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस के अनुसार मौके पर 35 राउंड गोलियां चली हैं। सूचना पाकर डीएसपी कुलदीप सिंह बैनीवाल भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मौके पर से तथ्य जुटाए और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। वहीं जब दोनों मृतकों को अस्पताल में लाया गया तो उनके साथ काफी लोग हथियारों से लैस होकर अस्पताल में पहुंच गए, जिससे अस्पताल स्टाफ भी डर गया और आनन-फानन में पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। जानकारी अनुसार संगरिया बॉर्डर पर आछी ढाणी के नजदीक शराब ठेका है। प्रकाश पूनियां व मुकेश दोनों शराब ठेकेदार हैं। दोनों मृतक ठेकेदार रात्रि करीब 11 बजे वहीं बैठे थे। देर रात पांच-छह लोग बाइक पर सवार होकर आए और अचानक फायरिंग शुरू कर दी। दोनों को गोलियों से छलनी कर वे फरार हो गए। ठेकेदारों के साथी उन्हें सिरसा के सिविल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया।
उधर डबवाली के डीएसपी कुलदीप बैनीवाल ने बतया की संगरिया बॉर्डर पर शराब ठेके पर बैठे प्रकाश पूनियां तथा मुकेश गोदारा पर करीब 35 राउंड गोलियां चलाई गई। गोली लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। गोली चलाने वालों का पता नहीं चल पाया है।
-कुलदीप बैनीवाल, डीएसपी डबवाली।
अस्पताल स्टाफ में रहा भय का माहौल:
घटना के बाद रात्रि करीब साढ़े 11 बजे दोनों मृतकों को जिला नागरिक अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया। दोनों के साथ काफी संख्या में हथियारों के साथ अस्पताल परिसर में पहुंच गए। हथियारों से लैस लोगों को देखकर अस्पताल स्टाफ में हडक़ंप मच गया। आनन-फानन में ड्यूटी डॉक्टर ने इस संबंधी कंट्रोल रूम में फोन कर स्थिति से अवगत करवाया, जिसके बाद पुलिस की कई गाडिय़ां अस्पताल परिसर में पहुंची, जिसके बाद स्टाफ सदस्यों ने राहत की सांस ली।
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