कराधान आयुक्त हरियाणा के आदेशों पर 11 माह बाद अमल,ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, ईटीओ मालाराम सहित 6 पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

 डबवाली न्यूज़ डेस्क 
आखिरकार फर्जी फर्मों के सहयोगी रहें आबकारी एवं कराधान विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ सिविल लाइन थाना में धोखाधड़ी, गबन के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कराधान विभाग के ही ईटीओ की शिकायत पर ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, ईटीओ मालाराम के अलावा मैसर्ज विनय टे्रडिंग कंपनी व मैसर्ज श्री ट्रेङ्क्षडंग कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कराधान आयुक्त हरियाणा ने विभागीय अधिकारियों व फर्मों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाने के नवंबर-2019 में ही आदेश दिए थे। मगर, इन आदेशों की अब तक पालना नहीं हुई थी। पहले विभागीय स्तर पर मामला दबाने का प्रयास किया गया और फिर पुलिस के स्तर पर। नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के संज्ञान में मामला आने पर ताबड़तोड़ मामले दर्ज किए गए है। पुलिस की ओर से इस सप्ताह डेढ़ दर्जन से अधिक फर्जी फर्मों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और अब विभागीय अधिकारियों पर भी मामला दर्ज किया गया है।दरअसल, फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकार को चूना लगाने वालों को कराधान विभाग के ही भ्रष्ट अधिकारियों की शह थी। भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा ही फर्जी फर्मों को पनपने का अवसर दिया गया और उनकी धरपकड़ में भी ढिलाई बरतीं। मामले में फर्जी फर्मों को करोड़ों रुपये का रिफंड लौटाकर सरकारी खजाने को चपत लगाई गई। ऐसी फर्जी फर्मों और उनको शह देने वाले विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की लंबे अरसे से मांग की जा रही थी। लेकिन हरसंभव कोशिश की गई कि मामला दबा ही रहें। लेकिन गृहमंत्री अनिल विज के संज्ञान में मामला आने पर उनकी ओर से कार्रवाई करने और प्रगति रिपोर्ट तलब की थी। जिसके बाद कराधान विभाग और पुलिस विभाग में हरकत हुई। परिणाम स्वरूप फर्जी फर्मों के मक्कडज़ाल को तोडऩे में कुछ कामयाबी हासिल हुई है।  सिविल लाइन थाना सिरसा पुलिस ने कराधान विभाग के वार्ड नंबर-5 के ईटीओ की शिकायत पर ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, ईटीओ मालाराम के अलावा मैसर्ज विनय टे्रडिंग कंपनी व मैसर्ज श्री ट्रेङ्क्षडंग कंपनी के खिलाफ भादंसं की धारा 406, 419, 420, 465, 468, 471 व सीजीएसटी एक्ट की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायत में बताया गया है कि फर्जी फर्मों की वजह से सरकार को 29 करोड़ से अधिक की चपत लगी है। पुलिस ने मामले की जांच का जिम्मा सहायक उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार को सौंपा है। 

विभाग में सफाई बाकी!

टैक्स चोरों के साथ मिलकर सरकारी खजाने को चपत लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अभी शुरूआत हुई है। अभी तो विभाग में सफाई बाकी है। चूंकि कराधान विभाग में कहीं अधिक लोगों की संलिप्तता रही है। जिन्होंने फर्जी फर्मों के सरगनाओं के लिए मुनीम बनकर कार्य किया है। विभाग में ऐसे कर्मचारी व अधिकारी शुमार है, जिन्होंने फर्जी फर्मों के लिए रिटर्न भरने का कार्य किया है। फर्जी फर्मों की फाइलें ही खुर्दबुर्द कर डाली। विभाग में आई शिकायती ई-मेल को ही डिलीट कर दिया। अब बारी-बारी से विभाग के ही ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होने की उम्मीद जगी है और ऐसे लोगों का बच पाना आसान नहीं होगा।

टूटेगा 'एमआरपी' का तिलिस्म!

कराधान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की जेब भरकर फर्जी फर्मों का साम्राज्य खड़ा करने वाले एमआरपी यानि महेश बांसल, पदम बांसल और रमेश कुमार का तिलिस्म जल्द ही टूटेगा। शासन और प्रशासन की ओर से अब अपना रूख स्पष्ट कर दिया गया है। कराधान विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के साथ ही स्पष्ट हो गया है कि अब एमआरपी के खुले में रहने के दिन पूरे हो गए है और अब उन्हें सलाखों के पीछे जीना पड़ेगा। 

फर्जी फर्मों के कारोबार की शुरूआत एमआरपी द्वारा सिरसा से ही शुरू की गई थी। पिछले दो दशक के दौरान पूरे देश में अपना जाल फैला लिया था। फर्जी फर्मों के माध्यम से करोड़ों का कारोबार दर्शाकर टैक्स की चोरी की और विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत कर सरकारी खजाने से रिफंड भी हासिल कर लिया। सूत्र बताते है कि जिन अधिकारियों के बलबूते एमआरपी अब तक बचने में कामयाब रहें थे, गृह मंत्री अनिल विज ने उनके 'परÓ कुतर दिए है। जिसके कारण अब उनके काले कारोबार को बचाने वाला कोई नहीं है। श्री विज के कड़े तेवर के कारण ही पूरे प्रदेश में कराधान विभाग में हडकंप मचा हुआ है और फर्जी फर्मों के संचालकों को छिपने के लिए न जमीन पर जगह मिल रही है और न ही आसमान में।

फर्जी फर्म बनाने के आरोप में मामला दर्ज

सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने हिसार की दयानंद कालोनी निवासी अश्वनी कुमार पुत्र ओमप्रकाश की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। शिकायतकत्र्ता अश्वनी कुमार ने बताया कि वह फिलहाल सिरसा के हुडा चौक के पास रहता है। उसने बताया कि अनाज मंडी निवासी सुनील अरोड़ा व सत्यम निवासी हिसार ने उसके दस्तावेज का दुरुपयोग करके फर्जी फर्म बनाई है। आरोपियों ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर रामनिवास को सौंपा गया है।

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