500 पीएचडी डिग्री होल्डर पर जांच का घेरा,व्हीस्ल ब्लोअर की शिकायत पर हरकत में आया उच्चतर शिक्षा निदेशालय

डबवाली न्यूज़ डेस्क(इंदरजीत अधिकारी की विशेष रिपोर्ट )
फर्जी विश्वविद्यालयों से हासिल की गई डिग्री की बदौलत नौकरी अथवा प्रमोशन हासिल करने वालों के खिलाफ बिगुल बजाने वाले व्हीस्ल ब्लोअर प्रो. करतार सिंह की शिकायत पर उच्चतर शिक्षा निदेशालय हरकत में आया है।
मामले में प्रदेश के 500 से अधिक पीएचडी डिग्री होल्डरों पर जांच का पहरा बैठा दिया गया है। प्रो. करतार सिंह की ओर से ही फर्जी विश्वविद्यालयों का भंडाफोड़ किया गया था और लंबी कानूनी लड़ाई करके ऐसे विवि के डिग्री बेचने के गोरखधंधे को बंद करवाया था। उन्होंने इन फर्जी विवि से हासिल की गई डिग्रियों की बदौलत सरकारी नौकरी हासिल करने अथवा प्रमोशन हासिल करने वालों के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है। अकेले मत्स्य विभाग हरियाणा के एक दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो चुका है। जबकि विद्युत निगम और शिक्षा विभाग में मामलों की जांच चल रही है। फर्जी विश्वविद्यालयों से हासिल की गई डिग्री का दावा करने वालों में अनेक का भंडाफोड़ हो चुका है। क्योंकि उनके द्वारा उच्च शिक्षा की न तो विभाग को पूर्व सूचना दी और न ही स्वीकृति लीं। न ही ऐसे लोगों ने पढ़ाई के लिए, पीसीपी के लिए ही अवकाश लिया। अनेक मामलों में तो परीक्षा के दिनों में भी अधिकारी अपने कार्यालयों में ड्यूटी कर रहे थे। ऐसे में उनकी पोलपट्टी खुल गई। ताजा प्रकरण में प्रो. करतार सिंह द्वारा आरटीआई में जुटाई गई जानकारी के आधार पर उच्चतर शिक्षा निदेशालय को पीएचडी डिग्रीधारियों की जांच करवाने की मांग की थी, जिसके अनुसार लगभग 500 डिग्री होल्डर जांच के घेरे में आ गए है। उच्चतर शिक्षा निदेशालय के महानिदेशक अजीत बालाजी ने मामले में संज्ञान लेते हुए एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है। जिसका जिम्मा अतिरिक्त निदेशक दिनेश यादव को सौंपा गया है। यह कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी। ऐसे में प्रदेशभर के कालेजों में इन डिग्रियों की बदौलत लेक्चरर बने लोगों पर गाज गिरना तय है।
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