कोरोना के संभावित हालात के मद्देनजर करें योजना तैयार : अशोक मीणा


डबवाली न्यूज़ डेस्क 
फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के आयुक्त एवं आयुष्मान भारत हरियाणा हेल्थ प्रोटेक्शन अथॉरिटी के सीईओ अशेाक कुमार मीणा ने कहा कि सिरसा जिला में कोरोना मामले को लेकर स्थिति सामान्य है, लेकिन संक्रमण का फैलाव न हो इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग जिला में कोरोना के संभावित हालात के मद्देनजर कार्य योजना बनाएं ताकि स्थिति गंभीर होती है तो उसे नियंत्रित किया जा सके। आयुक्त अशोक कुमार मीणा सोमवार को स्थानीय लघु सचिवालय स्थित जिला सभागार में अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक के दौरान जिला में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई रणनीति पर चर्चा करते हुए इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। इस दौरान उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान, एडीसी उत्तम सिंह, एसडीएम जयवीर यादव, एसडीएम दिलबाग सिंह, सिटीएम कुलभूषण बंसल, सीएमओ सुरेंद्र नैन सहित अन्य विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
आयुक्त अशोक कुमार मीणा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जरूरी है कि जिला में बाहर से आने वाले लोगों की पहचान व स्वास्थ्य जांच का कार्य त्वरित हो। इसके लिए स्थानीय स्तर पर गठित यूनिट टीम व स्वास्थ्य विभाग की टीमें आपसी तालमेल के साथ कार्य करें और यह सुनिश्चि करें कि प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच अवश्य हो। उन्होंने कहा कि सिरसा में कोरोना को लेकर स्थिति सामान्य है, लेकिन संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। हमें कोरोना की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहें और संभावित हालात के मद्देनजर कार्य योजना बनाएं ताकि ऐसे हालात में समय रहते स्थिति पर काबू पाया जा सके। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करें कि कोरोना को हल्के में न लें और शुरूआती अवस्था में ही इसका इलाज शुरू करवाएं। यदि समय रहते कोरोना का इलाज शुरू करवाया जाए तो मृत्यु दर पर अंकुश लगाया जा सकता है।
श्री मीणा ने कहा कि बूथ स्तर पर बनाई गई यूनिट टीमें यदि अपने एरिया में बाहरी जिलों व राज्यों से आने वाले लोगों पर नजर रखें और उनकी स्वास्थ्य जांच करवाएं तो कोरोना संक्रमण पर बहुत हद तक रोक लगाई जा सकती है। इन टीमों को ई-दिशा की वेबसाइट पर अपडेट होने वाली वह सूची नियमित रूप से उपलब्ध करवाई जाए जिसमें बाहर से आने वाले व्यक्तियों की जानकारी होती है। ऐसे लोगों की पहचान के लिए यूनिट कमेटी आरडब्ल्यूए व कालोनी के निवासियों द्वारा गठित कमेटियों की भी मदद ले। इसके अलावा जो व्यक्ति कोरोना जैसे लक्षण प्रकट होने पर अपनी जांच करवाना चाहें, उनके फोन कॉल्स का समुचित रिकॉर्ड रखा जाए जिससे पता चल सके कि व्यक्ति की जांच व इलाज के लिए सही प्रक्रिया अपनाई गई अथवा नहीं।
श्री मीणा ने कहा कि अनलॉक में लोग कोरोना के प्रति लापरवाह हुए हैं जोकि सरासर गलत है। यह धारणा भी गलत है कि कोरोना से केवल वृद्घजन व गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति ही मृत्यु का शिकार होते हैं। ऐसे कई केस देखने में आए हैं जिनमें स्वस्थ व जवान व्यक्ति भी कोरोना से मृत्यु का शिकार हुए हैं। यदि व्यक्ति कोरोना संक्रमण की शुरूआती अवस्था में ही अपना इलाज शुरू करवा देता है तो उसके ठीक होने की संभावना अधिक होती है लेकिन यदि देरी की जाती है और संक्रमण विभिन्न अंगों में फैल जाता है तो व्यक्ति की मृत्यु होने की संभावना बढ जाती है। उन्होंने आमजन से आह्वïान किया कि वे अपने व परिजनों के स्वास्थ्य पर नजर रखें और अस्वस्थ होते ही जांच करवाएं। उन्होंने आमजन से अपने घरों में ऑक्सीमीटर रखने की भी अपील की जिससे सैचूरेशन लेवल पर नजर रखी जा सके।
आयुक्त मीणा ने कहा कि कोरोना टेस्ट के लिए आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मोबाइल नंबर व पता जरूर नोट किया जाए ताकि बाद में उसे ट्रेस किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है उन्हें सुबह-शाम कंट्रोल रूम से फोन करके उनकी तबीयत व चिकित्सक की विजिट के संबंध में पूछा जाए। कंट्रोल रूम में चिकित्सक की भी ड्यूटी लगाई जाए ताकि यदि कोई मरीज स्वास्थ्य संबंधी सलाह लेना चाहे तो उसे तुरंत मिल सके।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ाया जा रहा है। सौभाग्य की बात है कि हरियाणा में कोरोना शुरू होने से पहले ही चिकित्सकों के सभी रिक्त पदों को (आरक्षित वर्ग के कुछ पदों को छोड़कर) भरा जा चुका है। कोरोना से निपटने के लिए हमें आपदा की भांति रणनीति बनाकर आपसी समन्वय से कार्य करना होगा। स्वास्थ्य विभाग केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को अपनाए।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने आयुक्त अशोक कुमार मीणा को जिला में कोरोना से निपटने के लिए बनाई गई रणनीति से अवगत करवाया। उन्होंने जिला में उपलब्ध संसाधनों, टेस्टिंग सुविधाओं, जन जागरूकता के लिए किए गए कार्यों, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, सैंपल स्टेटस, डैथ ऑडिट केस आदि की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जिला में अभी 46 कंटेनमेंट जोन एक्टिव हैं।

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