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बदलते दौर में श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं का आधुनिक समाज पर प्रभाव विषय वस्तु पर हुआ वेबीनार
डबवाली न्यूज़ डेस्क
गुरु तेग बहादुर जी के 400 वर्षीय प्रकाशपर्व को समर्पित वेबीनारों की श्रृंखला में आज गुरु नानक कॉलेज किलियांवाली में पंजाबी विभाग द्वारा कालेज प्रधानाचार्य डॉ. सुरिन्दर सिंह ठाकुर के कुशल दिशा - निर्देशन में कालेज आई . क्यू.ए .सी . के सहयोग से पांचवें राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया जिसका विषय वस्तु था- * बदलते दौर में श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं का आधुनिक समाज पर प्रभाव* ।इस वेबीनार में डॉ मुकेश कुमार अरोड़ा, फेलो, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की । गूगल मीट पर चले इस वेबीनार के कुंजीवत्त वक्ता थे पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से प्रोफेसर गुरपाल सिंह। रिसोर्स पर्सन के तौर पर इस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई डॉ .परमीत कौर पंजाबी लिटरेरी स्टडीज, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला व एसडी कॉलेज फॉर विमेन मोगा से असिस्टेंट प्रोफेसर मैडम रमनप्रीत कौर ने । कार्यक्रम के आरंभ में कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मेजर भूपेंद्र सिंह ढिल्लों ने कहा कि गुरुओं का जीवन एवं उनकी बाणी हमेशा ही मानव समाज के लिए प्रेरणादायी और दिशा दिखाने वाली रही है।उपाध्यक्ष सरदार गुरदयाल सिंह ने तेग अर्थात पराक्रम के धनी गुरु तेग बहादुर को हक व सच का प्रतीक बताया । कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सुरिन्दर सिंह ठाकुर ने सभी उपस्थित मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने गुरु जी के जीवन वृतांत पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए सरकार द्वारा इस वर्ष मनाए जा रहे गुरु तेग बहादुर जी के 400 वर्षीय प्रकाश पर्व को समर्पित आज के वेबीनार, वर्तमान संदर्भ में उनकी शिक्षाओं की प्रासंगिकता की चर्चा की । तत्पश्चात पंजाबी विभागाध्यक्षा एवं वेबीनार संयोजक डॉ. खुशनसीब गुरबख्शीश कौर ने सभी के सामने मेहमानों का परिचय प्रस्तुत किया एवं आज के वेबीनार के टॉपिक के बारे में संक्षिप्त रोशनी डाली । वेबीनार का विधिवत आरंभ करते हुए मुख्यातिथि डॉ.मुकेश अरोड़ा ने कॉलेज को ऐसी महान और पवित्र शख्सियतों पर वेबीनार करवाने के लिए बधाई देते हुए सभी उपस्थित प्रतिभागियों से अपील की कि हम अपने महान गुरुओं की शिक्षाओं को सिर्फ सुने न बल्कि अपने जीवन में भी आत्मसात करें । आज करोना काल में यदि हम गुरबाणी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए दूसरों के लिए कुछ भी कर पाए तो इस वेबीनार का ध्येय सफल होता है ।
कुंजीवत वक्ता डॉ . गुरपाल सिंह ने गुरु तेग बहादुर को हिंद की चादर के साथ-साथ सृष्टि की चादर बताया क्योंकि उनका समस्त मानवता पर उपकार है।उन्होंने न भय मानना और न भय किसी को देना, मीरी - पीरी,भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने का महान प्रयोजन एवं अंततः दूसरों के लिए अपने आप को बलिदान के लिए प्रस्तुत करना आदि जैसे महान कार्य किए, इसी के कारण उन्हें आज 400 वर्षों बाद भी हम सब के द्वारा याद किया जा रहा है।उन्होंने विशेष तौर पर इंगित किया कि दूसरे धर्मों में शहादत स्वर्ग या अच्छे तोहफे की प्राप्ति के लिए की जाती है,बलिदान या बली अपने देवी -देवता को खुश करने के लिए दी जाती है परंतु गुरु तेग बहादुर जी ने जबर - जुलम से मानवता को बचाने के लिए, दूसरों के हितों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया और बलिदान की एक नई परंपरा डाली । रिसोर्स पर्सन डॉ. परमीत कौर ने गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए आज के भौतिकवादी युग में जहां कर्मकांड और पाखंड, उपभोक्तावाद और स्वार्थ बुरी तरह हावी है और हम वर्तमान करोना काल में भी इस हम अमानवता को देख रहे हैं,वर्तमान संदर्भ में गुरु तेग बहादुर की शहादत और शिक्षाओं को और ज्यादा प्रासंगिक बताया । उन्होंने जोर देकर कहा कि गुरु जी की वाणी हमें अंतिम सत्य तक लेकर जाती है और युगों का सच बयान करती है । प्रसिद्ध इतिहासकार जेएस ग्रेवाल का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर अपने पिता और पुत्र के बीच एक ऐतिहासिक कड़ी थे ।विज्ञान हमें ज्ञान दे सकता है आत्मज्ञान नहीं,चीजें दे सकता है पर आत्मबल और आत्मा का सुकून नहीं,यह हमें सिर्फ गुरबाणी से ही मिल सकता है । इसके पश्चात कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव श्री नीरज जिंदल ने गुरुजी की लासानी शहादत पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह पर सर्वाधिक प्रभाव अपने पिता का ही था जिसने उन्हें सरबंसदानी बनाया ।कोषाध्यक्ष स.अमरवीर सिंह बावा ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को नमन करते हुए बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु तेग बहादुर जी के 59 शब्द 57 श्लोक दर्ज है।
तत्पश्चात आज के वेबीनार के अंत में कालेज आई.क्यू.ए.सी. कार्डिनेटर डॉ. भारत भूषण ने उपस्थित हुए सभी अतिथियों का तहेदिल से धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए आयोजन समिति ने तकनीकी सहयोग के लिए टैक्निकल टीम सदस्यों का विशेष तौर पर धन्यवाद किया । इस राष्ट्रीय वेबीनार में लगभग 376 प्रतिभागियों ने गूगल मीट व फेसबुक लाईव के जरिए हिस्सा लिया।
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Reviewed by DabwaliNews
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5:19:00 PM
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क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
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