अब सिरसा जिले में नहीं उतर पाएंगे 'एलियन! नगर परिषद व नगर पालिकाओं में टेंडर से पहले ही बन जाती थी गलियां, करवा दिए जाते थे कार्य
डबवाली न्यूज़ डेस्क (इंदरजीत अधिकारी की विशेष कवर स्टोरी
श्रीमती संगीता तेतरवाल के बतौर जिला नगर आयुक्त नियुक्ति का प्रभाव दिखाई देने लगा है। नगर परिषद व नगर पालिकाओं में कार्यरत उन भ्रष्ट अधिकारियों को अब कमाई की कोई राह दिखाई नहीं दे रहीं, जोकि अबतक दोनों हाथों से लूटने में लगे हुए थे।
श्रीमती तेतरवाल के आने से अब सिरसा जिला में 'एलियनÓ का उतरना भी मुश्किल हो गया है। अन्यथा सिरसा जिला की नगर परिषद और नगरपालिकाओं में बीसियों कार्य एलियन द्वारा ही करवा दिए गए। अचरज की बात यह है कि नगर परिषद सिरसा द्वारा आरटीआई में स्वयं इस आश्य की स्वीकारोक्ति की गई है कि करोड़ों रुपये से गलियां अज्ञात व्यक्ति बनाकर चला गया।
दरअसल, जिला की नगरपालिकाओं और नगर परिषदों में कई ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों का बोलबाला रहा, जिन्होंने तमाम नियम-कायदों को ताक पर धरकर कार्य किया। इन लोगों ने नगर परिषद की बैठक में प्रस्ताव पास हुए बगैर, बिना टेंडर प्रक्रिया पूरी किए ही चहेतों को काम अलॉट कर दिए। ठेकेदारों ने इन अधिकारियों के कहने पर काम भी कर दिए। जब गलियों व अन्य कार्य में धांधली के आरोप लगे, तब नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा अपना पल्ला झाडऩे के लिए कहा गया कि उक्त गलियां अथवा उक्त कार्य नगर परिषद द्वारा नहीं करवाया गया। कौन करवा गया, उन्हें नहीं मालूम। नगर परिषद इनका भुगतान नहीं करेगी। लेकिन बाद में नाम बदलकर उन्हीं कार्यों का भुगतान भी कर दिया गया।जानकार बताते है कि दशकों से चल रहे इस सिलसिले को अब आगे चलाया जाना मुश्किल हो गया है, चूंकि अब सिरसा में आईएएस श्रीमती संगीता तेतरवाल बतौर जिला नगर आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाल चुकी है। उनके पास सिरसा सहित डबवाली, कालांवाली, रानियां व ऐलनाबाद की नगरपालिकाओं की भी जिम्मेवारी है। उनकी पैनी निगाहों से बच पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुकिन बना हुआ है। इसी कारण अब 'एयिलनÓ सिरसा में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहें हैं।
वार्ड-8 में बनाई है 'एलियन ने गली!
नगर परिषद के वार्ड नंबर-8 खन्ना कालोनी में जुलाई माह में एलियन द्वारा एक गली का निर्माण कर दिया गया। लाखों रुपये की लागत से इस गली का इंटरलॉक निर्माण किया गया है। जिसका नगर परिषद में न तो कभी प्रस्ताव पास हुआ और न ही उसका टेंडर ही किया गया। कालोनी की गली बैंक कर्मी नरेश चोपड़ा से सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारी एएसआई दारा सिंह के घर तक बनाई गई इस गली के निर्माण से वार्ड पार्षद भी हैरान है। नगर परिषद के रिकार्ड में इस गली का कहीं कोई उल्लेख नहीं है, मगर गली बन चुकी है। पहले गली बनाकर फिर उसका भुगतान हासिल करने की मंशा पालकर संभवत: निर्माण किया गया होगा, लेकिन श्रीमती तेतरवाल की नियुक्ति के साथ ही अब इस गली निर्माण का भुगतान करवा पाना मुश्किल हो जाएगा। चूंकि बिना अनुमति, बिना स्वीकृति और बिना टेंडर के बनी इस गली को किसने बनाया, यह अभी रहस्य बना हुआ है?
चरम पर रहा है नप में भ्रष्टाचार
नगर परिषद सिरसा ही नहीं बल्कि नगर परिषद डबवाली, कालांवाली व रानियां में भी भ्रष्टाचार ने नए रिकार्ड कायम किए। कई भ्रष्ट अधिकारियों ने यहां पर पग-पग पर पैसे बटोरने का कार्य किया। सीएम फ्लाइंग, स्टेट विजिलेंस व अन्य जांच एजेंसियों द्वारा अनेक मामलों की जांच की जा चुकी है और अनेक मामलों की शिकायत पेंडिंग है। सिरसा में गली निर्माण में बरती गई धांधली के मामले में स्टेट विजिलेंस द्वारा ईओ, एमई, जेई सहित दर्जनभर लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। इसी प्रकार शहर सिरसा पुलिस ने भी कागजों में गली ब्रह्मकुमारीज विवि का निर्माण दर्शाने मामले में भी आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया हुआ है। इसी प्रकार डबवाली में करोड़ों रुपये की धांधली का भंडाफोड़ किया जा चुका है, जिसमें तत्कालीन एसडीएम, रोडवेज के वक्र्स मैनेजर सहित दर्जनों अधिकारी आरोपी है। कालांवाली नगरपालिका में भी बरती गई धांधली सामने आ चुकी है।
कमाई के लिए अन्य विभागों से नप में आते है अधिकारी!
नगर परिषद और नगर पालिकाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से ये विभाग कई भ्रष्ट लोगों का पसंदीदा रहा है। वो अन्य विभागों से अधिकारी इस विभाग में डेपुटेशन पर आते है और माल बटोरकर अपने मूल विभाग में लौट जाते है। मगर, जिला नगर आयुक्त श्रीमती संगीता तेतरवाल के सिरसा में आने के बाद ऐसे लोगों की अब दाल गलती दिखाई नहीं दे रहीं। बताया जाता है कि इसी कारण अन्य विभागों से नगर परिषद अथवा नगर पालिकाओं में आए ऐसे अधिकारी अपने-अपने विभागों में लौटने की तैयारी कर रहें है।
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