चौटाला हाई-वे उगलता है 'सोना' !

पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर को इसी मार्ग से होता है माल का आवागमन

डबवाली न्यूज़ डेस्क 
डबवाली के एसडीएम अश्वनी कुमार की अनुपस्थिति में उनके स्टॉफ द्वारा नाकेबंदी कर वाहनों की जांच करने को लेकर सुर्खियों में आया चौटाला हाई-वे दरअसल सिरसा जिला का सर्वाधिक ट्रेफिक वाला मार्ग है।यह मार्ग नेशनल हाई-वे 54 कहलाता है और हरियाणा को पंजाब, राजस्थान, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से जोड़ता है। इन प्रदेशों से आने और जाने वाले भारी वाहनों का इसी मार्ग से आना-जाना होता है। इन प्रदेशों के बीच व्यापार की यह मुख्य कड़ी है। इसलिए इस मार्ग को 'सोना उगलने वाला मार्गÓ भी कहा जाता है। मिली जानकारी के अनुसार पंजाब और जम्मू-कश्मीर को इसी मार्ग से जिप्सम की सप्लाई होती है। गुजराज के कांडला से पंजाब की गोबिंदगढ़ मंडी में लौह अयस्क की आपूर्ति की जाती है। इसी मार्ग से पंजाब की किलियांवाली मंडी से पशु राजस्थान व अन्य प्रदशों को जाते है। इसी मार्ग से हिमाचल के बद्दी शहर में देशभर से उपकरण पहुंचते है। रामां रिफाइनरी में भी गुजरात से उपकरण इसी मार्ग से आते है। पंजाब से ट्रेक्टर व अन्य उत्पाद इसी मार्ग से अन्य प्रदेशों को आते-जाते है।यानि जिले के सर्वाधिक ट्रेफिक वाले इस मार्ग से ट्रांसपोर्ट वालों से वसूली का धंधा किया जाता है। इस मार्ग से आने-जाने वाले ट्रकों पर कम बिल, टैक्स चोरी के मामले तो पकड़े ही जाते है। ओवरलोड माल का मिलना सामान्य बात है। सूत्र बताते है कि विभिन्न प्रदेशों को पार करके गतंव्य पर पहुंचने वाले ट्रक ड्राइवरों द्वारा हर नाके पर सुविधा शुल्क की अदायगी की जाती है और आगे बढ़ते जाते है। नाकेबंदी के दौरान जांच के कारण समय की बर्बादी को देखते हुए सबकुछ ठीक होने पर भी ट्रंासपोर्टर सुविधा शुल्क अदा करने को प्राथमिकता देता है। ऐसे में अवैध रूप से नाकेबंदी और जांच की नौटंकी भी अमल में लाई जाती है। जिसके कारण सरकार को कुछ प्राप्त नहीं होता। सूत्र बताते है कि यदि ईमानदारी से जांच हो तो सरकार के राजस्व में यह मार्ग प्रदेश के अन्य मार्गों से अधिक राजस्व अर्जित कर सकता है, लेकिन जांच की बजाए खानापूर्ति ज्यादा सहज होती है। 

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