अढ़ाई साल से पेमेंट के लिए भटक रहा डबवाली का यह कारोबारी, सीएम से लगाई गुहार


मार्च-2018 में पीएचसी को की थी माल की आपूर्ति, पौने छह लाख से पल्ला झाड़ा  
डबवाली न्यूज़ डेस्क(इंदरजीत अधिकारी की स्पेशल रिपोर्ट)

सरकारी महकमों की विश्वसनीयता कुछ अधिकारियों की वजह से व्यापारियों में गिरती है। अधिकारी अपनी जेब गर्म करने की एवज में पेमेंट जानबूझकर लटका देते है ताकि विवश होकर कारोबारी घूस देने के लिए मजबूर हो जाए। सामान्यतया सरकारी महकमों में व्यापारियों से असल कीमत से अधिक के बिल बनवा लिए जाते है ताकि लेनदेन में विवाद न हों। मगर, कई महकमों में कारोबारियों द्वारा पेश किए गए बिल पर अड़ंगे लगाकर उन्हें लटकाया जाता है। जेब गर्म करने पर तमाम अडंगे दूर हो जाते है और भुगतान भी कर दिया जाता है। डबवाली निवासी प्रदीप पुत्र आनंद प्रकाश ने सीएम मनोहर लाल को लिखे पत्र में बताया कि एसएमओ चौटाला ने अपने अधीन पीएचसी के लिए उनकी फर्म मैसर्ज आनंद ट्रेडिंग कंपनी चौटाला से माल खरीदा था, जिसकी कीमत 8 लाख 90 हजार रुपये थी। उन्होंने माल की आपूर्ति की और इस बाबत बिल भी विभाग में जमा करवा दिए। उन्होंने बाजार रेट पर ही माल की आपूर्ति की थी, इसलिए कुछ समय बाद ही पेमेंट का तकाजा किया। उसे बताया गया कि बजट पर लॉक लग गया है, इसलिए भुगतान में देरी होगी। बाद में उसे भुगतान के लिए टालमटोल की जाने लगी। कहा गया कि आप हमारा ध्यान नहीं रखते, इसलिए हम आपकी पेमेंट का ध्यान नहीं रखते।प्रदीप कुमार ने बताया कि भुगतान की एवज में सुविधा शुल्क की मांग किए जाने पर उन्होंने इस बारे में उच्चाधिकारियों से शिकायत की। जिस पर टीम ने 13 जनवरी 2020 को मामले की जांच की और भुगतान के आदेश दिए। एसएमओ चौटाला द्वारा 3 लाख 46 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया और शेष रकम के लिए सीएमओ सिरसा को बजट जारी करने का आग्रह किया। एसएमओ की ओर से 20 फरवरी 2020 को इस बाबत पत्र लिखा। लेकिन पांच माह का लंबा अरसा बीत जाने पर भी उसके 5 लाख 44 हजार रुपये के बकाए का भुगतान नहीं किया गया है। एसएमओ द्वारा शेष रकम से ही इंकार किया जा रहा है, जबकि तत्कालीन एसएमओ कुलविंद्र कौर की पावति रसीद उनके पास है। शिकायतकत्र्ता ने सीएम ने न्याय की गुहार लगाई है।

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