स्वच्छता अभियान से जुड़कर जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने में करें सहयोग : उपायुक्त


डबवाली न्यूज़ डेस्क
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि बढ़ते पोलिथीन के प्रयोग के चलते न केवल वातावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि भूमि का जल स्तर घटने के साथ-साथ पानी दूषित भी हो रहा है। यदि हम समय रहते सचेत नहीं हुए तो इसके परिणाम आने वाली पीढिय़ों को भुगतने पड़ेंगे। इसलिए अभी से पोलिथीन का प्रयोग न करने का संकल्प लेते हुए स्वच्छता अभियान से जुड़कर जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने में सहयोग करें। उपायुक्त शुक्रवार को लघुसचिवालय परिसर में कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलवाने उपरांत संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उपायुक्त ने स्वच्छ भारत मिशन की ओर से कपड़े से बने थैले भी कर्मचारियों को वितरित किए। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह, एसडीएम जयवीर यादव, सिटीएम कुलभूषण बंसल, जिला शिक्षा अधिकारी संतलाल, सुखविंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। स्वच्छता शपथ के दौरान सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ध्यान रखा गया।
उपायुक्त ने संबोधित करते हुए कहा कि जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने की दिशा में प्रशासन द्वारा स्वच्छता की मुहिम चलाई गई है। इसी की प्रथम कड़ी में कपड़े से बनें थैले के प्रयोग के लिए आमजन को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी स्वयं कपड़े के थैले का प्रयोग करें और दूसरे लोगों को भी इसके लिए पे्ररित करें। इस कार्य को सामाजिक सरोकार की भावना के साथ करेंगे तो इसके सार्थक परिणाम आएंगे। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि 15 दिन में रिपोर्ट दें कि उन्होंने कितने लोगों को कपड़े के थैले के प्रयोग के लिए प्रेरित किया है और कितने लोगों ने कपड़े के थैले का प्रयोग करना शुरू कर दिया है।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि पोलिथीन अगलनशील है, जोकि पृथ्वी के नीचे वर्षों तक यूं ही पड़ा रहता है। पोलिथीन भूमि में वाटर रिचार्ज होने में अवरूद्ध पैदा करता है। इसके अलावा पोलिथीन से वातावरण भी प्रदूषित होता है, जिससे अनेकों बीमारियां पैदा होने का खतरा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए आमजन को पोलिथीन, पोलिथीन से बनें बैग आदि के प्रयोग को बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। पोलिथीन की जगह जूट व कपड़े से बनें बैग का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा शदियों से हमारे यहां रीति रही है कि कोई भी सामान लाने व ले जाने में कपड़े के थैले का प्रयोग होता रहा है। आज के समय उस रीति का महत्व और भी अधिक बढ गया है। उन्होंने आमजन से आह्वान करते हुए कहा कि वे उसी पुरानी रीति के तहत कपड़े के थैले का प्रयोग करते हुए स्वच्छता अभियान की मुहिम से जुड़ें और जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत गांव से प्लास्टिक, पोलिथीन आदि को एकत्रित किया जा रहा है। जब अधिक मात्रा में प्लास्टिक एकत्रित होगा और वजन बढने पर इसका इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जाएगा। सड़क निर्माण कार्य में प्लास्टिक का प्रयोग गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर होता है, क्योंकि प्लास्टिक पानी को अंदर जाने से रोकता है, जिससे सड़क लंबे समय तक चलती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी जिला को पोलिथीन मुक्त बनाने की दिशा में विभिन्न गतिविधियां चलाई जा रही हैं। स्वच्छता अभियान में आमजन का सहयोग अपेक्षित है।
स्वच्छ भारत मिशन करेगा 2060 कपड़ों के थैले का वितरण :
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का कपड़ों के थैले का वितरण इस स्वच्छता की मुहिम को मजबूती देगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने 2060 कपड़े के थैले बनाएं है। सभी कर्मचारियों को इन थैलों को वितरण किया जाएगा। कर्मचारी स्वयं इन थैलों का प्रयोग करेंगे और दूसरों को भी कपड़े से बने थैले के प्रयोग के लिए प्रेरित करेंगे। इन थैलों का निर्माण किसी स्पेशल कपड़े द्वारा न करके घर में ही व्यर्थ पड़े कपड़े से किया गया है। उपायुक्त ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे घर में इस्तेमाल न होने वाले कपड़े से थैले बनाएं और सामान लाने व ले जाने के लिए इनका ही प्रयोग करें।

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